Wednesday, August 28, 2019

कविताएं लेखन

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~~~~~~~~~~~~~~~बाबूलालशर्मा
.    🌼  *कुण्डलिया छंद विधान* 🌼 
.              ( प्राथमिक  जानकारी)
.                      🌹🌹

सुन्दर दोहा  लीजिए, सुन्दर भाव बनाय।
तेरह ग्यारह मात्रिका, चरणों वार  लगाय।
चरणों वार लगाय, चरण अंतिम दोहे का।
रोला छन्द बनाय, चरण पहला  रोले का।
पहला  दोहा  शब्द, अंत रोले  के  अन्दर।
भरें भाव  भरपूर, बने कुण्डलिया सुन्दर।
.                         .....बाबू लाल शर्मा

*प्रथम दो पंक्ति दोहा* (१३,११ )
दोहे के प्रथम व तीसरे चरण में १३,१३ मात्राएँ अंत में २१२ या१११

दोहे के दूसरे व चौथे चरण में  ११,११ मात्राएं व अन्त में तुकान्त में एक गुरु एक लघु।

चार चरण रोला के
२४ मात्रा प्रत्येक में
११,१३
यति ११ पर

दोहे का अंतिम चरण  रोला प्रथम बनाय।
दोहे का ले शब्द प्रथम, रोला अंत सुनाय।।
- - - - - - - - -
अर्थात....

पहला दोहा,

फिर पहले दोहे के अंतिम चरण को लेते हुए रोला(अंत में गुरु,गुरु)

फिर रोला।।

प्रथम व अंतिम शब्द समान हो।
अर्थात जहाँ से शुरू वहीं से समापन हो, सर्प की कुण्डली की तरह फन एवं पूँछ एक साथ 🙏

*रोला*:-११,१३ मात्रा से लिखा गया छंद:-
११,मात्रिक प्रथम व तृतीय चरण (विषम चरण) का अंत गुरु लघु (२ १) से हो

१३ मात्रिक द्वितीय व चतुर्थ चरण (सम चरण) का अंत  २ २  या २ १ १ से हो।
.............................बाबूलालशर्मा
*उदाहरण*- - -
जगती  की शोभा सदा, जीवन  पानी  पेड़।
प्राणवायु  मिलती सखे, वृक्ष रोपि पथ मेड़।
वृक्ष रोपि पथ मेड़,जगह जो भी मिल जावे।
श्यामा  पर  ये पेड़, मेह  घन श्याम  बुलावे।
कहे 'लाल'  कविराय,धरा मनभावन लगती।
पर्यावरण  सुधार, बने स्वर्गिक जग जगती।
👆 इस तरह चौकल शब्द से ही शुरुआत करें।

विषम परिस्थितियों में इस तरह भी लिख सकते हैं👇
.            *करवा चौथ*
.           कुण्डलिया छंद
.           🌙🌙🌙🌙
चौथ  व्रती  बन  पूजती, चंदा  चौथ  चकोर।
आज सुहागिन सब करें,यह उपवास कठोर।
यह   उपवास  कठोर , पूजती   चंदा  प्यारा।
पिया  जिए  सौ साल, अमर संयोग  हमारा।
कहे लाल कविराय, वारती  जती  सती बन।
अमर रहे  तू चाँद, पूजती   चौथ  व्रती  बन।
.            🌙🌙🌙🌙
नारि सुहागिन कर रही,पूजा जप तप ध्यान।
पति की लम्बी आयु हो, खूब बढ़े जग मान।
खूब  बढ़े  जग मान, करे  उपवास  तुम्हारा।
मात  चौथ  सुन  अर्ज , रहे  संजोग  हमारा।
कर सोलह सिंगार, निभाये प्रीत  यहाँ  दिन।
पति हित सारे काज, करे ये  नारि सुहागिन।
.           🌙🌙🌙🌙
🙏✍©
रचियता:-
*बाबू लाल शर्मा "बौहरा"*
*सिकंदरा,दौसा,राजस्थान*
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कविताएं लेखन

