Thursday, April 26, 2018

हम हर खुशी तेरे आंगन में मनाएंगे

नफरत की दुनिया मे प्यार का दीया जलाएंगे।

अपने हर दुश्मन को भी हम अब गलें लगाएंगे।

मिटा कर सारी द्वेष भावना आज अपने दिल से,

हम  हर  खुशी  तेरे  आंगन  में  आ  कर मनाएंगे।।

मोहित

इस दिल ने तुमको अपना माना है

मेरी  आँखों  ने  तेरे  ख्वाब  को  आज  पाला  है ।
तेरी हकिगत को हकितग हमने भी अब जाना है।
इन नजरों से दूर हो दिल के तो फिर भी पास हो,
इस दिल ने तुमको ही अपना ही अपना माना है ।

मोहित

Wednesday, April 25, 2018

ईश्वर प्राथना

श्रद्धा और सुमन तुम हो
विश्वास की किरण तुम हो
जहाँ पर पुष्प खिलते है,
वो मेरा उपवन तुम हो।।

इस दिल मे तुम पलते हो
दीपक बन के जलते हो
मिलता जहाँ पर भी प्यार,
खुद के दम पर डलते हो।।

मेरा मन मंदिर तुम हो
इस दर्शन का घर तुम हो
इस दिल मे तुम रहते हो,
अब यहाँ वहाँ पर तुम हो।

देना हम को भी प्रकाश
रहे तुम पर ये विश्वास
हर वक्त बना रहे साथ,
तुम ही मेरी आज आस।

नव दीप नवकार तुम हो
हर फूल का हार तुम हो
जहाँ पर मिलता सम्मान
वो हमारा प्यार तुम हो।।

अब दर्शन का ध्यान मिलें
तुम्हारा ही ज्ञान मिलें
तुम्हारी वंदना करू
उन चरणों मे स्थान मिलें।।
मोहित






अब वो कल नही आएगा

भूली बिसरी यादें
अब मिट जाएगी
साथ रही बातें
बातों में कट जाएगी
अब वो पल नही आएगा
कल जो हमारा कल था
वो कल भी अब नही हमारा रहा।।
नई यादों के साथ तुम पुराने
कल को भुला बैठे हो।
नई यादों के साथ नये सपने
ले कर तुम लेटे हो।
ये जिंदगी जीने का तरीका है
पुरानी बातें पुरानी यादें को भूल जाना
नई बातों को नए लोगो के संग दोहराना।।
असल जिंदगी में ये ही होता है
जो जिसको चाहता है
वह उससे ही दूर होता है।
वो पल याद आएगा
तुम्हारे  संग बातें करना
तुम्हारे साथ कहि आना जाना
तुम से लड़ना झगड़ना
तुम्हारे संग हँसना रोना
लेकिन अब वो पल नही आएगा।।
ये वो अधूरी कहानी ही रहेगी
मेरी जिंदगी की निशानी रहेगी
इस सोच सोच में पागल हो जाहूँगा
बिन मौसम बरसने वाला
में बादल हो जाहूँगा।
बस भूल मत जाना तुम मेरी बातों को,
साथ गुजारी हर मुलाकातों को।

मोहित

Sunday, April 22, 2018

भूल कर भी हम न भूल पाएंगे

भूल कर भी तुम्हें हम न भूल पाएंगे।
रात दिन तुम्हें जो कभी याद आएंगे।
बीती बिसरी बातें जो याद आएगी,
उन बातों में हम आज कल खो जाएंगे।।
मोहित

एक रूप में तुम दो रूप धरोगी

एक रूप के तुम दो दो रूप धरोगी।
मेरी राधा तो कभी रुक्मणि बनोगी।
अब तुम मेरी मीत तो उनकी प्रीत हो
मेरी पीड़ा तो उनका दर्द  रहोगी।।
मोहित

Wednesday, April 18, 2018

मेरी मोहब्बत की अधूरी कहानी

तुम मेरी मोहब्बत की अधूरी कहानी ।
आँखों से बहता तेरी यादों का पानी।
अब कैसे समझा हूँ इस पागल दिल को में,
तुम भी अब हो किसी और राजा की रानी।।
मोहि

प्रेम पत्र 3

जिंदगी के इस सफर में अनजान ,अजनबी से न जाने किस तरह हमारी पहचान हो गई।वक्त की आंधी के बीच हम भी चलते गयें और मोहब्बत की राह हमारी मजबूत हो।हर पल एक दूजे में खो जाना एक दूजे की चाहत सी हो गई।सोचा न था जिंदगी में इतना हसीन पल भी आएगा।एक दूजे के बिना जीना जिंदगी नही लगेंगी ।पर अब वक्त के साथ बदलना और वक्त से साथ चलना एक दूजे की मजबूरी है।
धधती आग में चलना होगा ,ससक्ति छाव में रहना होगा।
नम आँखे होगी, साँसे थम रही होगी, दिल धड़क रहा होगा तुम जा रही होगी मेरे ह्रदय के द्वार से दूर ये दिल तुमको कुछ नही कह रहा होगा। बस मेरी आँखें तुमको देख कर बरस रही होगी।
ये दिल कल वाली याद में आज रो रहा होगा ।
न जाने कैसे कैसे सपने देखे थे।आज उन सपनों में खो रहा होगा ।जैसे टूट कर तारा आसमान से नीछे गिर रहा होगा।। भूल तो नही रहा होगा पर भुलाना होगा।।
जाने अनजाने में गलती भी हुई होगी उसको तुम माफ़ कर चली जाना।तुम्हारा अहसान और अहसास इस दिल को हमेशा याद रहेगा ।दिल से तुम कभी मत भुलाना
में हमेशा अपने ह्रदय में तुमको एक मूरत की तरह रखूंगा।हमेशा तुम्हारी पूजा वंदना करता रहूंगा।
तुम्हारा प्यार मेरी पहली मोहब्बत से भी कही दूना ज्यादा था।तुमने मुझे हर प्रकार से अपनापन का अहसास का आभास कराया है।
आपके लिए ये ही शुभकामना दे रहा हूँ,,,,,
                ""मुबारक हो""

