Friday, November 30, 2018

मन भर गया

मन भर गया

कभी मेरा दिल उनके दिल पर मर गया।
उनका दिल भी सच्चाई बयां कर गया।।
नजर  के  सामने  रहना  दिल  में  रहना।
दिल के दर्द को उसका दिल ही हर गया।।
साथ  मांगा  साथ  देंगे  ऐसा  सोचा।
लेकिन अब उसका दिल भी आज घर गया ।।
कभी  सोचा  नही  ऐसा  भी  कह  देंगे।
उनकी बात सुन मेरा दिल भी धर गया।।
साथ साथ चले थे जीवन में वो साथ।
आज उनका भी हम से मन भर गया है।।
मोहित जागेटिया

Wednesday, November 28, 2018

लेख चुवानी चर्चायें

दोस्तों आज कल कोई मुद्दा नही है।बस एक ही मुद्दा चल रहा है।जहाँ पर भी जाएं एक की चर्चा हो रही है।जिधर जायें एक ही बात हो रही है।इस बार चुनाव में क्या होगा?किस की सरकार होगी कौन हमारा नेता होगा।किस की सरकार जाएगी।कौन इस बार बाजी मारेगा।बस आज कल हर चोरायें पर ये ही चर्चायें चल रही है।इस बार वो जीतेगा वो हारेगा।वो पार्टी सरकार बनाएगी।
इस चर्चा के अलावा कोई भी चर्चा नही हो रही है।बस चोरायें पर चाय के साथ ये ही चुनाव की चर्चायें हो रही है।सब अपनी अपनी पार्टी का गुणगान कर रहें है।लेकिन हकिगत को कोई क्यों नही पहचानता है? नेता विरासत ही ऐसी है जो न तो किसी की हुई है न किसी की होएगी।हर नेता को अभी जनता के वोट की जरूरत है।इसलिए वो जनता के दरबार मे पहुच रहें है।जनता के वोट के माध्यम से वो सत्ता के सिंहासन पर जाना चाहते।लेकिन वो सत्ता के सिंहासन पर जाने के बाद जनता को भूल जाते है।उनको तो जनता पांच साल बाद वापस चुनाव में याद आती है।हमने जनता से क्या क्या वादे किये है।हम जनता को क्या जुवाब देयेंगे।हमने अपनी जिमेदारी कहाँ तक निभाई है।
इसलिए जनता भी याद रखें हमारे नेता जी ने जो पिछली बार हम से जो वादा किया था वो निभाया या नही निभाया।इसलिए उनका ही गुणगान करे जो अपने कर्तव्य पर खरा उतरा हो।
वरना आज कल रोज रोज नए लोग एक दूसरे से मिल रहे है।ये ही बातें हो रही है आप किसको चुनोगें ?उसको क्यों नही?रात दिन गाड़ी दौड़ रही है।हर मतदाता को अपने पक्ष में करने को।फैसला कोई भी हो सोच समझ कर दिल मे उतर के करना।मतदान एक दान होता है जो गुप्त दान होना चाहिए।
नाम मोहित जागेटिया
गांव सिदडियास जिला भीलवाड़ा (राज.)

लेख विचारों का दान

लेख
                  "विचारों का दान"
दोस्तों चुनावी माहौल है। चुनावी चर्चायें जोर शोर से हो रही है।होनी भी चाहिए ये लोकतंत्र का महापर्व है।सब लोग अपनी अपनी विचारधाराओं वाली पार्टी या उनके नेता हो के साथ लग रहें है होना भी ये ही चाहिए।
समान विचारधारों वालो के एक समान विचार एक होते है।
लड़ाई हमेशा विचारों की,तर्क की होनी चाहिए।लेकिन कभी आपसी लड़ाई नही होनी चाहिए।व्यतिगत लड़ाई कभी नही होनी चाहिए।लेकिन आज कल चुनावों में आपसी लड़ाई भी बहुत होती है।
ये मतदान होता है अपना तर्क या अपने विचारों का दान होता है लेकिन लोग इसको भूल जाते है।चुनाव क्या है?
चुनाव विचारों की लड़ाई है।विकास तो हर सरकार करती आई है और विकास होता आया है और होता रहेगा।लेकिन कौनसी पार्टी किस विचारधारोंओ की है ।हमारे विचार उनसे मिलते है या नही मिलते है।ये बात भी अपने विचारों का दान करते समय देखना चाहिए।ये ही हमारा सही मतदान होता है।
मोहित जागेटिया

