*बढ़े जो कदम हमारे जहाँ पर* ,
*वहीं आशाओं का दिनकर सारा होगा* ।
*कुछ ग़म था, कुछ खुशियाँ भी थीं,*
*मगर आने वाला पल तो प्यारा होगा* ।
*जो पाया उस पर किस्सा बना ,*
अब छुटे सपना को भी इशारा होगा ।
*बीते साल की बात अलग थी* ,
*मगर आएगा वो साल हमारा होगा ।
*-- मोहित जागेटिया*