मधुर मिलन की मधुर वेल में

मिलने का मौसम आया है।

मिल कर एक दूजे की

जिंदगी को सवारने का

वो हसीन पल आया है।

पतझड़ गई बसन्त आई

उपवन में फूल खिलने

का मौसम आया है।

तुम जो एक हो रहें हो

वो शुभ वेला आई है।

मंगल परिगहन में बंध जाओ

मंगल कामना करता हूँ।

मधुर मिलन की मधुर वेला में

मंगलमय हो जीवन आपका

उमंग उल्लास एवं आनन्द के

इन मधुर क्षणो में मधुमय हो

जीवन आपका।।

ये ही मेरी आपको हार्दिक शुभकामनाएं।।

Saturday, April 14, 2018

उपवास

सत्ता पाने के लिए आज कुछ खास करना है
अपनी  गलती  का  ही हमें उपहास करना है
कब  तक  बेचैन  बेटे  हम सत्ता  के  विरोधी ,
अब छोले भटूरे  खा  कर  उपवास करना है ।
मोहित

Sunday, April 8, 2018

जिंदगी

जिंदगी सुबह है जिंदगी शाम है ।
जिंदगी तो इस जीवन का नाम है।
अब डल रही ये सुबह और शाम है
बन रहा इस जीवन का ये काम है।।
आज यहाँ कल वहाँ ये चल रही है
अपने दम पर जिंदगी पल रही है।
आज कल बचपन की यादें छोड़ कर
ये आंधी के बीच अब जल रही है।।
जिंदगी तो बात बात में कट रही
रोज उम्र हमारी यू घट रही है।
जिंदा तब तक जिंदगी जी रहा हूँ
रोज इस के लिए जहर पी रहा हूँ।
जिंदगी ही जीवन की मुस्कान है
जिंदगी ही जीवन की पहचान है।
मोहित

Saturday, April 7, 2018

जन्म दिन पर


आपके चहरे  की मुस्कान कभी नही जायें।
नजरों से पलकों पर कभी नही आंसू आयें।
हर ख्वाब की सारी इच्छा पूरी हो आपकी ,
जन्म दिन पर ये आशीष तुम हम सब से पाएं।
मोहित

हर पल आपके होंठों पर मुस्कान रहें ।
आपकी खुशी में आपका सम्मान रहें ।
जिसके साथ महक उठे जिंदगी आपकी
आपके आस पास वो ही इंसान रहें ।
मोहित

मोहब्बत के सफर को शमा का परवान दे देना

जा कर उसको मेरी यादों की मुस्कान दे देना।
उनकी कहि बातों से उनका तुम गुणगान दे देना ।
वो मोहब्बत की आग इस दिल मे आज भी जल रही,
मोहब्बत के सफर को शमा का परवान दे देना।
मोहित

तेरा होने में मुझे अब डर लगता है

तेरी  यादों  में  मुझे  मेरा  घर  लगता  है।

तेरे साथ मुझे अब भी वो सफर लगता है।

हो तुम किसी ओर के ये में अब जानता हूँ,

तेरा  होने  में मुझे भी अब डर लगता है।
मोहित

Wednesday, April 4, 2018

विदाई दूंगा

नम आंखों से तुमको विदाई दूंगा ।
तह दिल से तुमको मैं बधाई दूंगा।
रहना तुम हमेशा वहा पर सलामत,
ये ही उस ईश्वर से दुवाई दूंगा ।।
मोहित

Tuesday, April 3, 2018

आरक्षण

आरक्षण की आग में मेरा देश जल रहा है।

न जाने किस आग में मेरा देश जल रहा है
कौन से आदर्श पर आज कल ये पल रहा है।

भीमराव के संविधान को भी तोड़ा जा रहा
इस देश की दिशा को ही और मोड़ा जा रहा।

हर चारोयें पर अब रोज दंगा हो रहा है
आरक्षण के लिए ये देश गंदा हो रहा है।

ये कैसी तुमने आग लगाई बसें जलाई
क्या तुमने बाटने,तोड़ने की अलख जगाई।

भीमराव ने न्यायालय को भी सम्मान दिया
आज उसी न्यायालय को तुमने अपमान दिया।

प्रतिभाओं को दबाया तुमको आगे बड़ाया
इस देश ने तुमको हमेशा ही आगे लाया।

इस देश मे तुमको हर जगह पर जब स्थान दिया
आसन,सिंहासन पर बैठा कर सम्मान दिया ।

तो क्यू अपना राष्ट धर्म को तुम भूल रहें हो
अपना कर्तव्य और कर्म को तुम भूल रहें हो।

हम सबको सम्मान का बराबर अधिकार मिलें
एक दूजे से आपस में हमेशा प्यार मिलें।

जातिवाद और आरक्षण को अब खत्म करो
राष्ट धर्म का तुम अब अपना सच्चा कर्म करो।

मोहित