भूली बिसरी यादें
अब मिट जाएगी
साथ रही बातें
बातों में कट जाएगी
अब वो पल नही आएगा
कल जो हमारा कल था
वो कल भी अब नही हमारा रहा।।
नई यादों के साथ तुम पुराने
कल को भुला बैठे हो।
नई यादों के साथ नये सपने
ले कर तुम लेटे हो।
ये जिंदगी जीने का तरीका है
पुरानी बातें पुरानी यादें को भूल जाना
नई बातों को नए लोगो के संग दोहराना।।
असल जिंदगी में ये ही होता है
जो जिसको चाहता है
वह उससे ही दूर होता है।
वो पल याद आएगा
तुम्हारे संग बातें करना
तुम्हारे साथ कहि आना जाना
तुम से लड़ना झगड़ना
तुम्हारे संग हँसना रोना
लेकिन अब वो पल नही आएगा।।
ये वो अधूरी कहानी ही रहेगी
मेरी जिंदगी की निशानी रहेगी
इस सोच सोच में पागल हो जाहूँगा
बिन मौसम बरसने वाला
में बादल हो जाहूँगा।
बस भूल मत जाना तुम मेरी बातों को,
साथ गुजारी हर मुलाकातों को।
मोहित
Thursday, August 30, 2018
भूल मत जाना
कृष्ण जन्माष्टमी
घनाक्षरी छंद
बाबा नन्द का वो लाला
गोकुल का था वो ग्वाला
देवकी का था वो छोरा
आज मथुरा आया ।
मुरली का था दीवाना
राधा ने उसको जाना
बंसी बजा के उसने
गोपियों को नचाया।
माखन उसने खाया
सबके मन को भाया
मटकी उसने फोड़ी
राधा दिल चुराया।
ज्ञान का पाठ पढ़ाया
आगें सबको बड़ाया
उसने तो दुनिया को
प्रेम का पाठ पढ़ाया।।
मोहित
राधा नाचे कृष्ण नाचे,मन मोहन है साचे
मुरली की धुन पर वो नाचे गापी जन।
गोकुल का वो है ग्वाला गायों को उसने पाला
कान्हा की ऊँगली पर वो नाचे गोवर्धन।
वो हम सबका प्यारा जग है उसका सारा
पापियों का नाश किया हाथ मे सुदर्शन।
वो कृष्ण बाँकेबिहारी वो मोर मुकट धारी
वही द्वारिकाधीश है वो नन्द के नन्दन।।
मोहित
Wednesday, August 29, 2018
जन्मदिन पर
जन्मदिन तुम्हारा यू आता रहें
जग तुम्हारी खुशी को गाता रहें।
हर वर्ष तुमको यू हर्षाता रहें
तुम्हारा हमारा ये नाता रहें।
सदा खुश रहें तुम्हारा ये जहान
पूरे हो सारे आपके अरमान।
आज दुनिया की सारी दौलत मिलें
हम सब से प्यार की मोहब्बत मिलें।
हर खुशी की आज वो सौगात मिलें
हर सपना पूरा हो वो रात मिलें।
जन्मदिन पर आशीष सब से पायें
गीत खुशी के तुम्हारे सब गायें।
जन्मदिन
जिंदगी की हर राह तुम्हारी आसान हो।
परचम जहाँ पर लहरायें वो आसमान हो।
इस जन्म दिन पर हमारी ये ही दुआ तुमको,
तुम्हारे होठों पर हर दिन ये मुस्कान हो।
मोहित
पर्यावरण
इस धरती पर हम भी अपना फर्ज निभाएं।
हम भारत को स्वच्छता की और बड़ायें ।
अब इस धरती का वातावरण तो शुद्ध हो ,
आओ मिल कर इस धरती पर पेड़ लगाएं ।
खिलता हुआ हमेशा मेरा ये चमन रहें ।
खुश्बू आए जिसकी ऐसी ये पवन रहें।
सभी बचाएं नदियों को और पहाड़ों को,
अब बहती नदियों में रेत का कण कण रहें।।
अब मत करो नुकसान कुदरत का ये कहना।
कभी महंगा पड़ेगा ये नुकसान भरना।
अब दूषित हो रहा पर्यावरण ये सारा,
सरक्षण पर्यावरण का हम सभी को करना ।
मोहित
Monday, August 27, 2018
नव भारत का श्रृंगार करो
