Saturday, June 30, 2018

मंदसौर की बलात्कार की घटना पर मेरी कविता।कब तक उस बच्ची न्याय मिलेगा,क्या ऐसी घटना रोकने का कोई हमारी सरकार के पास ईलाज है या नही।देश मे हमारी बेटिया कब तक सुरक्षित होती।

कब तक इस देश ऐसी घटनाएं होती रहेगी।
तब तक कोट कचहरी सरकार भी सोती रहेगी।

इस बार फिर से देश की जनता आगे आएगी
उस  लिए जनता इंसाफ की आवाज उठाएगी।

मंदसौर की बेटी हर भारतवासी की बेटी
हैवानियत की ये घटना हर कोने में समेटी।

हैवानियत भी ऐसी  हर एक रूह कांप जाएं
बच्ची का दर्द जान कर आखों से आंसू आएं।

हैवानियत की ये घटना कब तक होती रहेगी
हर बार क्या ऐसे ही हर बच्ची रोती रहेगी।

क्या ऐसी घटना का घटना कितनी बात बुरी है
अब ऐसे कुकर्मी का ईलाज बहुत जरूरी है।

रोज रोज की घटना का अब सबक सिखाना होगा
हर शैतान को जल्द फाँसी पर लटकाना होगा।

ऐसे दरिंदगी की हमेशा आवाज उठायेंगे
हम हर पापी को सजा आज फाँसी दिलवाएंगे।
मोहित

में कवि हूँ

मैं कवि हूँ कविता बन कर छाऊँगा
दीन दुखियों की भावना गाऊँगा ।
हर गरीब की वेदना सुनाऊँगा
कभी सत्ता को दर्पण दिखाऊँगा ।

उस वतन का कितना दर्द होता है
जब वहाँ पर कोई भूखा सोता है।
भूखा बच्चा रोटी पर रोता है
रोटी के लिए रात दिन खोता है।

मैं कवि हूँ कविता बन कर छाऊँगा
दीन दुखियों की भावना गाऊँगा ।

बस नेता अपना अब वादा तोड़े
हर गरीब से रिश्ता अपना जोड़े।
देखे गरीब भूखा कैसे सोता
भूखा अंदर से कितना वो रोता।

मैं कवि हूँ कविता बन कर छाऊँगा
दीन दुखियों की भावना गाऊँगा ।
मोहित


अंधेरी काली रातों

अंधेरी काली रातों में वो दिल का दरवाजा खोलेगी ।
मेरी सासों के मोती को जब खुद की सासों में पोलेगी।
उस रात उस पागल लड़की पर में प्रीत के जब गीत लिखूंगा,
मेरी मीत पर अमावस की काली रात की प्रीत बोलेगी
मोहित

Tuesday, June 26, 2018

सम्बन्धों

सम्बन्धों में ये कैसा आज अनुबंध है।
नजरों से दूर फिर ये कैसा सम्बन्ध है।
जिसकी चाहत में हमने जिसको जब पाया
आज उन रिस्तों में मिलने पर प्रतिबंध है ।
मोहित

Thursday, June 21, 2018

खबर नही है

इधर से उधर तक कोई नजर नही है।
सुबह से शाम तक कोई खबर नही है।
कहाँ पर खो गए हो जिसकी खबर नही
ये खबर है मगर वो अब इधर नही है
मोहित

महेश जयंती

आप सभी को माहेश्वरी उत्पत्ति दिवस महेश नवमी(महेश जयंती) की हार्दिक शुभकामनाएं।
आज ही के दिन भगवान महेश के द्वारा माहेश्वरी समाज की उतपति हुई थी।
माहेश्वरी समाज हमेशा ही सशक्त,सम्रद्ध समाज रहा है।माहेश्वरी समाज ने देश की आर्थिक स्थिति में भी बहुत बड़ा योगदान दिया है।माहेश्वरी समाज अपनी विवेक बुद्धि के कारण भी जाना जाता है।तभी तो माहेश्वरी को महाजन भी कहाँ जाता है।
माहेश्वरी अधिकांश अपना खुद का व्यापार और खुद का ही कारोबार करते है।अपने खुद के दम पर पलते है।

में नही तीर रखता हूँ नही तलवार रखता हूँ।
में हमेशा ही समाज का कारोबार रखता हूँ।
सभी माहेश्वरी भगवान महेश की संतान है,
इसलिए उन्ही का हमेशा यहाँ प्यार रखता हूँ
मोहित जागेटिया

Wednesday, June 20, 2018

माहेश्वरी

भगवान महेश हम तुम्हारी सन्तान है।
तुम्हारा होना ही हमारी मुस्कान है ।

इस वंश में ला कर तुमने जो उधार किया
माहेश्वरी पर कभी तुमने उपकार किया।

अपना विवेक बुद्धि  का तेज ज्ञान दिया
माहेश्वरी को सबसे ऊंचा सम्मान दिया।
मोहित जागेटिया