हाइकु ,वर्ण पिरामिड  ,सायली ,ताका ,माहिया वर्णों का खेल है।
हाइकु 5,7,5 पर आधारित तीन पंक्तियों वाली गहरी रचना है ।
जिसमें दो बिंब जरुरी हैं।एक प्राकृतिक बिंब और दूसरा उससे संबंधित बिंब।
यह पहले 5 या 12में हो सकता है या अंतिम 12में ।
उदाहरण ':--
ओस की बूंद
बिखरे धरा पर ~
फूलों पे मोती
*पाखी*

माहिया
यह 12,10,12
वर्णों पर आधारित रचना है ।जिसमें नायक -नायिका के सवाल जबाव जैसे शब्द पिरोये जाते हैं।कुछफिल्मी गाने भी इस विधा पर हैंजो बहुत कर्णप्रिय हैं।
उदा.
*पाखी हूँ मैं पाखी*
*बच के रहना तुम*
*नयनन शर से साथी*
यहाँ पहले व तीसरे चरण का वाचिक तुकांत लय बद्धता के लिएजरूरी है।

वर्ण पिरामिड:-
यह एक वर्ण सेशुरू होकर सात वर्णों में पूर्ण होने वाली रचना है।
आधा वर्ण नहीं गिना जाता।
उदा.
हे
कृष्ण
उद्धव
मत आना
बताने यहाँ
ज्ञान विरह का
बाँटने मत आना।
पाखी

सायली
यह पांच पंक्तियों की रचना है ।
जिसमें वर्ण नहीं शब्द समूह भी गिने जाते हैं।
1,2,3,2,1 के क्रम से इसकी संरचना होती है।
कहते हैं सायली सीधा -उल्टा कैसे भी पढ़े सार्थक होनी चाहिये।
उदा.

सायली--
बनी
फूल पत्तो
सजी बगिया थी
उजाड दी
तुमने
पाखी

तांका कविताएँ
(5 7 5 7 7)

1
साहस शील
जीवन गतिशील
मन का सुख।
विवेक के सहारे
कर्तव्य निर्वहन।
2
बूढ़े माँ-बाप
जीने का हैं आधार
नही कबाड़।
हमारे हैं अस्तित्व
सुरक्षित भविष्य।
3
तेरा निज़ाम
सना है सन्नाटे से
मरता सच।
कराहता विश्वास
नही है कोई आस।
4
मुखौटा फेंक
असलियत दिखा
कुछ न छुपा।
पीठ पर न मार
सीने पर कर वार।
5
सच की मंडी
खूंटो पर लटका
बिकता सच।
सच के मुखौटों में
झूठ भरे चेहरे।

डॉ सुशील शर्मा

Monday, August 26, 2019

जन्माष्टमी

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी मेरे व मेरे परिवार की और से हार्दिक शुभ कामनायें!
वो भगवान श्री कृष्ण हर कला में निर्पूर्ण थे।उन्होंने अपनी हर लीला को यहाँ दिखाया है।अपनी बाललीला से ले कर कंस जैसे दुराचारी का वध किया।जिन्होंने गीता का उपदेश दिया ।हर भक्त का उद्धार किया ऐसे परम् पिता परमेश्वर राजा धी राज द्वारकाधीश की चरणों में मेरा प्रणाम।

राधा उसकी प्रीत है,कान्हा उसका नाम।
रानी उसकी रुक्मणी,मीरा का वो श्याम।।
मोहित जागेटिया

मटकी फोड़ी उसने माखन चोर कहलाया।
ब्रज की गलियों में उसने जब शोर मचाया।
सब जब झूम उठे उसके आने की खुशी में,
गोकुल का ग्वाला बंशी वाला आज आया।।
मोहित जागेटिया

बड़ा ही नटखट है बाबा नन्द का लाला।
देवकी का छोरा और गायों का ग्वाला।
वो मोर मुकुट वाला हाथों में मुरली है,
साँवला सलोना यशोदा का श्याम काला।।
मोहित जागेटिया

Tuesday, August 20, 2019

कान्हा,श्याम


ओ मुरली वाले श्याम,
ब्रज उसका है धाम,
मुरली की धुन पर,
वो रास रचाते है।
साँवले सलोने प्यारे,
दुख कष्ट सारे हारे,
जब जमुना किनारे,
बंशी को बजाते है।
शीश है मुकुट मोर,
दही,माखन वो चोर,
सबको मोहे मोहन,
मोहन सजाते है।
खिल जाता तन-मन,
मन बसे वृंदावन,
जीवन भी खिलता है,
जब कान्हा गाते है।।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

