Friday, May 31, 2019

मोहन

गोकुल की गलियों में ये मन मोहन है।
जो  प्रेम  से  महकता  वो  ये चंदन है।
जहाँ  की  प्रीत  में ये मन पागल होता
वो मन कान्हा की नगरी वृंदावन है।।

मेरी एक नजर में बस कान्हा छाया।
दिल की गलियों में बस कान्हा को पाया
मैं  जब  जब  भी  तन्हाई  में  होता  हूँ,
मनप्रीत  लगाने  मेरा  कान्हा  आया।

उस कान्हा के साथ अब रिश्ता निभाना
मन मोहन से अब मन की प्रीत लगाना
खो जाना मोहन की भक्ति की प्रीत में,
जहाँ कान्हा मन को वृंदावन बनाना।।

मोहित जागेटिया

Tuesday, May 28, 2019

पिता


                     पिता
पिता की खुशबू से मेरी खुशबू निकलती है।
पिता  से ही मेरी सुबह और शाम ढलती है।
हर  सपनों  की  हर इच्छा को पूरा करते वो,
पिता  की दुआ  हमेशा  मेरे  साथ चलती है।।

जो खुद भूखे रह कर कभी हमको खिलाया है।
कैसे आगें बड़े हमको चलना सिखाया है।
जिनकी शोहरत से हमारा मान सम्मान है,
उस पिता का आशीर्वाद ही छत्र छाया है।

पिता से ही परिवार में संस्कारों की  खान है।
पिता से ही सन्तान को खुद पर अभिमान है।
जिनकी अंगुली पकड़ के हम चलना सीखें कभी,
आज वही पिता दुनिया मे हमारी पहचान है।

तेरा मेरा प्यार अमर है

"तेरा मेरा प्यार अमर है"

तेरा मेरा प्यार अमर है,
तेरे दिल मे मेरा घर है।।

जहाँ पर तूँ है वहाँ पर मैं,
तेरी नजर पर ये नजर है।।

तेरी उन बातों में खोना ,
तेरी हर बात का असर है।।

जिंदगी की इस दौड़ में अब,
तेरे संग मेरा सफर है।।

मेरे दिल मे रहती तुम हो,
आज मेरा राज दिल पर है।

तेरा मेरा साथ-साथ है,
इन धड़कनों तेरी कदर है।।

तेरा प्यार मेरी जिंदगी,
ये प्यार मेरा अब अमर है।।

मोहित जागेटिया

Monday, May 27, 2019

बेवफा

               बेवफा

(1)
एक वो लड़की थी जिनसे में प्यार करता था।
ये दिल हर बार उसको ही स्वीकार करता था।
जाने ऐसा क्या हुआ की वो छोड़ चली गई।
फिर भी ये दिल उसका ही इंतजार करता था।।

(2)
अब जिसने साथ छोड़ दिया उसको कैसे भुलाना।
धोखा  किया  जिसने  उनसे  कैसे  रिश्ता बनाना।
जो  हुआ  करते  थे  दिल  के करीब वो दूर है अब,
उस  बेवफा  से  अब कैसे क्या ये रिश्ता निभाना।।

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.
9950100169

Friday, May 24, 2019

जीत की बधाई,और सफलता की

कागज की नाव पर कभी नदी पार नही होती।
परिश्रम  करने वालो की कभी हार नही होती।
जो कठोर परिश्रम से जीत जाते जनता का दिल ,
उनके परिश्रम की सफलता बेकार नही होती
मोहित जागेटिया

राजनेताओं के तो मुद्दा की लड़ाई है।
उस लड़ाई में ही जनता की ये भलाई है।
जो जीत गए लोकतंत्र में इस उत्सव को,
उन विजेताओं को मेरी सबको बधाई है।
मोहित जागेटिया

Wednesday, May 22, 2019

परिणाम

कल ,कल होगा कल कुछ तो हल होगा।
जीत हार किसकी वो ये पल होगा।।
जिसने भी जनता के दिल को जीता,
सबसे बड़ा देश का कल दल होगा।।।
मोहित जागेटिया

