Friday, December 25, 2020

भारत को वंदन करता हूँ


मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
*************************************************

मैं राष्ट्र वंदना करता हूँ शब्दों के सुमन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

ये तपोभूमि है ऋषियों-मुनियों की वाणी से,
पाप मिटता गंगा,यमुना के अमृत पानी से।

प्रेरणा मिलती बलिदान वीरों की कहानी से,
भारत की वंदना करता हूँ अमर निशानी से।

ये जीवन काम आता है कभी राष्ट्र जीवन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

पहचान गीता का उपदेश वेदों का ज्ञान से,
यहाँ शांति मिलती देवताओं और भगवान से।

सबका पेट भरता यहाँ किसान अपने धान से,
गगन में लहराता तिरंगा अपनी ही शान से।

इस माटी को नमन करता हूँ मैं तो तन मन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

आध्यात्मिक का संदेश जाता भारत धाम से,
भूमि महान हुई मर्यादा पुरुषोत्तम राम से।

कण-कण में प्रेम बसा ग्वाल राधिका घनश्याम से,
देश भारत महान हुआ जवान किसान नाम से।

मैं वंदना का स्वर गाता हूँ शब्दों के वंदन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से॥

Monday, December 21, 2020

तेरी याद आती है


   *तेरी याद आती है*
जब जब तेरे ख्यालों में ख़ोया हूँ।
तेरी यादों में हर पल रोया हूँ।
बेचैन उदास मन ले कर रोज ही
मैं रातों की नींद नही सोया हूँ।

आज मन में कैसी उदासी छाई।
दिल को तड़पाती बस ये तन्हाई ।
 तेरे ख्यालों में,ख़ोया रहता हूँ ,
मुझे तेरी बातों की याद आई।

दिन रात तेरा ही ख्याल आता है।
तेरे सिवा कुछ भी नही भाता है।
तेरी तन्हाई के ख्वाब बनू तो,
बस तेरा ही तो ख्वाब सताता है।

तेरे को चूम कर आती हवाएं।
तेरी खुशबू से महकती फिजाएं।
मन में होती जब भी प्रेम बरसात,
दिल की डाल पर खिल जाती लताएं।।

मोहित जागेटिया



इस साल में है


आज जिंदगी न जाने किस हाल में है।
चल रही रोज समय के किस काल में है।
आज गया,कल आ जायेगा पता नही,
वक्त उस साल से आज इस साल में है।।
मोहित जागेटिया

उम्मीदों का साल हो 2021




उम्मीदों का साल हो

 बीतें साल की छुटी हुई
आशाओं को
नया आयाम देने
वाला नया साल हो।
सपने जो कल
रह गए थे अधूरे
उनको पूरा करने
वाला नया साल हो।
रूक गए थे जो कल
कदम हमारे फिर से
मंजिल तक चलने
वाला नया साल हो।
खेतों में हरियाली
घरों में खुशहाली
समृद्ध भारत की कहानी
नहीं किसी की आखों में पानी
सबको आगे बढ़ाने वाला 
ऐसा नया साल हो ।
कोरोना से जो बंद पड़े
मील,कारखाने सबके 
काम फिर चलने लगे।
अब रूके नही जिंदगी की
गाड़ी उम्मीदों से भरा
नया साल हो।
वैक्सीन आये कोरोना जाए
सब स्वस्थ रहें, मस्त रहें और व्यस्त रहें,
दुनिया में हमारा सम्मान और बढ़े
गगन हमारी उड़ान हो,हर ख्वाहिशों
को पूरा करने वाला ये
आने वाला नया साल हो।।

Friday, December 18, 2020

मेरी रेखा


मेरी जीवन रेखा तुम मेरा आकार हो ।
तुम धड़कन मेरी मोहब्बत का सार हो।
कल कल करती जीवन की आवाज हो तुम,
मेरे जीवन का तुम ही तो आधार हो।।

तुम से ही तो महकता मेरा उपवन है।
खिल जाता है जो तुम से मेरा ये मन है।
 मेरे इस जीवन की हर हम राह तुम से,
तेरी हर सासों से महकती धड़कन है।

प्रेम के भाव से भरा तुम्हारा प्यार है।
हर ऋतु की तुम से जीवन में बहार है।
मेरी महकती वादियां ये खिलता चमन,
मेरे जीवन की तुम से पतवार है।।

तेरी खुशबू को सासों में बसाया है।
जन्म जन्म का रिश्ता तुम से बनाया है।
तुम से प्रीत,प्रणय परिणय बंधन बांध कर,
हमने सात जन्मों रिश्ता अपनाया है।।
मोहित जागेटिया

इज़हार करता हूँ


तुम से है रिश्ता जन्म जन्मों का ये इकरार करता हूँ।।
तेरी हर धड़कन तेरी हर सांस से मैं प्यार करता हूँ।
इस जिन्दगी की हसरत से भरी हमारी भी कहानी हो,
खुशियों की बरसात में संग प्यार का इज़हार करता हूँ।।
मोहित जागेटिया

चली आओ तुम

"चली आओ तुम"

चली आओ तुम
मेरे दिल को सुक़ून देने
दिल बुलाता है 
तुम्हें बार बार।
मेरे गीतों को स्वर देने
मेरे शब्दों को आवाज देने
मेरी कलम की आवाज है
चली आओ तुम
मेरे मन को  सुक़ून देने।
मेरा प्यार तुम्हे बुलाता है
मेरी धड़कन मेरी हर सांस
अब तुम्हें बुलाती है
मेरी प्रीत में अपनी प्रीत
मिलाने,मेरे उदास मन को
खिलाने,ये दिल तुम्हें बुलाता,
चली आओ तुम
मेरे तन को सुक़ून देने।।
मोहित जागेटिया

तुम्हारे बगैर कुछ अच्छा नही लगता है।


"तुम्हारे बिगर कुछ अच्छा नही लगता है"

तुम्हारे बगैर कुछ भी 
मन नही लगता है
तन उदास-उदास
रहता कुछ भी अच्छा
नही लगता है।
दिल बेचैन है
मासूम सा चेहरा
निराश निराश रहता है।
तुम्हारी याद हर पल
बहुत आती है
तड़पता है दिल रोता है
बगैर तुम्हारे सब
अकेलापन लगता है।
तुम्हारी सोच में ख़ोया
ये मन रहता है।
ये दिल बार बार
तुम्हें याद करता है। ।
तुम्हारे बगैर कुछ भी
अच्छा नही लगता।।
मोहित जागेटिया

Tuesday, December 15, 2020

दोहा


सुबह सबेरे नाम ले,करें प्रभु को प्रणाम।
वाणी सबकी मधुर हो,मुख पर हो प्रभु नाम।।
मोहित जागेटिया

Monday, December 14, 2020

दिल ए जान लिखेंगे


संग तुम्हारे हम जिंदगी का अरमान लिखेंगे।
सफ़र कैसा भी होठों पर हम मुस्कान लिखेंगे।
अब न कभी कोई शिकायत होगी मोहब्बत से,
तुम्हारी चाहत को हम जो दिल ए जान लिखेंगे।।
मोहित जागेटिया