भारत भारती के लोगों
भारत धरा से प्यार करो।
दिल मे अरमान ले कर तुम
आज मंजिल को पार करो।।
हमको दुश्मन की हर खता
आज फिर ललकार रही।
हिमगिरि से आ रही गंगा
हम सबको आज पुकार रही।।
इस भारत भारती के हर
दुष्ट का अब संहार करो।
अब अटल हिमगिरि चीख रहा
हिमशिखर का उद्धार करो।।
बन कर अब तुम महाराणा
गहरी नींद से जाग उठो।
आज ले कर अपना भाला
शिवा बन के अनुराग उठो।।
बड़ा कर कदम आगें बड़ो
हर धरा पर अधिकार करो ।
नयें भारत का दीप जला
नव भारत का श्रृंगार करो।।
भारत भारती के लोगों
भारत धरा से प्यार करो।
दिल मे अरमान ले कर तुम
आज मंजिल को पार करो।।
मोहित
Sunday, August 26, 2018
परिवार
हमने घर परिवार को अपनो से सजाया है।
रिस्तों को प्रेम के सम्बन्धों से मिलाया है।
इस महकते चमन में प्रेम का पौधा लगा कर,
इस दुनिया मे भाई बहिन रिश्ता बनाया है।।
मोहित जागेटिया
Friday, August 24, 2018
शादी
हाथों में मेहंदी होगी माथे पर बिंदिया।
पायल होगी पाव में कलाई में वो चूड़िया ।
चाँद सा चेहरा होगा फूलो की वादियों में
भवरे गुना रहें होंगे खिल रही होगी कलिया।।
सज सवर के तुम अब सवरने लग जाहोगी।
बन के तुम दुल्हन साजन के घर आहोगी ।
हमारी याद संग होगी ये वो विदाई,
मेरी आँखों मे आंसू बन तुम छा होगी।।
कुछ दिन का था ये साथ हमारा तुम्हारा
हर पल खुश रहना ये आशीष है हमारा
इस जग की सारी खुशियों की दौलत मिलें,
आदाब रहें आपका वो परिवार सारा।।
मोहित
Wednesday, August 22, 2018
रिश्ता
"रिश्ता"
एक रिश्ता वो
जिसने मुझे जन्मदिया
उसको में माँ कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने मेरा पालन पोषण
कर मुझे बड़ा किया
उसको में पिता कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने मेरी कलाई पर
धागा बांधा,उसको मैंने
रक्षा का वचन दिया
उसको बहन कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने मेरा सुख दुःख में साथ
दिया,अपना बना कर रखा
उसको भाई कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने मेरा हर पल साथ दिया
अपार प्रेम दिया
उसको में पत्नी कहता हूँ।।
एक रिश्ता वो
जिसने मुझे आगें बड़ने की
शिक्षा दी,अपनी काबिलियत दी
खुद के दम पर खड़ा किया
उसको में अध्यापक कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने हर मुसीबत में
मेरा साथ दिया,साथ रहा
उसको अपना दोस्त कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसने मेरे को संस्कार दिए
उसको मैं गुरू कहता हूँ।
एक रिश्ता वो
जिसको कभी देखा नही पर उसको
में मानता हूँ विश्वास करता हूँ
वो मेरे भगवान है।।
मोहित
बन्धन स्वीकार नही
अगर प्यार में बंधन है वो प्यार बेकार है
मिल नही पाते तो उस प्यार की ये हार है।
ये जीवन साथ बिताने का वादा करते थे
हर पल कभी मेरे प्यार पर तुम जो मरते थे।
प्यार की राह में अब ये कैसा अनुबंधन है
ये अनुबंधन है तो हमारा क्या सम्बन्ध है?