मतदान

            "मतदान करें"
आओ लोकतंत्र की महिमा गायें
लोकतंत्र के पर्व को हम मनाएं।
हम सब अपना अपना फर्ज निभाएं
ज्यादा से ज्यादा मतदान करायें।
हम ही लोकतंत्र के भाग्य विधाता
हम बने हर सरकार के मतदाता।
सब काम छोड़ पहले करे मतदान
बनायें हम अपनी ये ही पहचान।।
लोगों को मतदान के प्रति जगायें
हम सारे मिल कर ये पर्व मनायें।।
हम तो अब अपना फर्ज निभाएंगे
सबसे ज्यादा मतदान कराएंगे।

नाम -मोहित जागेटिया
पता- गांव सिदडियास जिला व तहसील भीलवाड़ा
            राजस्थान पिन कोड 311011
मोबाइल नम्बर -9950100169

Saturday, November 24, 2018

सर्दी की रातें

*PKS प्रतियोगिता के लिए अतिथि रचना
दिनाँक- - 25/11/2018
दिन-- -रविवार
विषय-- -सर्दी
विधा-- अतुकांत कविता
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रचना:~.    सर्दी की रातें

हिमालय से आने वाली
ठंडी हवाएं! सर्दी बन जाती हैं
हर फिजा में गुल जाती वो
ठंड बन जाती।
ठंड में भोर सुहानी होती
सूर्य की आभा सबको अच्छी
लगती है।
हाल उनका बुरा होता है
जो बेघर होते हैं सड़को पर
सोते है बच्चे उनके बहुत रोते है।
कोई आसरा नही होता है
आलाप ही उनका सहारा होता है।
जैसे तैसे भी गुजर जाती
रात पर अपनी बातें
बस नही गुजरती हैं तो ये
सर्दी की सर्द वाली ये ठंडी
रातें।
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास जिला व तह.भीलवाड़ा(राज.)
मोबाइल नम्बर 9950100169


मुक्तक

मैं  उसका  नाम  ले कर  जीने की तमन्ना करता हूँ।
मैं  उसका  हूँ उसी  पर  जीता उसी पर में मरता हूँ।
हमारी  और उनकी जीने  की  ये  राह  भी एक  है
जिधर वो  चले  जायें मैं भी उसी राह चल पड़ता हूँ।।
मोहित

दिलों के रिश्तों से में  कभी  बगावत  कर नही सकता।
मैने जिनको समझा कभी  मैं नफरत कर नही सकता।
जिनकी  चाहत  में  मैने  भरोसा  और  विश्वास  किया,
अपना  नही  समझे  उनसे  मोहब्बत  कर नही सकता।
मोहित

Wednesday, November 21, 2018

गुरुदेव

गुरुदेव चरणों मे हम शीश झुकाते है।
शब्द सुमन अर्पण चरणों मे लुटाते है।।
गुरुदेव मेरी नदिया को भव पार करो।
मुझे भी अपनी चरणों मे स्वीकार करो।।
तुम ही मेरी दिव्य ज्योति को अब जला दो
चरण मे लगा कर तुम भी अपना बना लो।।
वंदना  से  मिटे  हमारा  ये  अंधकार।
अब तो तुम भी करो हमारा भी उद्धार।।
में तो ये विनती करू जोड़ दोनों हाथ
ये गुरुदेव निभाना सुख दुख में तुम साथ।

Monday, November 19, 2018

वेदना गीत

        वेदना गीत
तेरी तस्वीर मेरी आँखों मे है
तेरा वो नीर मेरी आँखों मे है
तू पास मेरे हैं आज क्यों दूर है
क्या ख़ता हुई क्यों इतनी मजबूर है
मेरी हर सासों में तू जब समाई
आज दिल की क्यों इतनी रुसवाई
क्यों पास हो कर हमारी जुदाई है
क्यों तुम्हारे कोई ये लड़ाई है
न रह सकता हूँ तुम से मैं कभी दूर
आज क्यों कर दिया इतना भी मजबूर
हमने तुमको दिल से अपना बनाया
दिल का हर दुख को भी तुम्हें सुनाया
लेकिन तुमने तो हमसे सब छुपाया
हकिगत क्या हुआ तुमने ये न बताया
बस आँखों का नीर मेरी आँखों मे
तेरी तस्वीर मेरी आँखों मे है।।
मोहित

गुरुदेव जन्मदिन पर

रंगीन  गुबारों  से  मंडप  को  सजाया  था।
पुष्प  वर्षा  कर के गुरुवर को नहलाया था।
सभी को नचाया था प्रसाद सबको खिलाया
आज  जन्मदिन  गुरुदेव का ऐसे मनाया था।।
मोहित