Saturday, December 5, 2020

भुलानी होगी


भुलानी होगी वो यादें वो बातें।
गुजरे हर पल की बीती मुलाकातें।
याद को याद कर के क्या फायदा अब,
वरना बरसती आखों से बरसातें।।

वो गुजरे लम्हें की थी अलग कहानी।
याद करो तो आता नयनों से पानी।
अब मतलब क्या? उस लम्हें से हमको भी,
जो अधूरे इश्क़ में थी कभी जवानी।

देखे जो हमने सपने वो भी टूटे है।
संबंध भी अपने रिश्तों से जब छूटें है।
हम चले ऐसे सफर में जिसकी राह नहीं
चाहें वो  संबंध भी कभी हम से रूठे है

इश्क़ जिंदगी का एक मुकाम नहीं था।
इश्क़ जिंदगी का कोई नाम नहीं था।
जो सच्चा बंधन रिश्तों में प्यार भरे ,
वो इश्क़ धड़कनों का इल्जाम नहीं था।।
मोहित जागेटिया

Friday, November 27, 2020

जिंदगी आजमाएगी


तेरी खुशबू से मेरी धड़कन महक जाएगी।
रिश्तों के उपवन में तेरी महक जो आएगी।
सदा साथ निभाहूँगा जिंदगी के हर कदम पर,
चाहें जिंदगी मुझे कितना ही आजमाएगी।।
मोहित जागेटिया

हर जन्म में साथ


जिंदगी के हर कदम पर मुझें तुम स्वीकार।
जन्म जन्म का बंधन में हो हमारा प्यार।
तुम्हारे हाथ में मेरा हर पल हाथ रहें,
मिलें तुम्हारा साथ हर जन्म में बार बार।

मुक्तक


तुम्हारे करीब रह कर मैं तुम्हारा ही रहूंगा।
होगी दिल की बैचेनी तो मैं तुम्हें कहूंगा।
तुम्हारी खुशियों के खातिर तपता रहूंगा रोज,
मिलें कितना ही दर्द तुम्हारे लिए मैं सहूँगा।।

मेरे दिल में तुम हो तुमसे ही मोहब्बत है।
तुम्हारे प्यार से नही अब हमको शिकायत है।
मेरे प्यार का दीया तुम अब दिल में जला दो,
मिटा दो तुम आज नफरत,नफरत से नफरत है।
मोहित जागेटिया

Wednesday, November 25, 2020

गुरुदेव



मोह माया और कुछ भी मैं नही मांग रहा हूँ।
सबका हो कल्याण आज मैं वही मांग रहा हूँ।
हो जाएं हम सबका उद्धार इस जीवन में अब,
गुरूदेव देना शुभाशीष यही मांग रहा हूँ।
मोहित जागेटिया

Friday, November 20, 2020

हर कदम पर इश्क


हर कदम पर इश्क तुम्हारे नाम लिखूंगा।
खुशियों को तुम्हारे नाम तमाम लिखूंगा।
मिला तुम्हारा प्यार मेरी हर धड़कन को,
तुम्हारी चाहत रोज सुबह शाम लिखूंगा।।
मोहित जागेटिया

Friday, November 13, 2020

दीपावली



*शुभ दीपावली*
*दीप उत्सव की आप को मेरे और मेरे परिवार की और से आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं।।*

*ये रौशनी का पावन पर्व हम सब के तन मन में बसे तिमिर को हटायें।हर घर आंगन खुशियों का दीप जलायें।*

*दीपक बन कर जग को जगमग कर जायें।*
*हम तन मन में बसा अंधकार मिटायें।*
*खुशियों की बरसात सब पर बरस जायें*
*हम दीवाली पर मिलकर दीप जलायें।।*

*शुभ हो ये दीपावली,जगमग हो परिवार।*
*हर दिन ये खुशियां रहें, हो ऐसा त्योहार।।*
*मोहित जागेटिया*

Wednesday, November 11, 2020

रेखा जन्मदिवस


°°°
* जीवन संगिनी को...जन्मदिसव की अनंत शुभकामनाएँ...*
👍🙂🎂💐💐💐💐
प्रिय रेखा ,
आपको आज के इस दिन की जन्मदिवस की मेरी और से बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।आज ही के दिन आप इस दुनिया मे आये और ये दुनिया मेरे लिए और अधिक बहुत खूबसूरत हो गई। तुम्हारा इस दुनिया मे आना और मेरी ज़िंदगी में आना इस से अच्छा मेरे लिए और कुछ नहीं हो सकता है।ईश्वर ने आपको शायद मेरे लिए ही बनाया था।
मैं आपको इस दिन की दिल से शब्दों के भाव से बधाई दे रहा हूँ।आप मेरे जीवन सफ़र के रूप में जीवन साथी के रूप में मिले हो।मेरे जीवन पथ पर साथ चलने का संकल्प लिया हो।ये ही मेरा परम सौभाग्य है।
में आपके जन्मदिन पर हमेशा के लिए आपकी खुशी ईश्वर से मांगता हूँ। हमेशा आप मुस्कराती रहों। आपकी खुशी का और ग़म का मैं हकदार हूँ। आपके सारे ग़म में हर लूँ।आपकी लम्बी उम्र की ईश्वर से कामना करता हूँ।मेरी उम्र भी आपको लग जाए । आपके ज़िंदगी के सफर में मैं हमेशा हम सफर बन कर साथ निभाउँ । कभी कोई कष्ट नहीं दूँ।और ईश्वर से ये ही चाहता हूं कभी किसी से कोई मुसीबत न आयें।जीवन का हर पल परिवार के साथ अच्छे रिश्तों के साथ निकले।सब से खुशियों की दौलत मिलें।प्यार मोहब्बत की शोहरत मिलें।जीवन के हर कदम पर सफलता मिलें।हर सपना आपका सच हो।मेरी दिल से आपके लियें ये ही दुआ है।आपका और मेरा साथ हर जन्म में हो। हमारा प्यार अमर रहे।

बरसती खुशियों की ये वो बरसात है।
चमकती चाँदनी ये सुनहरी रात है।
खुशनुमा रहें ज़िंदगी का सफ़र हर दिन,
जन्मदिवस की हमारी ये सौगात है ।।

हर पल महक जाएं जिंदगी खुशियों के उपवन में।
सफ़र जिंदगी का सलामत हो प्यार के बंधन में।
इस दिल के आंगन में महफूज रहे तेरी कलियां
तेरे प्यार का दीया जल रहा मेरी धड़कन में।।

जन्मदिन की दुआ है बस सुख से भरी कहानी हो ।
बार बार ये दिवस आए ज़िंदगी  मस्तानी हो ।।

खुशियों की झील में सदा ही जीवन की कश्ती हो ।
महक जाए ज़िंदगी वो खुशबू हर दिन बसती हो ।।

अपना कोई रूठे नहीं न अपनों से दूरी हो ।
जीवन के सफ़र में देखे हर ख्वाहिशें पूरी हो ।।