तेरी मेरी सासों की डोर का ये तार है
मत तोड़ो इस डोर को ये जीवन बेकार है।
तुम्हारे बिना कभी जीवन नही पार होगा
प्यार में कभी भी बंधन स्वीकार नही होगा।
तुम ऐसे अलौकिक प्रेम को अब दर्शन देना
प्यार की दिव्य ज्योति जले आज वो गगन देना
मत करना कभी अपने दिल की धड़कन से दूर
कभी नही करूँगा किसी बात पर मैं मजबूर।।
Thursday, August 16, 2018
अटल
बहती नदिया का वो भी एक किनारा था।।
जिंदगी से कभी नही मौत से हारा था।
उसकी यादों की कहानी में क्या लिखूं अब,
चमकती रोशनी का एक वो सितारा था।
मोहित
कल जो आबाद था वो आबाद रहेगा कल।
सब की आखों में बहता आज आँसू का जल।
हम सब के दिलो पर जिसका राज रहेगा अब
वो अटल थे अटल है हमेशा रहेंगे अटल।
मोहित
खिला जो फूल वो वतन के उपवन में
समाया आज हर एक की धड़कन में ।
उसकी याद की महक होगी यहाँ पर
आज हर और महक रहा इस चमन में।
दीपक की लो थी वो,आज बूझ गया
सूर्य से सुशोभित होगा वो गगन में।
मिट न पाएगी उसकी याद धरा से
देश की भूमि में समाया कण कण में।
मोहित
Wednesday, August 15, 2018
सुख दुख दो किनारे है
फूलों से भरी जिंदगी खुश्बू की बहारे है।
अंधेरी राह में कुछ टिमटिमाते सितारे है।
कोई अपना कोई पराया ये समझो तुम भी,
जिंदगी के सफर में सुख दुख के दो किनारे है।
मोहित
Monday, August 13, 2018
माँ सरस्वती
नाम मोहित जागेटिया(भीलवाड़ा)
शब्द दे माँ शारदे
शब्द का माँ हार दे
शब्द से पूजा करू
शब्द का संसार दे।
शब्द दे माँ शारदे शब्द का ही ज्ञान दे ।
शब्द से पूजा करू शब्द का वरदान दे ।
शब्द को मान दे शब्द को ऊची उडान दे
करे तेरी चरणों में वन्दन वो स्थान दे।
शब्द से माँ गीत दे।
शब्द से माँ मीत दे।
शब्द की माँ गजल दे,
शब्द से माँ जीत दे।
शब्द से करू अज्ञानता दूर शब्द का धान दे।
शब्द की रौशनी से माँ मुझे और सम्मान दे।
Tuesday, August 7, 2018
नसीबों का खेल(अकेला)
ये नसीबों का खेल है जो हमने खेला है।
जिंदगी के सफर का ये आज एक मेला है।
रोज जीता है ,रोज मरता अपने नकाब में,
वो अकेला था कल और आज भी अकेला है।
मोहित
Friday, August 3, 2018
गुरुदेव
में श्रद्धा और सुमन से तुमको वंदन करता हूँ।
ये तन,मन मेरा सब कुछ तुमको अर्पण करता हूँ
तुम्हारी पूजा और वंदना कर के में तुमको,
हे गुरुदेव तुम्हारी चरणों में नमन करता हूँ
माहिर
आजादी का त्योहार
आजादी का ये त्योहार मनायें ।
हम उन वीरों की गाथाएं गायें।
मिट गयें जो भी तिरंगे के खातिर
उस तिरंगे को शान से लहरायें।।
हम सब भारत माँ का मान बड़ायें
हर आंगन में हम वो फूल खिलाएं
देश की मिट्टी पर मिट गये उनकी,
योदों की सुंदर तस्वीर बनाएं ।।
मेरे वतन में शांति और अमन है।
हर वतन से प्यारा मेरा चमन है।
इस वतन लिए मर मिट गये जो लोग,
उन शहीद को आज मेरा नमन है।
आज आजादी का,ये गुणगान है।
उन सब शहीदों का,ये सम्मान है।
वतन हमारा खूब आलीशान है,
सबसे प्यारा अच्छा हिंदुस्थान है।
मोहित जागेटिया