तुम्हारा प्यार का श्रृंगार लिखता हूँ

तुम्हारे प्यार का मैं श्रृंगार लिखता हूँ।
तुम्हारी प्रीत को मैं हर बार लिखता हूँ।।
मैं जानता हूँ मैं मानता हूँ ये सब तो,
इसलिए तुम पर मेरा अधिकार लिखता हूँ।1

मेरे प्यार की तुम मधुर मधुर वो पीर हो।
तुम वेदना का आँखों से बहता नीर हो,
दिल के भावों से भरी तस्वीर हो तुम तो,
स्नेह के रिश्तों के बंधन की जंजीर हो।2

इस चंचल दिल मे कोमल भाव उमड़ता है l
कभी  तुम्हारी  आस  में  ये दिल पलता है।
कभी  तन्हा  होता  हूँ  तुम्हारी  याद  में,
तुम्हारा  नाम  ही  दिल  से  निकलता है।3

मोहित जागेटिया

याद आते है लम्हें

वो  बीतें  लम्हें  बहुत  याद  आते  है।
भूलना  चाहते  पर  भूल  न  पाते है।
उन बातों का दिल पर आज इतना असर
उन  लम्हों  को गीत गजल में गाते है।।
मोहित जागेटिया

याद आएगी मुक्तक

ये जिंदगी कभी तो याद बन याद आएगी।
बीतें गुजरे  पल को कभी सामने लाएगी।
कभी रहोगें तुम अकेले उस पल तुम्हें भी तो
बीतें हर पल की वो याद सच मे सताएगी।।
मोहित जागेटिया

Sunday, May 19, 2019

मोदी जीत पर

तुम्हारे नाम से किसी की आँखे भी नम है।
जो सोचते थे इस बार सबसे आगे हम है।
अरे जितना दम लगाना था उतना लगा दिया,
तुम्हारे दम के आगे आज हमारा दम है।
मोहित जागेटिया

कुम कुम चंदन से करें सत्कार।
मोदी बना फिर से पहरेदार।।
अरे देश मे फिर खुशियों छाई।
आज खुश हो गई माई दाई ।।
चौकीदार बना फिर से प्रधान।
हर चेहरे पर आई मुस्कान।।
मोदी पर सबने किया विश्वास।
ये मोदी हो गया फिर से पास।
आज रौशनी का दीप जल गया।
आज हर और फिर कमल खिल गया।।
आज मोदी सरकार फिर आई।
मोदी को फिर आज बधाई।।
मोहित जागेटिया

मोदी साधना

वो करने चले अपने भगवान की साधना।
प्राणों का दे कर अर्घ्य करने लगे अर्चना।
जा कर चारों धाम समाधि में लीन हो गयें,
महादेव की वो आज करने लगे वंदना।।
मोहित जागेटिया

बचपन संस्मरण

ऐसे तो जिंदगी में बचपन के बहुत से किस्से हैं। जिनको कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्हीं किस्सों में से एक मेरा भी बचपन का किस्सा है। जब मैं छोटा था। अपनी बहनों की शादी थी। हम लड़की वाले थे फिर भी बारात ले कर हम बीकानेर गए थे। वहाँ पर हम एक धर्मशाला में ठहरे थे। मैं छोटा तो था ही और छोटे बच्चों को चाहिए क्या? बस पैसे और पैसों से चॉकलेट।
मैं अपने बड़ों से पैसे ले कर धर्मशाला से बाहर आ गया था। जानता कुछ भी नही था। कहाँ पर दुकान है? कहाँ पर जाना है, कुछ भी पता नही था। मैं तो पैसे ले कर बहुत दूर तक चला गया था और इस बात का किसी को पता भी नही था। मैं कहाँ पर गया हूँ। मैंने गोलियां ले ली थी पर अब मैं रास्ता भूल गया था। कहाँ क्या है कुछ याद नहीं आ रहा था बस आखों में आंसू आ रहे थे। इधर-उधर घूम रहा था रोते रोते। तभी कोई दो सज्जन पुरुष मिले बोले रो क्यों रहे हो, कहाँ से आये हो और कहाँ जाना है? मैं ज्यादा कुछ बोल भी नही पाता था। उन्होनें मुझे अपनी गोदी में लिया और कुछ धर्मशाला की ओर ले गये। क्योंकि वहाँ पर एक जैसे ही बहुत सी धर्मशाला थी,.सारी धर्मशाला में घुमाया अंत में जहाँ पर ठहरे थे उस धर्मशाला में लाये। मैं अपने घरवालों को देख कर बहुत खुश हुआ था और आखों के आंसू भी मिट गए थे। मैं हमेशा उन दोनों लोगों का अहसान कभी नही भूल पाऊँगा, वो दोनों कौन थे किसके थे ये कुछ भी मैं नही जानता था। उन्होंने मुझे अपने परिवार वालों से मिलाया इतना मैं जानता हूँ। ये घटना हमेशा मेरे लिए उन दोनों पुरुष की संस्मरण बन गई है।