चेहरे पर नूर सदा आपके मन को चहकाए ।
दिल से ये दुआ है मेरी ये दिन बार-बार आए ।।

घर आंगन गुलज़ार रहे दामन में अच्छाई हो ।
हृदय की गहराई से जन्मदिन की बधाई हो ।।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, November 3, 2020

अहसास

जब तुम्हें मेरे प्यार का हो जाएगा अहसास।
देख लेना तुम खुद ही करोगी एक दिन विश्वास।
जिंदगी में नफ़रत तो कुछ दिन की नफ़रत रहेगी,
लेकिन मेरे प्यार को होगा रोज तुम्हें आभास।।
मोहित जागेटिया

महक जायें


हर पल महक जाएं जिंदगी खुशियों के उपवन में।
सफ़र जिंदगी का सलामत हो प्यार के बंधन में।
इस दिल के आंगन में महफूज रहें तेरी कलियां
तेरे प्यार का दीया जल रहा मेरी धड़कन में।।
मोहित जागेटिया

अपना बनाया है

इन आँखों ही आँखों में तेरा ख्वाब सजाया है ।
तेरी खुशबू को इन सासों में रोज बसाया है।
कदम चले है हमारे जिंदगी के सफ़र की और,
ये हाथ पकड़ कर तुम्हें अपना कभी बनाया

करवा चौथ


उसके ही रूप में मेरा ही श्रृंगार है।
मेरे ही रूप में उसका ही प्रतिकार है।
वो तो मेरा इस करवा चौथ का चांद है ,
उसकी चांदनी में मेरा ही दीदार है।।

Saturday, October 31, 2020

शरद पूर्णिमा


शरद चाँद की चांदनी,हरता पूर्णम पीर
पावन अमृत बरसता,सुखमय होती खीर।।
मोहित जागेटिया

कभी खुद से हार जाता



दर्द की तन्हाई में खुद को मैं मार जाता हूँ।
सफ़र कैसा हो इस पार कभी उस पार जाता हूँ।
खेलते है जिंदगी भर हम रोज रोज नया खेल,
तुम से जीत कर मैं खुद से कभी कभी हार जाता हूँ ।
मोहित जागेटिया

क्या शिकायत है


तमन्नाओं के शहर हम हकिगत है।
ख्वाहिशों का दौर उसकी रहमत है। 
जो मांगते वो मिल जाता कभी तो,
हमारी उनसे फिर क्या शिकायत है।
 मोहित जागेटिया

Wednesday, October 14, 2020

जन्मदिवस


जन्मदिन की दुआ है बस सुख से भरी कहानी हो ।
बार बार ये दिवस आए ज़िंदगी  मस्तानी हो ।।

खुशियों की झील में सदा ही जीवन की कश्ती हो ।
महक जाए ज़िंदगी वो खुशबू हर दिन बसती हो ।।

अपना कोई रूठे नहीं न अपनों से दूरी हो ।
जीवन के सफ़र में देखे हर ख्वाहिशें पूरी हो ।।

चेहरे पर नूर सदा आपके मन को चहकाए ।
दिल से ये दुआ है मेरी ये दिन बार-बार आए ।।

घर आंगन गुलज़ार रहे दामन में अच्छाई हो ।
हृदय की गहराई से जन्मदिन की बधाई हो ।।

-- मोहित जागेटिया

Monday, October 12, 2020

धन्यवाद,आभार

धन्यवाद,आभार।।
ग्राम पंचायत सिदडियास वासियों को मेरा कोटि कोटि प्रणाम और वंदन।।
ग्राम पंचायत सिदड़ियास के सभी मतदाताओं और  मेरे सभी प्यारे साथी भाइयो, बड़े बुजुर्गो, माता, बहनो,, का बहुत-बहुत धन्यवाद ।आप सभी कार्यकर्ताओं के द्वारा जो मुझे गोपाल जाट(बरजी देवी जाट) प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग और स्नेह,आशीर्वाद मिला उसके लिए आप सभी का आभारी रहूंगा।मैं हमेशा आप लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरूंगा ,आप सभी का विश्वास बनायें रखूंगा।मेरे संघर्ष में कोई कमी नही रखूंगा इंसान हूँ जाने अनजाने में गलती हो सकती है।लेकिन गलती को अवगत कराना आप सभी का काम होगा।ये जीत आप सभी की जीत ,ये जीत मेरी नही है।आप सभी की आशाओ और विश्वास की जीत है।
*मेरे हौसलों के पंखों में उड़ान है।*
*मेरी मंजिल तो हमेशा आसमान  है*
*कभी नही रूखे मेरे कदम इस सफ़र से*
*आप सभी का सहयोग ही मेरी पहचान है*

पुनः एक बार फिर से 
आप सभी के सहयोग के लिए बहुत बहुत आभार।
                  आपका अपना
                       गोपाल जाट
 ग्राम पंचायत सिदड़ियास
🙏🙏🙏🙏🙏🙏

पंच सरपंच


हमने अपना फर्ज निभाया हैं।

में गांव का पंच सरपंच बनानें वाला मतदाता हूँ।
में गांव की तस्वीर बदलने वाला सच्चा विधाता हूँ।

में अपने गांव का हर सुख दुख बताने वाला हूँ
में मतदाता अपने गांव में बदलाव लाने वाला हूँ।

दिल के चुनाव में नही किसी की जीत नही किसी हार हो।
पैसों से बिक जायें ऐसा नही कोई ये व्यापार हो।

सबसे सुगमवाद कभी नही किसी से विवाद चाहता हूँ
मतदाता हूँ मतदान से इस बार बदलाव चाहता हूँ।

जो गांव की तस्वीर बदल दे में वो विकास चाहता हूँ।
सच में गांव की सोच रखता वो ऐसी आस चाहता हूँ।।
मोहित जागेटिया

Thursday, October 8, 2020

चुनाव सरपंच


""""चलो ब्रुश को आजमाते है""""
ब्रुश से राजनीति की अब धुलाई होगी।
विचारों से राजनीति की सफाई होगी।
सियासत में गंदगी की सफाई के लिए
जनता खुद मैदान में आज आई होगी
लगा रहें सभी दम सियासत के परवाने,
जिसने खुद की चमक रब से बनाई होगी।
अब उसको कोई भी झुका सकता नही है
जिसमे जनता की हर दुआ समाई होगी।
प्रकास की तरह चमक अब ब्रुश से रहेगी,
ज्योति नूर की आज जो जलाई होगी।
आज हम सियासत के सफ़र में चले है
ये नई मंजिल की अग्रिम बधाई होगी।।
मोहित जागेटिया


चुनावों का ये दौर है
गलियों,मोहल्ले,चोरायें पर शोर है
चुनावी मद्दा कुछ भी नही है
कौंन जीत रहा कौन हार रहा
इसी समीकरण का जोर है।
सियासत में बस सियासत चल रही
जनता के सवालों को कोई पूछ नही रहा
जनता हर बार बहकावे में आती है
लोभ लालच दे कर जनता की
आवाज को दबाई जाती है। 
ऐसे ही सरकार बनाई जाती है।