Saturday, June 16, 2018

ये वतन वतन


ये वतन ये वतन मुल्क मेरी जान है
शब्द शब्द लिखा जो मेरी पहचान है।

इस वतन से मिला मुझे सब कुछ दान है
ये वतन ये वतन मुल्क का अरमान है।

ये वतन मेरा स्वाभिमान अभिमान है
इस वतन पर रहना ये मेरी आन है।

वतन मुल्क मेरा खूब आलीशान है
ये वतन ये वतन मेरा हिंदुस्थान है।

मोहित  जागेटिया

गजल

          तुमसे प्यार करूँगा

मरते दम तक मे तुमसे प्यार करूँगा
हर राह पर तेरा इंतजार करूँगा।1

इस जीवन के सपने तेरे संग बने
उन सपनों को ले कर मैं पार करूँगा।2

वो हर सपना तेरा अब मेरा होगा
जिस सपनों में तुमको स्वीकार करूँगा।3

ये मेरी दुनिया आज आदाब होगी
जब में तेरा उस दिन दीदार करूँगा।4

तुमसे जितनी मोहब्बत आज करूँगा
ये वादा हैं मेरा हर बार करूँगा।।5

मोहित

Thursday, June 14, 2018

यारों ह्रदय के पटल पर

मेरे मष्तिक पर देश का अटल स्वाभिमान ही होगा।

लिखा जो आज जाएं उसीका अब गुनगान ही होगा।

मेरे  रक्त  की  हर  बून्द  इस वतन पर काम आएगी,

यारों ह्रदय के पटल पर आज हिन्दस्थान ही होगा।।

मोहित

तेरी याद आती है

तुमसे जो मोहब्बत की उसका ये असर है।
मेरी मोहब्बत का कुछ ये असर तुम पर है।
इस  लिए  मुझे  तेरी  बार  बार याद आती,
इस  जिंदगी  के  साथ  तेरा, मेरा  सफर है।।
मोहित

जन्माष्टमी पर

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी मेरे व मेरे परिवार की और से हार्दिक शुभ कामनायें!
वो भगवान श्री कृष्ण हर कला में निर्पूर्ण थे।उन्होंने अपनी हर लीला को यहाँ दिखाया है।अपनी बाललीला से ले कर कंस जैसे दुराचारी का वध किया।जिन्होंने गीता का उपदेश दिया ।हर भक्त का उद्धार किया ऐसे परम् पिता परमेश्वर राजा धी राज द्वारकाधीश की चरणों में मेरा प्रणाम।

वो  राधा  का  श्याम  सीता  का  राम है।
वो  गीता  का  ज्ञान  मीरा  का  श्याम है।
आज उस नटखट कान्हा के जन्मदिन पर
हम  सब  का  उसकी चरणों में प्रणाम है।
मोहित

Saturday, June 9, 2018

अब मौसम बदल रहा है

"अब मौसम बदल रहा है"

अब मौसम बदल रहा है,
फ़िजा का रूप खिल रहा है ।
ये आंधियां चल रही है,
प्रियतमा ,प्रिय मिल रहा है।
ये मौसम भी तुम देखों,
आज कितना सुहाना है।
छोड़ कर प्रिय तुम्हारा
आज परदेश आना है।
मौसम की पहली बरखा,
आज हल्की हो रही है।
ये ख्वाब जो आज देखा
उस ख्वाब में सो रही है।
कभी सर्द राते गुजरी
गुजरी बिन मुलाकात।
होगा मिलना तुम्हारा,
होगी मिलन की बरसात ।
उपवन में फूल खिलेंगे,
लता की महक जाएगी।
आज इस दिल के चमन पर
हर हरियाली छाएगी।।

मोहित

बन तू मेरी राधिका में तेरा घनश्याम हो जाहूं

तू मेरे नाम हो जाएं, में तेरे नाम हो जाहूं।
बने जब तू मेरी सीता, में तेरा राम हो जाहूं।
बने ऐसी प्रेम कहानी, जहाँ हमारा प्रेम ही हो,
बन तू मेरी राधिका में ,तेरा घनश्याम हो जाहूं।।
मोहित

Wednesday, June 6, 2018

मोदी पर तुम विश्वास करो

मोदी पर तुम विश्वास करो,16
ऐसा पुरुष हर बार बार नही आता है।24
नेक इरादा सही नियत है,
ये नए भारत का नया युग निर्माता है।
भारत भूमि का असली लाल,
भारत देश का हर सपना वो सजाता है।
आज देश का मान बड़ाया
आज हमको विश्व मे सम्मान दिलाता है।
हिम्मत हमको नही हारनी,
हम भाग्य विधाता जग को बतलाना होगा।
अब खुद के सम्मान के लिए,
फिर से मोदी को दिल्ली बैठाना होगा।
अब फिर से हम चूक गए तो,
आज न समझे तो नुकसान हमारा होगा।
तुम मोदी पर विश्वास करो,
आगें अब गुणगाना कभी हमारा होगा।।
मोहित

Monday, June 4, 2018

सुलझन के दीपक जलाएं

     "सुलझन के दीप जलायें"
उलझी मन मे ये उलझी आशायें
सुलझन के हम अब वो दीप जलायें।
इस जीवन की बहती नदिया को हम
अब आगें उस सागर तक ले जाएं।
आखों से उतरता जहाँ पर पानी।
अब उस पानी को हम आज घटाएं।
अपनी मंजिल की और आगें बड़े
सफर का रास्ता अब खुद ही बनाएं।
हर सपना साथ हो अपना हाथ हो
अपने हौसलों को आगें बडाएं।
गुनगुनाती रहें हवायें वो गीत
जिस गीत को हमेशा हम भी गाए।।
मोहित

Friday, June 1, 2018

दिल तो अपने ख्वाबो के घर मे रखना

नजर से दूर हूँ मगर नजर में रखना
अपनी कही बातों के असर में रखना।
अपने वजूद से कभी दूर मत करना,
दिल को अपने ख्वाबो के घर मे रखना।।
मोहित

तुम्हें याद करने की आदत हो गई

तुम्हें याद करने की मुझे आदत हो गई है।
तुम से मिल कर ये जिंदगी सलामत हो गई है।
मेरी आरजू का ये ही दस्तक है अब तुम्हें,
तुम से अब फिर से सच्ची मोहब्बत हो गई है।
मोहित P