मिलने का मोसम आया है ,मेला जो अब आया है।
खेल खिलोने वो सब लाये ,दुकानों को सजाया है।
चकरी झूलो में ही तो अब हमारी बात जो होगी,
आज चारो और खुशियों की ,माला भी वो लाया है। मोहित
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