Saturday, October 3, 2020

मोहब्बत करूँगा

*तुम्हारे दिल मे रह कर तुम्हारी हिफाजत करूंगा*
*है अगर कोई शिकायत तो में शिकायत करूंगा*
*अगर हो जाएं कोई गलती तो माफ़ कर देना*
*मैं मोहब्बत करता हूँ रोज मोहब्बत करूंगा*
:- *मोहित जागेटिया*

Thursday, September 24, 2020

आवाज दे रहा हूँ


मोहब्बत के सुरों को मैं साज दे रहा हूँ ।
दिल में दफ़न जो तुम्हें वो राज़ दे रहा हूँ ।
चली आओ मेरे गीत को आवाज  देने ,
प्रेम गीतों से तुम्हें आवाज दे रहा हूँ ।।

-- मोहित जागेटिया

Wednesday, September 23, 2020

किताब बना दूंगा


वक्त के हर सवाल का मैं ख़ुद को ज़वाब बना दूंगा ।
कल कोई पूछे किया क्या तो मैं हिसाब बना दूंगा ।

मेरी पहचान ख़ुद लिखूं मेरी काबिलियत दुनिया बताए ,
कभी वो काटों का दर्द सहन कर मैं गुलाब बना दूंगा ।

मेरी मंज़िल मुश्किलों के कठिन राह स भीे गुजरेगी ,
कल के हालात जो बदल जाए वो ख़्वाब बना दूंगा ।

पहचान सके कोई मेरी गहराई कितनी है दुनिया में ,
करीब आकर देख ले कभी जन सैलाब बना दूंगा ।

कल के लिए ज़िंदगी मेरी एक खुली किताब होगी ,
पढ़ ले ये दुनिया मुझको ख़ुद को वो किताब बना दूंगा ।

-- मोहित जागेटिया

Monday, September 21, 2020

मेरी कविता का,,,,,


"""मेरी कविता का तुम श्रृंगार हो"""""

मेरे शब्दों में तुम मुस्कान हो।
मेरी चाहत से मेरी जान हो।
मेरी कविता का तुम श्रृंगार हो।
मेरे शब्दों का तुम अवतार हो।
जिससे लिखता हूँ दिल की कलम से
मेरे लफ्ज़ों का तुम आकार हो।।

सोचते है वो तुम आसमान हो।
मेरी चाहत से मेरी जान हो।।
मेरी कविता मेरा तुम गीत हो।
मेरे शब्द सुमन का तुम मीत हो।
सुनता रहूँ मैं संगीत बना कर,
तुम मेरी चाहत की वो प्रीत हो।।

मेरी किताब की तुम पहचान हो।
मेरी चाहत से मेरी जान हो।।
मेरी भाषा मेरा व्यवहार हो।
लिखता रहूँ तुम्हें वो विचार हो।
मेरी कल्पना की कविता तुम हो,
शब्द शायरी का तुम संसार हो।।
मोहित जागेटिया


Thursday, September 17, 2020

कभी में गीत


कभी में गीत लिखता हूँ ,कभी में कविता सुनाता हूँ।।  
मिला जो दर्द का सागर ,उससे शब्दों में गाता हूँ।
मिलें कितने ही ये ज़ख्म खुद को घिरने नहीं दिया है
मगर सपने नहीं टूटे,उनको मैं रोज सजाता हूँ।।
मोहित जागेटिया

जन्मदिवस भाई


मेरे अनुज भ्राता VK Jagetiyaको और भतीजे ऋषि जागेटिया जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
💐💐💐💐💐💐🎂🎂🎂🎂🎂

मेरे रिश्तों में तुम लगते हो अनुज भाई।
देता हूँ दिल से जन्मदिवस की मैं बधाई।
तुमने देखे जो हर ख़्वाब,हो पूरे सारे।
आज खुशियों के आंगन में गम सारे हारे।।
हो आपके हर सपनों के पंखों की उड़ान।
जीवन के हर रस्ते हो मुश्किल में आसान।।
आपकी खुशी की मैं करता हूँ ये इबादत।
हर पल मेरे ईश्वर आपको रखें सलामत।।
जन्मदिवस की आज ये वो शुभ बेला आई 
मंगलकामना करता और देता बधाई।
मोहित जागेटिया

Saturday, September 12, 2020

हमसाया समझता है

कोई अपना समझता है कोई पराया समझता है ।
दिल की बेचैनी को तो बस कोई जाया समझता है ।
दर्द भरी इस ज़िंदगी को कोई ख़ुद नहीं समझ पाया ,
मगर दिलों के रिश्तों को कोई हमसाया समझता है ।।

-- मोहित जागेटिया

हिंदी दिवस पर


हिंदी दिवस पर...

हिंदी भाषा का ज्ञान लुटाते हैं ।
हिंदी की बिंदी को अपनाते हैं ।
ये हिंदी ही हमारी पहचान हो ,
इसलिए गीत हिंदी का गाते ह‌ैं । ।

हिंदी का करें हम भी सब सम्मान ।
बने हिंदी भारत की अमिट पहचान ।
हिंदी निज भाषा हो ये परिभाषा ,
हम सभी बोले हिंदी हिंदुस्तान ।।

देश धरा का मान दिया हिंदी ने ।
संस्कृति का ज्ञान दिया हिंदी ने ।
भारत के माथे की बिंदी हिंदी ,
शब्द सुमन का गान दिया हिंदी ने ।।

-- मोहित जागेटिया

तू शाम है

कभी अंधकार में चरागों से जलती तू शाम है ।
मेरी साँसों , मेरी धड़कन में तेरा ही नाम है ।
मेरे सपनों को सजाने के लिए अपना बना ले ,
मेरी मंज़िल मेरे सफ़र का तू ही तो मुकाम है ।।

-- मोहित जागेटिया

Friday, September 11, 2020

जल झुलनी पर


सुंदर शोभा श्याम की,सजा कोटड़ी धाम।
जन जन के आराध्य हो,दर्शन दो घनश्याम।।

हम दर्शन कैसे करें,बंद पड़ा दरबार।
कैसे आये कोटड़ी,घर से जय जयकार।।

लाखों भक्तों की सुनो,सुन लो तुम सरकार।
आज महामारी मिटा,दर्शन दो इसबार।।

आस्था का विश्वास है,आज कोटड़ी नाम।
ये धन्य धरा कोटड़ी,जहाँ बिराजे श्याम।।
मोहित जागेटिया

Thursday, September 3, 2020

ये साँसे कुछ दिन की मेहमान है


ये साँसे कुछ दिनों की ही मेहमान है ।
ज़िंदगी इतनी थोड़ी न आसान है ?

जीना-मरना ये कुछ दिनों का है सफ़र ,
फिर भी जीवन करता कितना परेशान है ?

