Wednesday, July 26, 2017

यमुना के किनारे

यमुना  के  किनारें  काना  बंशी बजाते थे।
गोकुल  में  तो  मुरली  वाले गाय चराते थे।
अरे नटखट थे नन्द और यशोदा का लाला,
राधे  नाम  की  वो ब्रज  में धूम मचाते  थे।
मोहित जागेटिया

Tuesday, July 25, 2017

अधूरी सी जिंदगी

"अधूरी सी जिंदगी"

पल पल बीत रहा है
पल पल बीत गया
हर पल अधूरा हूँ,
तुम्हारे बिना ये
अधूरी सी जो जिंदगी ।
पल पल टूट रहा हूँ
हर पल सुख रहा हूँ
तुम्हारे बिना में
जीवन जो जी रहा हूँ।
खुद को में तुम मै
सीमेट रहा हूँ ।
खुद को में खुद ही
मिटा रहा हूँ ।
तुम्हारे बिना जो
जीवन मै जी रहा हूँ ।
मोहित

बहिन( रक्षा बंधन)

         ""    बहिन   ""
तुम  सावन  की आज पहली बौछार हो ।
तुम  बहती  नदी  में  निर्मल  सी धार हो ।
तुम  ही इस चमन में खिलता वो फूल हो,
तुम घर आँगन में भाई का कही प्यार हो।
तुम   से  सजा  ये  सुन्दर  वो  संसार  हो
ये घर  तुम  से  बना  वो  तुम परिवार हो।
एक  रेशम   के  धागे   से   बना   रिश्ता,
मेरा  तुम   रक्षा   बंधन  का  त्यौहार  हो।
                  मोहित
    

Thursday, July 20, 2017

मेरी कविता

             मेरी कविता
नही फूलों का हार है शब्दों का श्रृंगार है
शब्द शब्द माँ सरस्वती का ये उपहार है।
हर दिन मोहब्बत मेरी कविता का काम है
यही  मेरा  दुनिया  को  प्रेम  का  पैगाम है।
जग  में  शांति  अहिंसा  का  मेरा ईमान है
मेरी  सत्यता  ही  यहाँ   मेरी   पहचान  है।
गलत करें उसके लिए ये दर्पण बन जाती
अच्छा करें उसके लिए समर्पण बन जाती ।
गलत को गलत बताना यही मेरा काम है
मेरी कविता बस आज प्यार का पैगाम है।
मोहित






हर दिन मेरे ख़्वाबो में तुम आते हो ।मुतक्त

जिंदगी  को   तुम   फूलो  से  बनाते  हो।
हर दिन हर सपना आज तुम सजाते हो ।
खुशबू  फूलो  से  जुदा  नही  हो  पाती,
हर  दिन  मेरे  ख़्वाबो  में  तुम  आते  हो।
मोहित
मेरी  हर  बातों  को कभी भुलाते हो ।
प्यार में बहुत गम मुझे भी सताते हो।
आँखों  ही  आँखों  में अपना हो जाते,
हर  सपना  पूरा  हो  तुम  वो  रातें हो ।
मोहित

Tuesday, July 11, 2017

मुक्तक अमरनाथ हमले पर

शिव तेरे भक्त तो ,तेरी  चरणों में सो रहें है ।
भक्त तुम्हारे दरबार में ,तुम  कहाँ खो रहें है।
हे भोले  तुम्हारे  होते  भारत  पर  क्यों ऐसे,
हमेशा  ही ये आतंकवादी  हमले  हो  रहें है।
मोहित

अमरनाथ हमले पर

   "अमरनाथ हमले पर मेरी कविता"

मोदी जी अब हम किस पर आस लगायें
हमले तो हो रहें किस पर विश्वास लगायें ।
कब   तक   हमले   यहाँ   पर   होते   रहेंगे
कब   तक   हम   इंसान   को  खोते   रहेंगे।
तुम  को  तो अब  शिव रूप बनाना होगा
विक्राल  रूप   देश   को  दिखाना  होगा ।
तांडव  कर  अब  भूचाल   मचाना   होगा
शिव  नाम  ले  कर  आतंक  मिटाना होगा।
बहुत   हो   गया  अब  तो  यहाँ  अत्याचार
या   कमजोर   हो   रही   हमारी   सरकार।
अमर  बर्फानी   को   भक्तों  से  प्यार   था
सावन   का   ये   पहला  ही  सोमवार  था।
दुश्मन  तो   अपनी   घात   लगा   बेटा  था
शिव  भक्त  तो  आज   चरणों  में  लेटा  था ।
शिव  नाम  का  वह  दुश्मन  ऐसा  कौन था
दुश्मन   के   सामने   मेरा   शिव   मौन   था।
शिव   तेरा  भक्त   रात   दिन  जाग  रहा  था
आ  कर  सलामत  की   दुआ  मांग  रहा  था।
दुश्मन  की  दुआ  तुमने  आज  सुन  ली थी
भक्त  ने  तो   जगह  चरणों  में  चुन  ली  थी।
सब  की  दुआ  सुनलो  दुश्मन  को  मिटा  दो
घाटी   में  शांति  ला   कर , अशांति   हटा  दो।
तुम  हम  सब  को  खुशियों  की  दौलत  दे दो
हम  सब   को   सलामत   की   शौहरत  दे  दो ।
मोहित

Friday, July 7, 2017

हम भी आशियाना बनाने चलें है

हम   भी  अपना  आशियाना  बनाने  चलें  है।

रात के सपनों को अब हकिगत सजाने चलें है।

जो  छोड़  चूके  हमारा  साथ  इस  दुनिया  से,

उनको  छोड़  हम  भी  दुनिया  बसाने  चले  है।
मोहित

रूठना दोस्त से

ये दोस्त हमनें तो तुमको उठाना चाहा
मगर तुमनें खुद को खुद से गिराना चाहा।
हमनें तुमको अपना मान दोस्ती निभाई
तुमनें तो हमसे हर बात भी जब छुपाई।
खुद को गिरा कर तुम अब उठ नही पाहोगें
मंजिल से भटक नही रास्तों पर आहोगें।
हकिगत में अब तो हम भी तुमको जान गये
तुम्हारी हर हरकत को अब पहचान गये ।
मैं तुम्हारी हर हरकत का जुवाब दूँगा
में मेरी दोस्ती का भी अब हिसाब दूँगा।
अब नही तुम्हें कुछ कहने का अधिकार है
तुम्हें तो अब किसी और से जो प्यार है।
मोहित

गुरु देव पर मुक्तक

में अपनी हर ख़ुशी को उनको पैगाम करता  हूँ ।
इस जिंदगी की दौलत को उनके नाम करता हूँ।
यहाँ जो भी मिला है  उनके आशीर्वाद से मिला,
गुरु  पूजा कर के गुरु चरणों में प्रणाम करता हूँ।
मोहित

आँखों से उस दोस्त को बदलते देखा है

मैने  बुझते  चिराग  को  जलते  देखा  है।
कभी उस आंगन में फूल खिलते देखा है ।
कभी जिंदगी भर साथ का वादा किया था,
आँखों से उस दोस्त को बदलते देखा है।
       ।।मोहित।।