Thursday, May 16, 2019

गुलशन

         गुलशन
महका महका वो ये गुलशन है।
जहाँ फूल खिल जायें वो मन है।
जहाँ फूल खिलते खुशबू आती,
मेरा दिल का आंगन उपवन है।।

गंध की फिजाओ में बहार है।
प्यार की इस गुलशन में धार है।
इस प्रेम की वर्षा से महकता ,
जीवन सबका आज हर बार है।।

रिश्तों का प्यारा ये आंगन है।
कुछ काटो का भी ये दामन है।
जीवन की लता लता खिल जायें,
मन भी महके वो ये गुलशन है।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

ये मन भी अकेला हो गया है

जब तुम दूर चली जाती
ये दिल भी अकेला होता है।
ये मन ही उन ख्वाबों में
अकेला खो जाता है।
उन यादों की गलियों में
ये दिल बार बार जाता है
तुम कही मिल जाहो
तुम को ये ढूंढता है।
कितने दूर चले हो तुम
ये मन भी अकेला हो गया है
किसी की किसी भी बात पर
अब मेरा मन नही लगता है।
उलझा है उन यादों में
कैसे सुलझा हूँ अब तुम
आ जाहो।
हर बात में तेरा अहसास छुपा है
ये दिल अब तुम्हें पुकार रहा है।
बस अब तुम आ जाहो।
तुम्हारे बिना दिल भी मेरा अकेला है।।
मोहित जागेटिया

Wednesday, May 15, 2019

लेख राजनीति में भाषा की मर्यादा होनी चाहिए

     "राजनीति में भाषा की मर्यादा होनी चाहिए"