हौसलों के पंखों में सोच नई भरकर ,
आज मंज़िल के सफ़र की ये उड़ान है ।

कब सुबह कब शाम रोज रात है आती ,
अंधेरी रातों में भी कुछ मुस्कान है ।

ग़म भी हार गया छोड़ दी जब ज़िंदगी ,
किया क्या जिंदगी ने वही तो पहचान है ।

-- मोहित जागेटिया

Friday, August 28, 2020

तेजा जी महाराज

    
तेजा जी वो वीर थे,जन्म लिया खरनाल।
हमारे लोक देवता,वो रखते खुशहाल।।

लीलण घोड़ी वीर की,हाथ में हैं लगाम।
तेजा जी को है नमन,हर बार हैं प्रणाम।
मोहित जागेटिया



Sunday, August 23, 2020

राधा

    मोहन की बंशी ने स्वर साधा है ।
स्वयं मोहन ही तो एक राधा है ।
कैसे मानें दोनों को अलग-अलग ,
राधा आधी मोहन भी आधा है ।।

-- मोहित जागेटिया

Saturday, August 22, 2020

प्यार

    मैं ही हूँ तुम्हारा प्यार तुम मुझे करो अब स्वीकार ।
मैं तो तुम्हारा हूँ आधार करो तुम अब न लाचार ।
जीवन के सफ़र को सुगम बना दो आज मेरे लिए ,
देता आज हूँ अधिकार , मिले अब तुम्हारा ही प्यार ।।

-- मोहित जागेटिया

राधा

      जीवन में जो भी मिला है न कम न ही ज्यादा है ।
जो भी मैने देखे ख़्वाब वो तो बस आधा है ।
इस प्रीत की कल्पना को तुम कर तो दो साकार ,
जीवन की हर बाधा का अंत तो बस राधा है ।।

-- मोहित जागेटिया

Saturday, August 15, 2020

तिरंगा

   आप सभी को #आज़ादी के पावन पर्व की #हार्दिक #शुभकामनाएं।।
तिरंगे की खुशबू में देश आज सारा है।
गगन में भी लहराता तिरंगा हमारा है।।
ये देश अनेकता में भी एकता से भरा ,
वतन हमारा हिंदुस्तान सबसे प्यारा है।
मोहित जागेटिया

Tuesday, August 11, 2020

कृष्ण जन्माष्टमी

                   *आपको कृष्णजन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं*
दोहें:-
लता-लता भी खिल गई,जब वो आएं श्याम।
मन की गलियां में बसा, कन्हैया का धाम।।

तुम पाप धरा के हरो,आओ तुम जगदीश।
कष्ट मिटा दो सभी,आज द्वारकाधीश।।

राधा,मीरा रुक्मणी, सबके तुम घनश्याम।
कण-कण में तुम बसे,मन में गोकुल धाम।

मुक्तक:-
मन मंदिर में माखन मुख पर मुरली सजाएं।
यमुना किनारे मुरली से गोपियां नचाएं।
दुख हरने पाप मिटाने हर लीला दिखाने,
वासुदेव देवकी के घर कन्हैया आएं।

मिश्री,माखन,दूध,दही का भोग लगाएंगे।
कान्हा का हर मंदिर  फूलों से सजाएंगे।
आज हर घर आएंगे बाबा नन्द के लाल,
खुशी-खुशी से कृष्ण जन्मोत्सव मनाएंगे ।।

मन मेरा मथुरा है  कभी तन वृंदावन है।
प्रेम की वो अलौकिक कृति सबका मोहन है।
वो सात सुरों की बंशी को मुख पर सजाते,
वृंदावन की गली में कान्हा का दर्शन है।
मोहित जागेटिया


Tuesday, August 4, 2020

राम मंदिर

     जय  सिया राम
अब सरयू तट सज गई,सजा अयोध्या धाम।
जन जन की आवाज थी,घर आएंगे राम।।

अब फूलों सा महकता,सजा राम दरबार
दर्शन कर के राम का,होगा अब उद्धार।।

लता लता खिल रही,सज रहा दिव्यधाम।
घर घर दीपक जल रहा,दर्शन देंगे राम।।

सपना पूरा हो रहा,वर्षों का सम्मान।
इच्छा मंदिर की रही,होगा अब निर्माण।।
मोहित जागेटिया

रक्षाबंधन

            रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।।
      रक्षा बंधन
दाहें:-
राखी का त्यौहार है,रिश्तों का विश्वास।
धागा सच्चे प्रेम का,जीवन का अहसास।।

रिश्ता भाई बहिन का,जिसमे अटूट प्यार।
ये बंधन तो स्नेह का,खुशियां भरी अपार।।

ये धागा है प्रेम का,होठों पर मुस्कान।
देता आज रक्षावचन,बहिन का रहे मान।

मुक्तक:-
रिश्तों की डोर के बंधन से सजी कलाई।
रक्षा का वचन देता आज बहिनों को भाई।
थाल सजाए कुमकुम रोली टीका लगाए,
उमंग भरे खुशी मनाएँ ये राखी आई।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Friday, July 31, 2020

राम मंदिर

        *शुभ मुहूर्त आया*
*****कविता******
वर्षों वर्ष बीत गये अब शुभ मुहूर्त आया।
अब भव्य मंदिर बनेगा ये सपना सजाया।

सारे देवता से पुष्प धरा पर बरसेंगे।
इस शुभ मुहूर्त को देव दर्शन को तरसेंगे।

अब भव्य भूमि पूजन होगा इस शुभ मास में।
प्रभु राम होंगे खुद के राम के आवास में।

गगन जाता भव्य दिव्य होगा मंदिर विशाल।
मंदिर दर्शन से अब जन जन होगा खुशहाल।

मंदिर में होंगे लखन,सीता और हनुमान।
छप्पन भोग लगेगा आएंगे लाखों  दान।।

सज कर सँवर जाएगी नगरी अयोध्या धाम।
दीप जलाओ अवध आये हमारे भी राम।।

राम संग सिया,लखन,हनुमान होगा दर्शन।
हम सब जयकार लगाएं प्रभु को करे वंदन।

आज राम नाम का सुमिरन से सत्कार करें।
पाँच अगस्त हर साल हर बार त्योहार करें।।
मोहित जागेटिया

Thursday, July 30, 2020

मेरे गुलशन को तुम महकाते हो

मेरे गुलशन को तुम महकाते हो ।
मेरे आंगन में तुम खिल जाते हो ।
तुम में मधुरस भरा महकती साँसें ,
प्रीत की धरा इस तरह सजाते हो ।।

प्रीत झरोखे से प्रेम झरना झरा ।
प्रेम पुण्य पल पावन मन हरा धरा ।
सदा बना रहता रिश्तों का बंधन ,
वो जीवन जो खुशियों से रहा भरा ।।

मन में नीला अम्बर चाँद सितारे ।
पुष्प लता से महके रिश्ते सारे ।
आता सूरज देखकर निशा जाती ,
प्रेम गया जीत , नफ़रत गये हारे ।।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, July 28, 2020

राम मंदिर

ये वो पावन वेला आई हैं हम घी के दीप जलाएं।
राम मंदिर का निर्माण हो रहा खुशी से ढोल बजाएं।
वर्षों टेंट में रहने वाले प्रभु मंदिर में विराजेंगे।
स्वागत करें हम अवध में फिर से आज प्रभु श्री राम आएं।
मोहित जागेटिया