वो श्याम गोकुल की गलियों में बंशी बजाते है।
गोपियों  संग  वो  वृंदावन  में  रास  रचाते  है।
राधा  का  कान्हा,प्रीत राधिका से मोहन ऐसी ,
जब  भी  राधे-राधे  गाते  हैं  कान्हा  आते  है।
मोहित जागेटिया

तुम राधिका में तुम्हारा श्याम

तुम्हारी चाहत में मैं तुम्हारा हूँ।
मैं तुम्हारा हूँ सारा का सारा हूँ।
तुम्हारी मोहब्बत का तारा भी में
मैं तुम्हारे प्यार का वो सितारा हूँ।।

मैं तुम्हारा रास्ता तुम्हारा घर हूँ।
बहते प्यार का तुम्हारा समंदर हूँ।
इस जीवन पथ का राहगीर हूँ मैं तो
मैं तुम्हारा सफर का अब हमसफ़र हूँ।।

तुम मेरे नाम मैं तुम्हारे नाम हूँ।
सीता तुम बनो मैं तुम्हारा राम हूँ।
बांधी हमने तुमसे प्रेम की ये डोर,
तुम वो राधिका मैं तुम्हारा श्याम हूँ।
मोहित जागेटिया

रक्षाबंधन और 15 अगस्त

आप सभी को 73 वां स्वतंत्रता दिवस की और रक्षाबंधन
के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।।
आजादी का ये पावन पर्व उन शहीदों को याद करने का दिन है।जिनके बलिदान के कारण भारत देश को आजादी मिली।आओ इस आजादी के पावन पर्व को और रक्षाबंधन के त्यौहार को भाईचारे और प्रेम के साथ बनायें।

तिरंगा देश की शान है,भारत की मुस्कान।
ये लहराता गगन पर,भारत का सम्मान।।

रिश्ता भाई बहिन का,जिसमें अटूट प्यार।
बहिन की रक्षा वचन का,राखी का त्यौहार।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Tuesday, August 13, 2019

रक्षाबंधन

भाई बहिन
के प्यार का त्यौहार
रक्षाबंधन ।

एक धागे से
दिल के बंधन में
प्यार का रिश्ता।।

वो डोर नही
रिश्तों का उपवन
जो महकता।।

पवित्र प्रेम
अटूट बंधन है
दिल का रिश्ता।।

जहाँ समाई
जीवन परछाई
वो बंधन है।

वो राखी मेरी
प्यारी बहिना से है
ये त्यौहार है।।

वो डोर नही
रक्षा का वचन है
रक्षाबंधन।।

मोहित जागेटिया

Monday, August 12, 2019

मैं तुम्हारा कान्हा

      ''मैं तुम्हारा कान्हा"
मेरी प्रीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।
मेरे गीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।
मैं तुम्हारा घनश्यान हूँ तुम मेरी राधे हो,
बन्धन रीत तुम से राधे मैं तुम्हारा कान्हा।।

राधे तुम मेरी ओजल सी आँखों का नीर हो।
बन्धन के प्रीत की रीत तुम राधे तकदीर हो ।
जहाँ जहाँ राधे तुम हो वहाँ मैं रहता राधे,
मेरी परछाई तुम राधे मेरी तस्वीर हो।।

मेरे जीवन के सपनों का श्रृंगार हो राधे।
मन मोहन के जीवन का तुम अवतार हो राधे।
राधे तुम से मन मेरा हमेशा खिल जाता है,
मेरे मन के आंगन पर खिलता हार हो राधे।।

मन मोहन मेरा नाम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।
मेरे चरणों मे धाम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।
मोर मुकुट बंशी वाला मैं गाय का ग्वाला हूँ,
मैं तुम्हारा ही श्याम मैं तुम्हारा कान्हा हूँ।।
मोहित जागेटिया

नयें भारत के तुम विधाता हो

नयें भारत के तुम ही विधाता हो।
सदा ये देश तुमको अब गाता हो।
शासन ऐसे ही तुम करते रहना।
तुम सच्चे सेवक ये दिल का कहना।।
सदा तुम्हारा शासन आता रहें।
ये दिल तुमको हमेशा गाता रहें।।
मेरे इस देश की अब तुम आस हो।
देश की जनता का तुम विश्वास हो।।
आज अखंड भारत की तुम धार हो।
नयें भारत की तुम ही पतवार हो।।
मोदी तुम आज पटेल सरदार हो।
अब तुम नयें भारत का अवतार हो।।
मोहित जागेटिया