गुरुदेव वंदना


ओम नमो नारायण,ओम नमो नारायण।
जय जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव।।
ये गुरुदेव हमको देना शरण।
आये तुम्हारी हम आज चरण।।
हमारा तुम अब उद्धार करना।
अपनी चरण मे स्वीकार करना।।1
ओम नमो नारायण,ओम नमो नारायण।
जय जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव।।
हारे का तुम साथ निभाते हो
दुखियों का तुम मान बड़ाते हो
संसार से भटक गये राह से
अंगुली पकड़ राह दिखाते हो।2
ओम नमो नारायण,ओम नमो नारायण।
जय जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव।।
जब वैराग्य को आपने धारा
तन मन जीवन सेवा में वारा
प्रेम पूरित तुम्हारे ये हाथ
आया चरणों मे जग से हारा3
ओम नमो नारायण,ओम नमो नारायण।
जय जय गुरुदेव जय जय गुरुदेव।।
मोहित जागेटिया

Tuesday, November 13, 2018

बड़े पापा को श्रद्धांजलि

आज मेरे बड़े पापा की दूसरी पुण्यतिथि पर मैं उनकी चरणों मे कोटि कोटि वंदन करता हूँ।
मैं अपनी श्रद्धा के भाव शब्द रूपी सुमन से उनकी चरणों मे अर्पण करता हूँ।
वो आत्मा जो परमात्मा के पास चली गई ।पर सदैव हमारे आस पास रहती है।वो दीपक बुझ तो गया है पर उसकी रोशनी हमेशा हमारे पास रहती है।उनके बतायें हुए संस्कारों पर पलना ।उनके बताएं हुए आचरण पर चलना।ये हमारी उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है। जागेटिया परिवार उनकी यादों को हमेशा दिल मे सजा के रखा है।उनकी बातों का अनुशरण हमेशा करता रहता है।
परिवार को नई ऊंचाई पर ले जाना परिवार को नयें आयान देना उनका आदर्श रहा है।परिवार को एकता की डोर में बांध के रखना।लोगों से प्रेम स्नेह से रहना न्यायसंगत फैसले करना।सबसे विश्वास में रहना उनकी पहचान रही है।इसी शब्द भाव से मैं उस दिव्य आत्मा को नमन करता हूँ।।

*मैं आसमान  के  चांद सितारों  में दर्शन करता हूँ।
परिवार की और से उनको भी मैं वंदन करता हूँ।
ह्र्दयपूर्वक भाव रूपी प्रेम से उस दिव्य आत्मा को
मैं शब्द सुमन उनकी चरणों मे ये अर्पण करता हूँ।*

*दूर  रह  कर  भी  वो  दूर नही दिल के पास है।
है  साथ  हमारे  आज  भी ,हमको आभास है।
उनकी वो  रोशनी हर फिजा में बिखर गई अब,
वो दीपक बुझ गया,पर उसका आज प्रकाश है।
मोहित जागेटिया*

बदनाम नही कर सकता

इश्क में तेरी बन्दगी को मैं नाकाम नही कर सकता हूँ।
कल तुम से प्यार करता आज बदनाम नही कर सकता हूँ
जिंदगी के सफर का कुछ लम्हा तुम्हारे साथ गुजारा था
तुम्हारे प्यार के अलावा कोई काम नही कर सकता हूँ।।
मोहित

बचपन

" बचपन"

एक बचपन का जमाना था
नही कोई भी ठिकाना था
कहाँ पर रहना कहाँ जाना
सब के सामने बहाना था।।
ये उम्र कब अब डल गई है
जिंदगी अब कब चल गई है
वो बचपन तो मस्ताना था
अब वो यादें निकल गई है।।
बचपन आज याद आता है
हर मौसम हमको भाता है
बचपन अब वो नही रहा है
आज खुशिया कहाँ लाता है।।
मोहित जागेटिया

नेता

जनता की थी अब की बार ये पुकार ।
आये   कोई   अब  नया  उम्मीदवार।
नई  आशाये  नया  विश्वास  होता,
तब जा कर होता किसका बेड़ा पार।।
मोहित

जनता  करेगी  किसका  बेड़ा पार।
जनता  ही  चुनेगी  ये  वो  सरकार।
जिसने नही सुनी थी जनता की तब,
उसकी  जनता  के  दरबार  मे  हार।
मोहित

चुनाव


हर वादे और नारे को
जनता याद रखेगी।
आये है! चुनाव तो
जनता जुवाब रखेगी।
किसने क्या क्या कहा
इस बात भी वो ख्याल रखेगी।
कौन कौन झूठे वादे करता
किसका नेक इरादा होता है।
पिछला वाला वादा किसने भूला
इस बार कौन सा वादा करेगा।
जनता !नेताओ का वादे और
नारों का चुनाव में जवाब रखेंगी
ये जनता नेताओं का पांच साल
का हिसाब रखेंगी।।
मोहित