Sunday, July 26, 2020

शहादत को कैसे भूल जाएं

वीरों की इस माटी को नत मस्तक हो कर शीश झुकाएं।
जो शहीद हुए इस अमर माटी पर श्रद्धा सुमन चढ़ाएं।
उन भारत माँ के वीर सपूतों पर हर बार अभिमान है,
नमन उनको,उनकी शहादत को आज कैसे भूल जाएं।
मोहित जागेटिया

Sunday, July 19, 2020

तुम्हारे नाम की हस्ती

ज़हान में सदा ही आबाद रहे तुम्हारी ये मस्ती ।
तुम्हारे सपनों के सामने हो दुनिया सारी सस्ती ।
सारी दुनिया यहाँ तुम्हारे इरादों को सलाम करें ,
इस गुलशन को महका जाए तुम्हारे नाम की हस्ती ।। 

*-- मोहित जागेटिया*

Monday, July 13, 2020

कुण्डलिया छंद

कुण्डलिया छंद 


सावन आया रे सखी,घटा चढी घनघोर।
अब मारा आई पिया,बागा बोले मोर।।
बागा बोले मोर,अखिया दर्शन निहारे।
हुई नयन बरसात,पिया प्यासी प्यारे।
पिया मन भरा प्रेम,छाई घटा पावन।
मन सावन बरसे प्रीत,आया सखी  ये सावन।।
मोहित जागेटिया

Tuesday, July 7, 2020

दोहें सावन

आया सावन ये बड़ा ,मिला शुभ सोमवार।
शिव चरणों मे नमन है,शिव करते उद्धार।।

सावन भोले का रहा,शिव का ले हम नाम।
ये सावन पावन बड़ा,होय सफ़ल काम।।

भोले की पूजा करें,कर ले शिव का ध्यान ।
दूध दही अर्पण करें,करते शिव गुणगान ।।

माला फूलों से सजा,भोले का दरबार।
हम करते शिव वंदना,शिव की जय जयकार।।
मोहित जागेटिया

Saturday, July 4, 2020

दोहें गुरुदेव पर,,,,

*दोहें गुरुदेव पर*
1
नमन करे,हर बार हम, पूजा से सत्कार।
गुरुवर को वंदन करें,गुरु से ये संसार।।
2
जटा सजी गुरु शीश पर  ,होठों पर मुस्कान।
दिव्य ज्ञान की रौशनी,दूर हटे अज्ञान।
3
गुरुवर चरणों में नमन ,नमन झुकाकर शीश।
अतिसुंदर जीवन मिलें,देना तुम आशीष।।
4
 अंधकार मन का मिटे,हो जीवन उद्धार।
जीवन खुशियों से भरे,हो जीवन भव पार।।
मोहित जागेटिया

Friday, July 3, 2020

गुरुदेव

मन के मंदिर में ज्ञान का दीप जलाया है।
जब से मैंने गुरु आपका दर्शन पाया है।
साथ रहे हो मेरा साया बन कर हमेशा ,
वंदन करूँ ,आपका ही आशीष छाया है।
मोहित जागेटिया

मैं हिंदुस्तान हूँ

मैं सरहद पर तैनात हूँ भारत का जवान हूँ।
गगन में भी पराक्रम हमारा मैं वो उड़ान हूँ
वीरों ने अपने लहू से सींचा इस मिट्टी को,
महक इस मिट्टी में भरी मैं वो हिंदुस्तान हूँ।
:-मोहित जागेटिया

Wednesday, July 1, 2020

प्रेम दोहें

तू बन जाना राधिका , मैं तेरा हूँ श्याम ।
हर जन्म अगर साथ तुम , बन जाऊँ मैं राम ।।

दिल की धड़कन में रहो , तुम दिल की मुस्कान ।
इन हाथों में हाथ हों , दिल में मेरी जान ।।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, June 30, 2020

जरूरत हो

मेरे दिल की धड़कनों की तुम चाहत हो ।
जिसको हम चाहते तुम वो मोहब्बत हो ।
ये साँसें भी इन सासों से चलती आज ,
इन साँसों की हरदम तुम ही जरूरत हो ।।

-- मोहित जागेटिया

पहली मुलाकात

आज के दिन तुमसे हुई थी पहली मुलाकात ।
एक साथ हम दोनों आए बन गयी थी बात ।
मेरे दिल ने तुमको उस दिन से अपना माना ,
उस दिन से हुई थी जीवन-सफ़र की शरूआत ।। 

-- मोहित जागेटिया

Wednesday, June 17, 2020

वतन की मोहब्ब्त का रंग

इस मिट्टी में अपना 
लहू ले कर चलते हैं
मातृभूमि पर प्राण न्यौछावर
कर देते हैं ,
वो भारत माँ के लाल
घर परिवार छोड़ कर 
देश साथ रखते हैं ।
मिटा देते ख़ुद को
तिरंगे की आन के लिए
कफ़न तिरंगा हो
वो ये ख़्वाब ले कर चलते हैं ।
न सोचते 
आगे पीछे क्या होगा ?
देश के लिए जीते
देश के लिए ख़ुद को मिटाते ,
सीमा पर हर पल तैयार रहते
दुश्मन के हर पत्थर
का ज़वाब ख़ुद बन जाते हैं ।
जो हमको ललकारते
हमसे जो लड़ते 
वो ख़ुद ही मिट जाते हैं ।
बाजुओं में हिम्मत, जोश
भारत माँ के जय घोष से भरा ।
वतन मेरा सलामत रहे ,
वतन की मोहब्बत का रंग भरा ।
 
-- मोहित जागेटिया

Tuesday, June 16, 2020

सुशांत को भावभीनी श्रधांजलि

वो ज़माना जीत कर ख़ुद हार गए ।
जीना था पर ख़ुद को ही मार गए ।
जीने ने क्या कठिनाई आई जो ,
आज वो इस पार से उस पार गए ।।

-- मोहित जागेटिया

ये वो भारत नही जो तुम जानते हो

आज के भारत को तुम भी मानते हो ।
रोज क्यूँ हम पर ऐसे तुम तानते हो ।
जान लुटाते हैं अपने वीर जांबाज ,
ये वो भारत नहीं जो तुम जानते हो ।।

-- मोहित जागेटिया

Sunday, June 14, 2020

मेरा परिचय और मेरी उपलब्धि

पूर्ण नाम~मोहित जागेटिया

साहित्यिक उपनाम~नही

जन्मतिथि~6 अटुम्बर 1991

जन्म स्थान~सिदडियास

वर्तमान पता~गांव सिदडियास जिला& तहसील भीलवाड़ा                राजस्थान पिन कोड 311011

राज्य/प्रदेश~राजस्थान

ग्राम/शहर~गांव सिदडियास

पूर्ण शिक्षा~स्नातक

कार्यक्षेत्र~
(नौकरी या जो भी) किरणा जनरल स्टोर

सामाजिक गतिविधि~नही

लेखन विधा~ कविता,दोहें, मुक्तक,गीत,ग़ज़ल, 

भाषा ज्ञान~नही

मोबाइल/व्हाट्स ऐप~9950100169

कोई प्रकाशन~ -1नई उड़ान नया आसमान सांझा संग्रह पुस्तक
2 काव्या लोक सांझा संकलन 3 काव्य सौरभ 4 ये कुण्डलिया बोलती है4 ये दोहें गूँजते से 5 श्रम शक्ति( ई बुक)