Saturday, August 10, 2019

कश्मीर

आओ मिल कर कश्मीर के लोगों को आज गलें लगाएं।
कश्मीर की खिलती वादियों में अब हम हमेशा घुल जाएं।।

वो हमारे सारे लोग अपने है उनको भी अपनाएं।
उन लोगों का साथ ले कर हम सब उनको आगे बढ़ाएं।।

कोई भाई बहिन कोई माँ आज नही कोई पराया।
हम सब एक बंधन में बंध जाएं सबको अब अपनाया।।

कश्मीर हमारा जन्नत था इसको आज जन्नत बनायें।
हर कश्मीरी के चेहरे पर अब सच्ची मुस्कान लायें

अब हर कश्मीर के लोगों को हम शिक्षा का ज्ञान दिलाएं।
कश्मीर का शांति का पैगाम दे कर दुनिया को दिखाएं।।

हर कश्मीरी के पास अपना कम्प्यूटर और विज्ञान हो।
कश्मीर भारत माँ का मस्तक ये सबको अभिमान हो।।

आज हर क्षेत्र में वो भागीदार हो सम्पूर्ण विकास हो।
हमारे दिलों के भाव दिल से मिल जाये ये विश्वास हो।।

कश्मीर के चमन में अब सारे के सारे फूल खिलायें।
आओ मिल कर कश्मीर के हर घर पर तिरंगा लहरायें।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.



Thursday, August 8, 2019

तिरंगा हाइकू कविता

"तिरंगा हाइकू कविता"

झंडा तिरंगा
ऊँचा रहें हमारा
ये गीत गाए।।

ये भारत की
आजादी का पर्व है
हम मनायें।।

मिल के गाए
वो वीरों गाथाएं
जो मिट गये।।

देश उनको
आज याद करेगा
उनकी शान ।।

सदा सदा ही
गगन चांद पर
ये लहरायें।।

आओ मिल के
देश के शहीदों की
शान बढ़ाएं।।

तिरंगा आन
भारत का मान है
ये ऊँचा रहें।।

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Tuesday, August 6, 2019

सुषमा स्वराज

हिंदी माँ की बेटी थी सदा हिंदी का सम्मान रखती थी।
माँ भारतीय की बेटी सदा भारत की पहचान रखती थी
जीती रही देश के लिए हमेशा दिल मे अरमान जगाकर,
वो सुषमा स्वराज थी हमेशा दिल मे हिंदुस्तान रखती थी।।
मोहित जागेटिया


मेरे शब्द सुमन से भावपूर्ण श्रद्धांजलि

टूट गया है आज फिर
आसमान का कोई सितारा!
बुझ गया एक दीपक
फिर से कोई आज।
छोड़ चली है वो हमको
उसकी ओजस्वी वाणी थी
तेज तरार प्रखर वक्ता
और प्रवक्ता थी वो
बेदाग छवि वाली नेता
जनता से जुड़ी रहने वाली
वो सच्ची राजनेता थी।।
कैसे भूले उसको
वो तो एक फूल थी देश का
जिसकी खुशबू विदेशों तक
पहुँच जाती थी।
वो हमारी अपनी प्यारी
सुषमा स्वराज थी।
कभी नही भुला पाएंगे
हमेशा वो याद रहेगी।।

धारा 370

जो वादा तुमने किया वो वादा तुमने निभाया।।
कश्मीर की वादियों में अब खुशियों का पल आया।
आज तुमने सबका दिल भी जीत लिया मोदी शाह,
370 धारा हटाने का फैसला हम सबको को भाया।।
मोहित जागेटिया

