राजनीति का खेल बड़ा
खेला है नेताओं ने
जनता बेचारी
खेल देख रही नेताओं का
आज यहाँ कल कहाँ पर
गुम रहें नेता हमारे।।
मतदान किया था
इनको सेवक बन रहेंगे
काम वो जनता का करेंगे
हमारी समस्या का समाधान करेंगे
मगर आज खुद समस्या है
कब किधर चले जाएं। ।
सियासत न खुद की
न जनता हुई ये तो
बस लोभ,मोह ,माया की हुई
सियासत में अपने रूठे
कही के अपने टूटे है
सियासत वाले तो झूठे है।।
:---मोहित जागेटिया