रचना प्रकाशन~राष्टीय हिंदी पत्रिका प्रजातंत्र स्तम्भ में अटल जी को श्रदांजलि पर कविता का प्रकाशन,प्रयागराज कुंभ पर लिखी कविता का इसी पत्रिका में दीपावली पर लिखी कविता का प्रकाशन
(पत्र-पत्रिका)

प्राप्त सम्मान~1नई उड़ान नया आसमान मासिक प्रतियोगिता में रिश्ता विषय पर सांत्वना सम्मान पत्र से सम्मानित,2काव्य सागर ऑनलाइन से सावन मास पर कविता से सम्मानपत्र 3इससे रावण कविता से सम्मान पत्र।4राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग से स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मानित सम्मान पत्र।5प्रजातंत्र का स्तम्भ गौरव से सम्मानित(प्रजातंत्र स्तम्भ के साझा संकलन नई उड़ान नया आसमान )6राष्ट्रीय कवि चौपाल शाखा -दौसा, राजस्थान जिसने मुझे "कवि चौपाल मनीषी" सम्मान से नवाजा।मतदान विषय पर लिखी मेरी कविता के लियें7 राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग से स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मानित पत्र दूसरा (8)अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई विराटनगर जयपुर के द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मान पत्र(9)राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग के सयुक्त तत्वावधान में स्टार हिंदी साहित्य सौरभ सम्मान से सम्मानित।(10)
मधुशाला साहित्यिक परिवार से मधुशाला गौरव से सम्मानित(11)मधुशाला साहित्यिक परिवार उदयपुर से कहानी प्रतियोगिता से "मुंशी प्रेम चंद अलंकरण"से सम्मानित।(12)अंतराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस पर हिंदी भाषा.कॉम से सम्मानित।(13)राष्ट्रीय कवि चौपाल के द्वारा साझा संकलन "काव्य सौरभ"के लोकार्पण समाहरो से "राष्टभाषा गौरव"से सम्मानित।(14)मीन साहित्य संस्कृति मंच के द्वारा मेरी भेजी गई पर्यावरण विषय पर रचना के लियें"हिंदी सारथी सम्मान"(15) हिंदी भाषा. कॉम द्वारा तीन सम्मान 1 कृष्ण जन्माष्टमी 2 हिंदी दिवस 3 कारगिल विजय दिवस(16)वेब पोर्टल साहित्यदर्शन डॉट कॉम द्वारा मातृत्व सम्मान से समानित(17) मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा कोरोना जागरूकता पर लिखी कविता सम्मानित

ब्लॉग~9950100169 blog mohit jagetiya

विशेष उपलब्धि~नही

लेखनी का उद्देश्य~समाज की विसंगतियों को बताना और उसको मिटाना।

रुचियाँ ~कविता लिखना

Friday, June 12, 2020

शराफ़त

शराफ़त का ये दरिया छोड़ आऊँगा ।
जब मैं प्यार का समंदर बन जाऊँगा ।
नीला अम्बर बन देखता रहूँगा मैं ,
जब तेरी आँखों में ख़ुद को पाऊँगा ।।

-- मोहित जागेटिया
 

Monday, June 8, 2020

गज़ल

टूटा हूँ मैं अपनों से अपनों का प्यार नहीं ।
छोड़ गये कैसे माने वो अपना यार नहीं ।

जो मेरी चाहत को अपना बनाने के लिए ,
आज पास से दूर गए वो अब स्वीकार नहीं ।

तोड़ा था जिसने दिल मेरा उसने ज़ख्म दिया ,
उस पर हमको भी कोई कभी एतबार नहीं ।

अब वक्त का भरोसा नहीं कब ये बदल जाए ,
किसी पर अब विश्वास करें ये वो संसार नहीं ।

प्यार में टूटे लोगों की ज़ख्म भरी कहानी ,
किसको अपना माने अब कोई अधिकार नहीं ।

रोते जीवन की बहती नदिया इक धार सी ,
कोई किनारा बैठा जीवन अब उस पार नहीं ।

-- मोहित जागेटिया

Friday, June 5, 2020

दुआ बार है

हक़ीक़त में मुझे उसका ही इंतज़ार है ,
रब से जो मिला मुझे उसी का ये प्यार है ।
जो ख़्वाब मैंने उसका ही दिल में सजाया ,
मुझे वो मिल जाए ये दुआ बार-बार है ।।

-- मोहित जागेटिया

Thursday, June 4, 2020

जन्मदिन का आभार

आभार, धन्यवाद कोटिशः प्रणाम 🙏🙏

वैसे तो जन्मदिन हर व्यक्ति के लिए महत्पूर्ण होता है।ये जीवन का एक पर्व होता है। और ये पर्व हर वर्ष आता है। जिससे वह हर वर्ष मनाता है और ईश्वर का शुक्रिया अता करता हैं कि उसने यह मनुष्य जीवन दिया और निर्बाध एक वर्ष और पूर्ण हुआ। 
जन्मदिवस के इस खास अवसर पर आप सबके द्वारा मुझे
Whatsapp, facebook,sms or कॉल पर आज जन्म दिवस की लगातार मिल रही बधाइयों के लिए सभी आत्मीय-स्नेहिल प्रेमियों व जागेटिया परिवार के सदस्यों का बहुत-बहुत आभार।साथ ही ईश्वर का  कोटि-कोटि प्रणाम जिन्होंने मुझे इस योग्य चुना है।उन सब साथियों का तहदिल से शुक्रिया जिन्होंने मेरे मुस्किल समय में मेरा साथ दिया।मेरे माता-पिता, गुरूजनों, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों और दृश्य-अदृश्य सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद और प्रणाम।
 प्रिय जनों की अनंत आकाश भर शुभकामनाएँ एवं बधाइयों ने इसे उत्सव में बदल दिया। मैं आप सब के इस अथाह स्नेह को देख कर अभिभूत हूँ। मेरे शब्दकोष में आपका धन्यवाद व्यक्त करने हेतु जैसे शब्दों का अकाल सा पड़ गया है। मैं आपके इस स्नेह के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ और आप के इस प्रेम को कोटिशः प्रणाम करता हूँ। आप सभी का हृदय की अंतःकरण से बहुत बहुत आभार एवं अभिनंदन ❤️❤️💐💐💐 🙏🙏🙏 
*"मिला जो प्यार आपका,दिल से है स्वीकार।*
   *स्नेह प्रेम हर पल रहें,करता हूँ आभार।।"*

 आपका प्रिय जनों का स्नेह, बड़ों का आशीर्वाद, एवं मित्रों का साथ सदैव बना रहेगा इसी आशा में आपका अपना