राजनीति में आज कल बोल चाल बहुत निचले स्तर पर आ गई है।विरोधी एक दूसरे को मुद्दे को भुला कर निजी स्तर पर हमला करते है ।ये अच्छा संकेत नही आने वाले समय के लिए।क्योंकि हमारे भारत देश मे हर वर्ष कहि ना कहि पर चूनाव होते रहते है।
राजनेता को जनता के मुद्दे चुनाव में रखने चाहिए जिससे जनता को फायदा मिल सके।जो मुद्दे जनता से जुड़े हो उनको ही चुनाव प्रचार में रखने चाहिए।लेकिन आज कल हर तरह के नेता एक दूसरे को गालियां देते है।एक दूसरे को कोसते है।आज कल राजनेता एक दूसरे को जातिवाद में या धर्म के नाम मे बाट कर वोट लेते है।
विरोधी हो या सत्ता पक्ष दोनु ही अपनी मर्यादा को भूल रहें है।जिस प्रकार उनको अपना फर्ज निभाना चाहिए ।वो आज कल किसी भी दल के नेता अपना फर्ज नही निभा पा रहे है ।एक राजनेता का फर्ज है चुनाव या चुनाव के बाद वो जनता के दर्द की हर आवाज को उठायें।और जितना फायदा जनता का कर सके उतना करना चाहिए।
लेकिन अभी जो लोकसभा चुनाव का माहौल दे कर ऐसा लग रहा है ।ये चुनाव निजी हमलों के दम पर ही हो रहा है।
कौन किसी को जाति को गाली दे रहा तो कोई किसी को चोर कह रहा है।कोई हिन्दू में या कोई मुस्लिम में बाट रहा है।कोई किसी के पिता तो कोई किसी को बहुत बूरी बूरी गालियां दे रहा है।हर राजनेता को समझना चाहिए ।हम जनता की सेवा के लिए आये है।जनता के मुद्दे ले कर आये है।जनता के मुद्दे ही चुनाव में होने चाहिए।
अगर ऐसे ही राजनीति का स्तर रहा तो।भविष्य की राजनीति नीति हमलों से भर जाएगी और जनता के मुद्दे चुनाव से मिट जाएंगे।
हर पार्टी और हर राजनेता को अपनी पार्टी और अपना फर्ज समझना चाहिए ।आने वाले समय के लिए शुद्ध राजनीति के लिए सबसे पहले भाषा का स्तर सुधारना चाहिए।इस से देश का और जनता का ही भला होगा।
चुनाव आयोग को भी ऐसे राजनेता पर कठोर कारवाई करनी चाहिए जो राजनेता शब्दो की मर्यादा नही रख सकते है।जो राजनेता गलत शब्दों का प्रयाग करता है उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए।।जिस पार्टी का नेता गलत बोलता हो उस पर उसकी पार्टी की भी कारवाई करनी चाहिए।तब जा कर राजनीति में तोड़ा बहुत सुधार हो पायेगा।

कहानी

कहानीकार:-मोहित जागेटिया
    "प्यार का सफर"
एक लड़का एक लड़की की दोस्ती पढ़ाई करते करते हो गई थी।वो लड़का 10 वी कक्षा में था और वो लड़की 9 वी कक्षा में थी।पढ़ाई के लिए पास ही गांव से दूर दूसरे गांव जाते थे।साथ आना साथ जाना हो रहता था।दोस्ती वक्त के साथ साथ और गहरी हो रही।दोनु की दोस्ती एक प्यार के रूप में बदलने लगी थी।अब दोनु एक दूजे से बहुत प्यार करने लगे थे।दोनु एक दूजे की बहुत फिक्र करते थे।दोनु दिल से एक दूजे के बहुत पास थे।दोनु एक दूजे की अच्छी तरह से समझने लगे थे।दोनु एक दूजे की भावना को समझ लेते थे।उस समय मोबाइल फोन नही था।तो अपनी बात प्रेम पत्र के माध्यम से होती रहती थी।
लेकिन वो रिश्ता शादी के बंधन में नही बन्ध सकता था।सबसे बड़ा कारण दोनु एक समाज के नही होने के कारण।फिर भी एक दूजे में बहुत प्यार करते थे।
लेकिन रिस्तो में उस वक्त मोड़ आया जब सुना था लड़की की शादी बचपन मे हो गई थी।और अब पढ़ाई भी 12 वी तक पूरी हो गई थी।और लड़की अब 12 वी के बाद सुसराल जाएगी।इस बात से दोनु को बहुत गहरा कष्ट हुआ लेकिन कर भी तो कुछ नही कर सकते थे।दोनु की मजबूरियां थी।उसके बाद वो सुसराल जाने लगी थी।और लड़का एक दोस्त बन गया था वापस ।क्योंकि अब वो लड़की भी किसी दुसरो की है।इसलिए लड़का अपने हाल में रहता था।बाद में कभी कभी फोन भी आ जाता तो बस हाल चाल पूछ लेते थे।दोस्ती से शुरू हुआ रिश्ता दोस्ती पर वापस आ गया था।धीरे धीरे वो रिश्ता भी समय के साथ समाप्त हो गया था।क्योंकि दोनु एक दूजे की खुशी के लिए एक दूजे से दूर ही अपने अपने परिवार में बहुत खुश है।

