Tuesday, October 31, 2017
गुरुदेव के जन्म दिन पर
आज मेरे गुरुदेव महंत दीपक पूरी जी का जन्मदिन है .....अभिनन्दन करता हूँ वंदन करता हूँ ...मेरे गुरुदेव का है जन्मदिन सबको सूचित करता हूं ..
दीपक बन के जग में वो आयें ।
रौशनी अपनी साथ वो लायें ।
अँधेरा हट गया हर फ़िजा से,
भगवान बन के आज वो छायें।
जग से हारे का तू साथ निभाता है ।
दीनों दुखियों का तू मान बढाता है।
संसार में भटक गये अपनी राह से,
उनकी अंगुली पकड़ राह दिखाता है।
मोहित
जय जय गुरुदेव
Saturday, October 28, 2017
बेटियों को बचाहियें
प्रकति को बचाना है तो बहती नदियों को बचाहियें ।
सभ्यता को बचाना है तो संस्कृतियो को बचाहियें ।
अगर खुद को हमको बचाना है तो सबसे पहले तो,
भूर्ण हत्या बन्ध कर हमारी बेटियों को बचाहियें।
मोहित
मेरी नजर तुमको देखना चाहती
मेरी नजर तुम्हें हर पल देखना चाहती है।
तेरी खुश्बू से ये आज महकना चाहती है।
अरे तुम भी आज मुझे अपने गलें से लगा दो,
अब साँसे तेरी सासों से मिलना चाहती है ।
मोहित
Friday, October 20, 2017
दिवापली
हर खता भूल कर दुश्मन को गले लगायें ।
प्यार का दीया हम अपने दिल मे जलायें ।
दीप शिखा रौशनी का ये पावन पर्व है,
आहों मिल कर हम सभी दीवाली मनायें ।
मोहित जागेटिया
दीपावली
आओ मिल कर खुशियों का ये त्यौहार मनायें ।
हर घर मे हम भी रौशनी का दीया जलायें।
ये दीप शिखा हर आँगन में झिलमिलाती रहें,
हम सब के दिलों में प्यार की ये अलख जगायें।
मोहित
Monday, October 16, 2017
दिवापली पर कविता
आप सभी को मेरी और मेरे परिवार की और से इस पंच महोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं ।
ये पँचउत्सव धनतेरस,रूप चौदस,दिवापली,गोर्धनपूजा और भाईदूज हमारे जीवन मे अनेकानेक खुशियों की दौलत भर जाए।
हम सब के घर में माँ लक्ष्मी का निवास हो ।सुख शांति और भाई चारे के ये त्योहार अपार खुशिया दे जाए।
दीपावली का पावन पर्व हम सब के जीवन में अंधकार को मिटा के रौशनी भर दे ।
आओ मिल कर खुशियों का ये त्यौहार मनायें
हर घर मे हम भी रौशनी का दीया जलायें।
ये दीप शिखा हर आँगन में झिलमिलाती रहें
खुशियों की ये सौगात हर घर तक आती रहें।
ये पर्व भाईचारे का पैगाम दे जाए,
खुश्बू वाली आज सुबह और शाम दे जाए।
मिटा नफरत आपस मे प्रेम को गले लगायें
भूला कर सारे गम को अपनो को अपनायें।
हर आँगन में भाईचारे की खुशहाली हो
प्रेम , शांति, सुकून वाली ये वह दीवाली हो।
Saturday, October 14, 2017
कितना प्यार है तुम से
कितना प्यार है तुम से,,,,,,,,,,,,!
तुम शब्दों का श्रृंगार हो
तुम फूलो का हार हो
मेरे आँगन को महका दे
वो तुम ही गुलजार हो।
मेरी हर सुबह और शाम हो
मेरी जुबान पर बसी वो नाम हो।
तुम से ही आज कल में चल रहा हूँ
तुम्हारी सासों में ही पल रहा हूँ।
दिन भी तुम से होता है रात तुम हो
ख्वाब में जो आये हो बात तुम हो।
तुम बहती नदी की निर्मल धार हो
तुम ही मेरा अब सच्चा प्यार हो।
तुम दूर हो फिर भी तुम्हारा आभास है
मेरे दिल की गलियों में तुम्हारा ही निवास है।
मेरे जीने के लिए मेरी जान हो तुम
मेरी हर गम में मुस्कान हो तुम ।
तुम्हे ख़्वाबो में मैं सजाता रहूँगा
हर दिन तुम्हें मैं बुलाता रहूँगा।
में तेरा श्याम तुम मेरी राधा रानी हो
जिंदगी के सफर की मेरी कहानी हो।
तुम से कितना प्यार है इन शब्दों में अहसास नही
अभी प्यार अधूरा है क्यों कि तुम मेरे पास नही ।
जिस दिन तुम मेरे पास होगी
उस दिन सच्चे प्यार का तुमको अहसास होगा।
बस मेरे लब्जों में तुम बया नही हो सकती हो
तुम अब किसी और के ख्यालो में नही खो सकती हो ।
तुम्हारे बिना अब में भी अधूरा हूँ
नही तुम्हारे बिना में पूरा हूँ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
Saturday, October 7, 2017
में अपने काम से काम करता हूँ
में अपने काम से अपना काम करता हूँ ।
बड़ो की चरणों मे आज प्रणाम करता हूँ।
जिनके आशीर्वाद से ये दौलत जो मिली,
में अपनी जिंदगी उनके नाम करता हूँ।
मोहित