अखंड भारत की तस्वीर अब तुमने दिखाई।
अब सम्पूर्ण भारत मे आज आजादी पाई।।

आज कश्मीर की घाटी में स्वर्णिम इतिहास बना।
मोदी और शाह पर फिर सबका विश्वास बना।।

अब घाटी में भी तिरंगा रोज लहराएगा।
आजादी का जश्न पूरा भारत मनाएगा।।

केसर की क्यारी में फिर से अब चमन खिलेगा
जो चाह जैसा अब घाटी में हमको मिलेगा।।

जो वादा उसने किया वो वादा अब निभाया।
पूरे भारत मे आजादी का ये पल आया।।

कश्मीर से खिलता भारत का पूरा चमन है।
जो भी फैसला लिया उसका तो अभिनंदन है।।

आज पूरे देश ने असली आजादी छाई।
धारा 370 हटाने की सरकार को बहुत बधाई।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Saturday, August 3, 2019

जीवन का ये पल कैसा है विदाई गीत

जीवन का ये पल कैसा है ?
जो तुम हम से दूर जा रही हो ?
कैसे भूलेंगे बीतें कल वाले पल को।।
याद हमेशा आएगा बीता हर पल
साथ गुजरा साथ रहा हर वो पल
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।1

घर परिवार की रौनक तुम थी
घर आंगन की पूजा विश्वास तुम थी
तुम पापा मम्मी की प्यारी बेटी थी
मेरी और भैया कि प्यारी बहना थी
तुमको कभी न भूल पाएंगे हम
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।2

विदा तुम हम से हो कर उस घर जाओगी
उस घर मे खुशियों का दीप जलाओगी
इस घर की तरह तुम उस घर भी को मानना
उस परिवार को भी अपना परिवार मानना
बस इतना ही साथ था हमारा तुम्हारा
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।3

अब तुम जहाँ भी रहो खुशहाल रहना
हमारी दुआ तुम हमेशा सलामत रहना
हँसती हुई मुस्कराती हुई हमेशा रहना
इस घर की खुशियाँ उस घर मे भी रखना
विदा तुमको हम दिल से करते है
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।4

आज तुम प्रेम के बंधन से
सात फेरों के रिश्तों के बंधन में बँध गई हो
इस कुल से उस की बहू बन गई हो।
सदा ही सम्मान रखना रिश्तों के हर बंधन का
सदा महकता रहे तुम्हारा आँगन का उपवन
कभी न भूला पाएंगे बीते उस कल को।।5

इस विदाई में यादों का समंदर है
इस विदाई में दो परिवारों का घर है
ये शब्द नहीं मेरे दिल की वेदना है
तुम अपने घर जा रही हो आज इस घर से
ये मेरे अंतर्मन की संवेदना है ।
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।6

हर पल सुखी तुम्हारा संसार रहे
अजर-अमर तुम्हारा प्यार रहे
दिल की दुआ है दिनेश जी का हर पल साथ रहे
सुंदर संसार वाला शिल्पा तुम्हारा उपवन रहे
महकती रहें तुम्हारी वादियाँ ,
खिलती रहे तुम्हारे घर आँगन की कलियाँ ।।7

दिल से कभी नहीं तुमको ज़ुदा करेंगे
ये आँखे हमारी रो रही बीते एहसास को ले कर
तुम्हें तुम्हारी दुनिया में तो जाना होगा
जीवन का ये पल कैसा है ? विदा तुमको
आज आँखों में समंदर उमड़ पड़ा है
कभी न भूला पाएंगे बीतें उस कल को।।8

मोहित जागेटिया

Friday, August 2, 2019

गज़ल

"     मोहब्बत का समंदर बन जाऊँगा"
इन यादों के संग मैं मोहब्बत का सफर बन जाऊँगा।
निगाहें देखी जिसको भी मैं तो वो नजर बन जाऊँगा।।

चलना है जिंदगी के सफर में एक रोज सुबह से शाम,
जहाँ जहाँ बस्ती बस जाएगी मैं वो घर बन जाऊँगा।।

पता नही जिंदगी की गाड़ी किस मोड़ पर कहाँ चलेगी,
छोड़ कर सारी बातें कभी गाँव से शहर बन जाऊँगा ।।

मेरे रास्ते,मेरी मंजिल ही मेरा रोज सफर होगी,
मेरा विश्वास ही है आज इधर कल उधर बन जाऊँगा।।

ये पता नही जिंदगी का मोड़ कौन सा आखरी होगा,
लेकिन मैं तो प्यार मोहब्बत का समंदर बन जाऊँगा।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा (राज)