नाम -मोहित जागेटिया
पिता -श्री मदन लाल जागेटिया
माता -श्रीमती लीला देवी जागेटिया
वर्तमान पता-गांव सिदडियास
       जिला - भीलवाड़ा, तहसील भीलवाड़ा,राजस्थान पिन कोड 311011
ईमेल :-9950100169.mj@gmail.com

Tuesday, May 14, 2019

हमारा दोस्ताना

          हमारा दोस्ताना
टिमटिमाती रौशनी सितारों की तरह है।
ये दोस्ताना भी अब हजारों की तरह है।
हम साथ नही छोड़ेंगे साथ निभाएंगे,
ये दोस्ती नदी और किनारों की तरह है।
मोहित जागेटिया

Monday, May 13, 2019

जल जी जीवन है

जल जीवन का आधार है
जल कुदरत का श्रृंगार है।।

जल है तो हमारा कल है।
जीवन में जरूरी जल है।।

बिन जल के नदिया बेकार ।
बहती नदियों जल की धार।।

जल पर सबका अधिकार है।
जल से सारा संसार है।।

जल आसमान से आता है।
कभी सागर तक जाता है।।

जल ही हमारा जीवन है।
जल ही सबसे बड़ा धन है।।

आओ सब जल को बचायें।
आज ज्यादा पेड़ लगायें।।

आज जल की मारामारी।
नीर की है पहरेदारी।।

सबको होती जल की प्यास।
जल नही तो कुछ नही पास।।

बिना जल नही कोई काम।
आज महंगा जल का दाम।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

वो दोस्त याद आता है

वो दोस्त मेरा
कभी कास था
वक्त बदला तो आज वो
भी बदल गया।
जब साथ था तो साथ
आना,साथ जाना होता था।
मुझे फिक्र रहती थी
जब वो दिल के करीब रहता था।
आज परिवार से बन्धन में
वो बन्धन गया।
वो उस हाल में है
मैं मेरे हाल में हूँ।
समय को देखो
कल जो समय दोस्तों के
साथ होता था,वो आज
अपने घर आंगन के लिए होता है।
ये जीवन बदलता है वक्त के साथ
वक्त भी अपना या पराया हो जाता है
लेकिन दिल के रिश्ते
कभी नही परायें होते है।
कभी कभी पुरानी यादों में खो जाता हूँ
उन यादों को सोच कर
मैं टूट कर बिखर जाता हूँ।
वो दोस्ती धरती से अम्बर
जितनी गहरी थी।लेकिन आज
हालातों ने हमको कुछ दूर कर दिया।
लेकिन दिल मे आज भी दोस्ती की समा
जल रही हैं।

Sunday, May 12, 2019

माँ

  
               "दोहें"
मां सबकी भगवान है,जीवन का आधार।
ममता का वरदान है,माँ से ये संसार।।

           "कुण्डलिया छंद"
मां जैसा कोई नही,मां बच्चों की जान।
माँ तुम तो महान हो,हो तुम ही भगवान।।
हो तुम ही भगवान,सपनों का संसार हो।
मिलता हमको प्यार, माँ तुम वो बौछार हो।।
माँ को दे मुस्कान, हम ध्यान दे माँ वैसा।
माँ खुद ही अवतार,कोई नही माँ जैसा।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Saturday, May 11, 2019

जब जब तेरी याद आती है।

जब जब तेरी याद आती है
मन ही नही तन भी रोता है।
जब भी तू दूर जाती है तो
ये मन भी अकेला होता है।।

तेरी यादों के संग ये दिल
हर पल तेरे साथ चलता है।
आज पास नही तू मेरे तो
ये मन तेरे संग रहता है।।

जब जब तेरी याद आती
ये आँखे समंदर बन जाती।
जब भी तू दिल से दूर जाती
मुझे तेरी याद बहुत आती।।

तेरे ख्वाबो में आज रहता
तुम में हर वक्त खो जाता हूँ।
तेरे दिल के पास आ कर अब
मैं तेरे नाम हो जाता हूँ।।

