Wednesday, May 30, 2018

अपना ख्याल रखना

मेरे  जवाब  का  हमेशा  तुम  सवाल  रखना।
जिसमे  खुश  रहों तुम वो हमेशा हाल रखना।
मेरी  मोहब्बत  की  ये  ही  दुआ  है  तुमको ,
अब तुम जहाँ भी रहों अपना भी ख्याल रखना।।
मोहित P

Tuesday, May 29, 2018

संसार बनूंगा

तेरी  यादों  का  में  अब  श्रृंगार लिखूंगा।

तुमको ही में अपना आज प्यार लिखूंगा

लिखने  चला  में  तुम्हारे  लिए  हर  शब्द,

आज  तुमको  ही  अपना संसार लिखूंगा।।
मोहित

श्याम बनूंगा

तू मेरी राधिका में तेरा श्याम बनूंगा ।
तू मेरी सीता तो में कभी राम बनूंगा।
इस जीवन की नदियां को पार करने के लिए
प्रेम का नशा नही उतरे वो जाम बनूंगा।।
मोहित

Thursday, May 24, 2018

रमजान

तुम्हें तुम्हारा अरमान मुबारक
तुम्हें तुम्हारी मुस्कान मुबारक
खुदा की इबाबत करने के वास्ते
तुम्हें तुम्हारी रमजान मुबारक।।
मोहित

नेता

सियासत में उससे मैं अपना कैसे मान लेता।
जो अपना था आज कैसे अपना पहचान लेता।
गिरी है और गिर रही आज हमारी ये सियासत
में नेता की विरासत को अब कैसे जान लेता।।
मोहित

Thursday, May 17, 2018

माँ

दिल को बहुत लुभाती है माँ।
पास न हो तो  सताती है माँ ।
हर पल हमें वो याद आती है।
बहुत कुछ सिखाती है माँ।
   ।।     मोहित।।

Wednesday, May 16, 2018

हिसाब

नींद मेरी अब ख्वाब ले रही है
आफत मेरी जवाब ले रही है।
कभी मेने जिसको चाहा था
आज वही तो हिसाब ले रही है।।
मोहित

Saturday, May 12, 2018

मा

माँ शब्द में वो सामर्थ्य ,शक्ति और साधना है जो किसी और शब्द में नही है।माँ शब्द में कठोर तप,तपस्या, समर्पण है।माँ शब्द में करुणा,दया के भाव भरा है।माँ से ही ये संसार बना है।माँ है तो हर घर आंगन में खुशहाली है।बिना माँ की कुछ नही है।

हमेशा ही मेरा वो ख्याल रखती है।
जिसकी दुआयें मेरे साथ चलती है।
कितना ही झूठ क्यों न बोलू इस रब में
एक माँ जो मुझ पर विश्वास करती है।।
मोहित

माँ

मातृ दिवस पर मेरी रचना ।
मातृ दिवस की शुभकामना के साथ
माँ मेरी सूरत है ।
वही मेरी मूर्त है ।
माँ की मुझे हमेशा
वही जो जरूरत है।
माँ मेरा मन्दिर है ।
माँ ही मेरा घर है।
माँ से ही मेरा हर
सपना शाहकार है ।
माँ पूजा की थाली है ।
घर में जो खुशहाली है ।
जब माँ है तो सब कुछ है
बिना माँ सभी खाली है ।
मोहित

Tuesday, May 8, 2018

तूफ़ान

गम  के  साये  में  रहने  वाला  आज मुस्कान क्या जाने।
हम पर क्या क्या गुजरी अब वो नादान इंसान क्या जाने।
हवा और आंधी के साथ उड़ गया आज परिंदों का घर,
तिनका तिनका से बना एक घोसला तूफान क्या जाने।।
मोहित

Monday, May 7, 2018

भगवान महेश

            महेश वंदना
भगवान महेश तुम्हारी करू में वंदना
में शीश झुका कर चरणों मे बना हूँ अपना
जय जय महेश तुम्हारी जय भगवान महेश ।।

तेरे वंश के हम तेरी चरणों मे आयें
अपने दिल के सुमन तेरी चरणों मे लायें।
जय जय महेश तुम्हारी जय भगवान महेश।।

माहेश्वरी बना कर तुमने तो उधार किया
अपनी चरणों मे लगा कर अब स्वीकार किया
जय जय महेश तुम्हारी जय भगवान महेश।।

तुमने ही विवेक बुद्धि और तेज ज्ञान दिया
खुद के व्यापार में मान और सम्मान दिया
हार कर भी तुमने हमको जीवन दान दिया
करें तुम्हारी सेवा वो तुमने ध्यान दिया
जय जय महेश तुम्हारी जय भगवान महेश ।।

ये मेरा तन मन तुमको को तो समर्पण है
इस जीवन के पग पथ पर हर बार वंदन है
जय जय महेश तुम्हारी जय भगवान महेश।।

मोहित जागेटिया



Friday, May 4, 2018

अपना फर्ज निभायें जाएंगे

हम पर चाहे कितने भी इल्जाम लगाए जायेंगे।

रिश्ता तोड़ने के आज बहाने बनायें जाएंगे।

तोड़ना है तो तोड़ दे दिलों का ये नादान रिश्ता

हर रिश्ते से हम तो अपना फर्ज निभायें जाएंगे।
मोहित जागेटिया

Thursday, May 3, 2018

वेदना गीत

तुम चली आओ तुमको मेरा निमंत्रण है
तुम्हारे लिए सजल पड़े ये वो नयन है
प्यासा दिल तुम्हारी आहट में बैठा है
जब तुम चली आओ तो ये दिल भी चमन है।

तुम्हारे ही नाम की सासे चल रही है
तुम्हारी कमी मेरे दिल को खल रही है
अब तुम भी चली आओ नही तो तुम्हारी,
अब विरह वेदना में धड़कने जल रही है।

कभी याद में आंसू की धार बह रही है
इस दिल की धड़कन हर दर्द को सह रही है
तुम आरजू मेरी धड़कन और मोहब्बत,
दूर हो फिर भी तुमको अपना कह रही है।

मोहित

Wednesday, May 2, 2018

उलझा मन

निरादार हो रही वो किरण कहा है
मिल नही रहा प्रकाश वो तन कहा है।
वो हवा भी चल रही डल रहा तन मन
दिख नही रहा जो है सामने दर्पण।

यहाँ बन रही बात बात पर हर बात
जीने नही दे रहें अब वो हालात।
इस जीवन मे छाया हुआ अंधकार
सुमन सी खुशबू का मिलें वो संसार।

बनी है कही आज इस मे आशायें
जल रही दिल मे कही और ज्वालायें।
हर तपन सहन कर आगे बड़ रहा हूँ
हर कठिनाई से अब में लड़ रहा हूँ।

मन की माया कभी नही समझ पाया
मन ही तेरा बार बार ख्याल लाया।
मन ने ही मधुर आज सपना सजाया
इस मन ने ही  तुम्हें अपना बनाया।।
मोहित