सफर बिना हमसफ़र अच्छा नही लगता है ।
बिना माँ के वो घर अच्छा नही लगता है।
चले जाये हम कितने भी आज दूर मगर,
गांव से कभी शहर अच्छा नही लगता है ।
मोहित
Sunday, March 26, 2017
गांव से शहर अच्छा नही लगता
कुछ अच्छा नही लगता तेरे दर के बिना
सफर अच्छा नही लगता हमसफ़र के बिना ।
शहर अच्छा नही लगता कभी घर के बिना।
चले आएंगे हम दूर से तेरे करीब,
कुछ अच्छा नही लगता तेरे दर के बिना।
मोहित जागेटिया
शहादत तुम्हारी भूल नही पाएंगे
देश पर मर मिटने वाले हम को याद आएंगे ।
उनकी शहादत के गीत,गजल हम रोज गाएंगे ।
भगत सिंह,सुखदेव,राजगुरु को देश नमन करता,
शहादत हम कभी तुम्हारी भूल नही पाएंगे।
मोहित
मेरे बन के मेरे गम हरने
सच में तुम तो अब मोहब्बत करने लगे हो ।
करके गुना वो तुम भी जख्म भरने लगे हो ।
तुमने उसकी हर वफ़ा की सजा मुझे दी है ,
अब मेरे बनके मेरे गम हरने लगे हो ।
मोहित
कभी नाराज मत होना
तुम अब उनकी कभी आवाज़ मत होना ।
छुप जाहो सुरों में वो साज मत होना ।
चलना होगा तुमको भी हमारे साथ
अब कभी तुम हम से नाराज मत होना।।
मोहित
Thursday, March 16, 2017
किसान
अपनी बेबसी पर खुद ही रोता है
सुकून की नींद कभी नही सोता है।
मेहनत के दम पर वो खुद पलता है
खुद की नजरों में वो ही फिसलता है।
जब कुदरत अपना कहर बरसाती है
हकिगत भी सपनों से दूर जाती है।
जब ज्यादा खेत में बारिश होती है
सूखे को देख आँखे भी रोती है।
नही अपने माल का भाव मिलता है
हर वक्त अपने काम का ताव मिलता है।
ऐसी है मेरे किसान की हालात
जो बिन मौसम पर होती है बरसात ।
आज देश का किसान बदहाल मिलता
कही नही वो हमको खुशहाल मिलता।
मोहित
होली
वंदावन की प्यारी प्यारी बोली है ।
कुमकुम, चन्दन,केसर की ये रोली है।
प्यार का रंग एक दूजे पर लगायें,
बुरा ना मानों आज ये तो होली है।
मोहित
होली पर
हम भाईचारे का त्यौहार मनायें।
अपनी बुराई को होली में जलायें।
ऐसा ही भारत में होलिका दहन हो,
एक दूजे पर खुशिया अपार लुटायें।
मोहित
होली
वंदावन की खुशबू हो बसंत की बहार हो ।
ब्रज की होली राधा संग खुशिया अपार हो ।
आज खेलों तुम गोपियों संग प्यार की होली,
ऐसी होली हो जिसमें खुशिया संग प्यार हो।
Monday, March 6, 2017
शादी की साल गिराह
चन्दन की वादियों में बसेरा हो आपका
एक दूजे से मिलने पर सवेरा हो आपका ।
ऐसा ही जन्म ,जन्म का बंधन हो आपका
मधुर मुस्कान दिखे वो सम्बन्ध हो आपका ।
जीवन के पथ पर साथ चलने का साथ मिला
आगे बड़ने का एक दूजे को हाथ मिला ।
एक दूजे का सपना आपका स्वीकार हो
जब हँसता खिलता हुआ आपका परिवार हो
हमेशा एक दूजे के दिल को तुम थामना
वर्ष गाठ पर मेरी ये ही मंगल कामना।
मोहित जागेटिया
विवाह की वर्षगाँठ पर
दो दिल मिलें थे तभी जा कर फूल खिले थे
वो चमन भी महका था जब दो दिल मिले थे ।
यूँ ही प्यार का बंधन आगे बड़ता रहें
आपकी जिंदगी का सफर यूँ चलता रहें।
ये जोड़ी तुम्हारी हर पल सलामत रहें
एक दूजे के दिल में ये मोहब्बत रहें।
एक दूजे के हर सपनों को उड़ान मिलें
मेरी दुआ है हर मोड़ पर मुस्कान मिलें।
मोहित
Thursday, March 2, 2017
नेता पर कविता
नेता की तो प्यारी प्यारी बोली है।
जनता तो सारी बेचारी भोली है।
चुनाव में जनता को कभी ढूंढ़ते है
चुनाव बाद जनता को वो लूटते है।
ये कैसा आज वो देश बना रहें है
देश में कैसा परिवेश बना रहें है।
भाई भाई में लड़ाई कराते है
दुश्मन को भी अपने गले लगाते है ।
राजनीति में ये कैसा साल आ गया
नेता का आज तो बुरा काल आ गया ।
ये क्या अमन में कभी फूल खिलाएंगे
जो वोट के लिए खुद ही गिर जाएंगे।
मोहित जागेटिया
मोहब्बत की बस्ती में प्यार का पैगाम लाया
मोहब्बत की बस्ती में ,प्यार का पैगाम लाया हूँ ।
में अपना शहर छोड़ के,आज तेरे शहर आया हूँ ।
मुझे दुगनी मोहब्बत से तुमने जो आज नवाज़ा है
हमेशा याद आएगा ,ऐसा प्यार यहाँ पाया हूँ।
मोहित
झूट से नफरत करता हूँ
जिसने मेरे को चाहा उस से मोहब्बत करता हूँ ।
में तो झूट से हर पल हमेशा ही नफरत करता हूँ ।
ये दुनिया कितनी जालिम इसको में नही समझ पाया,
अपनों से धोखा जो करें उस से बगावत करता हूँ ।
मोहित