विरह की वेदना अब हर वक्त
तेरी याद से तड़पाती है।
आखों से नदिया निकलती है
जब जब तेरी याद आती है।।

मोहित जागेटिया

Friday, May 10, 2019

परिणाम

देख कर उनका माहौल
ऐसा लग रहा है
फिर वही आएगा।
जनता ने चुन लिया है
जनता उसको ही चुन रही है।
किया उसने जनता का हर काम
हुआ उसके राज में देश का नाम
सब अपना अपना अनुमान
लगा रहे है।
क्या पता कौन कहा होगा
ये कहना इतना आसान नही
करो अब तोड़ा और इंतजार
आने में है कुछ दिन बाद
सबके सामने परिणाम।
कौन विजय होगा
किसका अंत होगा
ये तो नतीजा बताएगा।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

महाराणा प्रताप

महाराणा प्रताप जयंती पर शत शत नमन
1
राजस्थान की आन बान शान था
वो मेवाड़ धरा का स्वाभिमान था
जिसमें राजस्थान का इतिहास था
उसमे महाराणा का बलिदान था।।
2
जिसने राजस्थान की अमर कहानी लिख दी।
कुर्बान हुआ चेतक उसकी निशानी लिख दी।
उसने मेवाड़ को कभी भी झुकने नही दिया ,
खुद महाराणा प्रताप ने कुर्बानी लिख दी।।

Wednesday, May 8, 2019

अब इंतजार नही करूँगा

कभी में किसी के पीछे कभी वार नही करूँगा।
हुई जो गलती उसको अब हर बार नही करूँगा।
दिन होगा, शाम ढलेगी और रात भी आएगी,
कभी उसकी बात का अब इंतजार नही करूँगा।।
मोहित जागेटिया

कवि हूँ मैं

कवि  हूँ  मैं  कविता  से  प्यार  का पैगाम दूंगा।
देश भक्ति  का  नशा  छाए  मैं  वो  जाम  दूंगा।
धड़कनों में बस एक नाम हो एक नाम वास हो
सबसे  पहले  मैं  हिन्दुस्थान  का  नाम  दूंगा।
मोहित जागेटिया

जीवन की किताब ने पढ़ाया बहुत है


                गज़ल
लोगों के प्यार ने हमें सिखाया बहुत है।
अपनों के वार ने हमें बड़ाया बहुत है।

हम उन किताबों से जितना सिख नही पाएं
पर जीवन की किताब ने पढ़ाया बहुत है।।

दुश्मन की हर घात को दिल पर सहते रहें
प्रेम के शब्द से रिश्ता निभाया बहुत है।।

कभी चल रहें थे कामयाबी के शिखर पर
हमको जालिम दुनिया ने दबाया बहुत है ।।

पैसे की दौलत नही प्यार की दौलत ही
हमने प्रेम का धन आज कमाया बहुत है।

प्रेम की दौलत से भरा है ये वो सागर
इस प्रेम की शोहरत को लुटाया बहुत है।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Thursday, May 2, 2019

प्राथना सरस्वती

हमको चरणों मे लगा दो
हे माँ तेरी शरण आयें।
खुशी के तुम दीप जला दो
श्रद्धा के हम फूल लायें।1
हम बालक तेरे पुजारी
करें हम तन मन से वन्दन ।
अम्बर से ज्ञान बरसा दो
सबका महक जाएं जीवन।2
जीवन मे रौशनी भर दो
दे दो प्यार का तुम सागर।
प्रकास की ज्योति जल जाएं
हम बालक आज तेरे दर।3
तुम पुष्प वर्षा बरसा दो
हे माँ तेरी शरण आयें।
अज्ञानता को तुम मिटा दो
तेरी वंदना हम गायें ।।4
प्रेम की भाषा हम बोले
ऐसा अब तुम संसार दो।
हम तो छोटे से है फूल
बस माँ हमको तुम प्यार दो। 5

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.