Sunday, November 11, 2018

पर्यावरण

बहुत मुश्किल  से बीत रहा हमारा हर क्षण।
दूषित हो रही हवा धरती का हर कण कण।
अब  बड़ा  मुश्किल होगा सास ले पाना भी
आओ  सब  हम  मिल कर बचायें पर्यावरण।।
मोहित

Sunday, November 4, 2018

धनतेरह

दिनों दिन बढ़ता जाए सबका कारोबार।
माँ लक्ष्मी की सभी पर हो धन की बौछार।
सबसे घर खुशियों की ये दौलत बनी रहें,
ऐसा  हो  इस  बार  धनतेरस  के  त्योहार।।
मोहित

Saturday, November 3, 2018

सपना


दिनाँक- - 4/11/2018
दिन-- - रविवार
विषय-- -सपना
विधा-- अतुकांत कविता
  एक सपना
एक सपना है सम्रद्ध भारत
खुशहाल भारत का।
एक सपना है श्रेष्ठ भारत
एक भारत का।
एक सपना कोई भूखा न सायें
कोई भी भूखा न रहें।
एक सपना सबको अपनी छत
वाला मकान मिलें।
किसान को अपनी फसल का
सही दाम मिलें।
सबको अपना अपना काम मिलें
कोई न रहें बेरोजगार।
एक सपना कोई रिश्वतखोरी
कोई भ्रष्टाचारी न हो।
एक सपना सैन्य शक्ति हमारी
मजबूत हो।
एक सपना सबको अच्छा
और सस्ता ईलाज मिलें।
एक सपना हमारी सभ्यता
संस्कारो को सम्मान मिलें
विश्वगुरु की फिर से पहचान मिलें।
एक सपना हमेशा गगन में
लहराता रहें तिरंगा हमारा।
एक सपना हिन्दू,मुस्लिन,सिख,ईसाई
भाईचारे की एकता की डोर में बंधे रहें
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास जिला व तह.भीलवाड़ा(राज.)
मोबाइल नम्बर 9950100160

Thursday, November 1, 2018

लेख4

दीपावली के पावन पर्व की आपको सभी को हार्दिक शुभकामनाएं और मंगलकामना।
अमावस की काली रात में दीपों को सजा कर प्रकाश की विजय होगी।यानी बुराई पर अच्छाई की जीत होगी।अंधकार मिटेगा और प्रकाश होगा।दीपावली के त्योहार को रौशनी का त्योहार भी कहाँ जाता है।इस दिन भगवान राम रावण का वध कर के अयोध्या लौटे थे।अयोध्या वासियों ने भगवान राम के स्वागत में घी के दीये जलायें थे।हर और खुशिया ही खुशिया थी।
आज भी हर घर आंगन सज कर तैयार हो जाता है।हर घर बाजार रौशनी से नहाते है।माँ लक्ष्मी हर घर द्वार आये।इसलिए माँ लक्ष्मी की हर घर मे पूजा वंदना होती है।व्यापारी इस दिन से अपना नया व्यापार शुरू करते है।व्यापारियों का दीपावली से नया वर्ष होता है।सब लोग नए कपड़े पहनते।सब नई नई वस्तुएं होती है।लोग आपस मे मिलते है।एक दुझे को मिठाई खिलाते है।बस हर और खुशिया हो खुशिया होती है।ये त्योहार है प्रेम भाईचारे होता है।
लेकिन आज कल वो त्योहार नही रहें जो पहले हुआ करते थे।आज सबके पास समय का अभाव है।आज आपस मे वो प्रेम भाईचारा नही रहा जो पहले हुआ करता था।अब सब लोग एक दुझे को फोन पर ही शुभकामनाएं दे देते है।आपस मे मिलने का समय नही है।वो पटाखे नही रहें जो दीवाली पर होते थे।पटाखे होते भी है तो भी छोटी छोटी बातों पर लड़ाई हो जाती है।उस मिठाई में वो अब मिठास नही रही।मिठाइयों में मिलावट का जहर आने लगा है।
कुल मिला कर लोंगो के दिल मे अपनापन नही रहा है।आज कल सबके दिल मे द्वेष,क्रोध और कही प्रकार की बुराइया रहती है । इस दीपावली पर हम सब ये ही चाहते है मन के अंदर दिव्य ज्योति की जोत जला कर।बुराइयों के अंधकार को मिटा कर अच्छाई का प्रकाश फैलाएं।
मोहित जागेटिया