Wednesday, June 3, 2020

तेरे शहर में हम आया करेंगे

तेरे शहर में हम आया करेंगे ।
दिल का हाल रोज बताया करेंगे ।

खामोश रहेंगे , कुछ न कहेंगे हम ,
मगर प्यार को अब जताया करेंगे ।

तुम्हारे दिल में नफ़रत जो रहती ,
प्यार से कभी हम हटाया करेंगे ।

नज़र में तस्वीर तुम्हारी रहती ,
तस्वीर को गले लगाया करेंगे ।

कैसे भूले दर्द के ज़ख्म को हम ,
याद दिला हम रोज सताया करेंगे ।

तेरी गलियों से जब गुजरेंगे हम ,
कभी दिल का हाल दिखाया करेंगे ।

-- मोहित जागेटिया

बदलता मौसम

ये मौसम भी बदला ,
बदली हर फिजाएँ ,
बदलने लगी हर हवाएँ
बदली-सी ये कुदरत
बदले-बदले से कुदरत के 
हर नज़ारे।
आज वो नहीं जो कल था
अब कल क्या होगा ? 
अब वो ये पल नहीं !
हद से ज्यादा तपती धरा
बरसती लू की आग
मन को जलाती ये कुदरत की आग ,
कहीं हवा , आँधी तूफान
न जाने कैसे कुदरत के 
आज ये भयानक परिणाम ,
बिना मौसम तेज बारिश कहीं 
सूखा कहीं बाढ़ है
इस प्रकृति के बुरे ये हालात है ।
मानव ने पेड़-पर्वतों को काटा
नदियों को खोदा-मोड़ा
हवा को भी ज़हरीली बना दी
कुदरत के साथ जो खेल खेला
आज कुदरत ने भी अपने रास्ते बदले
बदल गए मौसम के मिजाज
सर्दी में गर्मी , गर्मी में सर्दी
बिन मौसम हर ऋतु बरसात ।।

-- मोहित जगेटिया

Sunday, May 31, 2020

पापा मम्मी की शादी की सालगिरह पर

जीवन के पथ में हमेशा ही पथिकमान दिया है।
नेक राह पर चले उन सपनों को उड़ान दिया है।
रब के आशीर्वाद से तुम मिलें थे,तुमसे जो हम,
हमारी जिंदगी को तुमने ही पहचान दिया है।।
मोहित जागेटिया

Thursday, May 28, 2020

तुम्हारा हो नही पाया

दर्द जो इतना मिला हैं सुकून से सो नहीं पाया।
तुम्हारे आँचल पर प्रेम का बीज बो नहीं पाया।
उस रब ने प्रेम से बंधन जो ये बनाया था मगर
तुम्हारा हो कर भी मैं तुम्हारा हो नहीं पाया।
मोहित जागेटिया

महेश वंदना

*महेश वंदना*
भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।1

हम माहेश्वरी भगवान महेश की संतान है ,
महादेव का मिला हम सभी को ये वरदान है ।
करें हम जो अपना व्यापार खुद ही व्यवहार से ,
ये ही हमारी माहेश्वरी होने की शान है ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।2

छोड़ कर हिंसा गए महादेव की हम जो शरण ,
मिला हमको तराजू किया महेश को नमन चरण ।
महेश के आशीर्वाद से बने हम माहेश्वरी ,
करते है महादेव महेश को तन मन समर्पण ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।3

आपने ही हमको विवेक बुद्धि तेज ज्ञान दिया ,
हारे थे हम जीवन फिर से जीवन का दान दिया ।
दिल में करूणा भरी है करते हम देश सेवा ,
बना कर माहेश्वरी आपने ये सम्मान दिया ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।4

तुम्हारे वंश के तुम्हारी चरणों में आये ,
दिल के सुमन तुम्हारी चरणों में हम जो लाये ।
माहेश्वरी होने हमको खुद को ये गुमान है ,
महेश तुम्हारी वंदना की महिमा हम गायें ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।5

 -- मोहित जागेटिया
    भीलवाड़ा राज.

Monday, May 25, 2020

इल्ज़ाम लिखूंगा


अधूरी मोहब्बत उसी के नाम लिखूंगा।
जिंदगी को मैं उसके सरेआम लिखूंगा।
दर्द की तन्हाई में रोता रहूंगा हर पल,
दर्द ए इश्क़ का तुम पर इल्ज़ाम लिखूंगा।।
मोहित जागेटिया

मेरे गीतों का श्रृंगार हो

मेरे गीतों का श्रृंगार हो तुम।
मेरे शब्दों का अंगार हो तुम।
जिस धड़कन से सासों में पिरोया,
मेरा सच्चा वो संसार हो तुम। ।
​©मोहित जागेटिया

Sunday, May 24, 2020

कुछ बातें अधूरी रह गई

कुछ बातें अधूरी रह गई
कहना बहुत कुछ था
पर उस समय सोचा नहीं था
साँसें चल तो रही थी
धड़कनें बढ़ गईं 
जीवन की राह क्या थी ?
मंज़िल तो वही है
पर सफ़र के रास्ते भटक गये ।
निकले तो थे घर से
ज़िंदगी बनाने पर 
जीवन ही बदल गया ।
देख कर हालात
सोच रहा ये मन
कहाँ पर आ गये ?
सोचा न था ये दिन
ज़िंदगी क्या जीत
क्या हार तय कर 
न पाएंगे।।
-- मोहित जागेटिया,

Tuesday, May 19, 2020

महाराणा प्रताप

*महाराणा प्रताप...*

उस हल्दीघाटी में आज चेतक का धाम है।
वीर शौर्य उस महाराणा प्रताप का नाम है।

रण के मैदान में घोड़ा चेतक निराला था,
शौर्य और पराक्रम का हाथों में भाला था।

वीरता से उसने मेवाड़  नाम बढ़ाया था,
उस चेतक ने भी राणा का साथ निभाया था।

सच्ची निष्ठा महाराणा प्रताप की पहचान,
इसलिए वो इतिहास में विश्व ख्याति था महान।

अमर अमिट सच्ची महाराणा की कहानी है,
उस योद्धा की ये धरती वो राजस्थानी है।

मेवाड़ को कभी नही होने लिया था गुलाम,
लड़ता रहा हमेशा वो मेवाड़ का संग्राम।

मानवता की गरिमा को सदा ही सजाया था,
मेवाड़ का सदा ही उसने मान बढ़ाया था।।

उस महाराणा प्रताप पर है हमको अभिमान।
साहस की इस वीर भूमि का नाम है राजस्थान ।।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा राज

Thursday, May 14, 2020

माँ


''''''""""""""*माँ*'''''''''''''''''''

माँ मूरत हैं प्रेम की,माँ ममता का प्यार।
माँ करुणा और दया,मिला माँ से दुलार।।

जीवन माँ की आस हैं,माँ मेरा विश्वास।
माँ शब्दों की शान हैं,माँ जो मेरे पास।।

जग में माँ अनमोल हैं,माँ से ये वरदान।
माँ पूजा हैं आरती,माँ ही तो भगवान।।

धरती का श्रृंगार हैं,दिव्य ज्योति का ज्ञान।
आज माँ के प्रकास से,मेरा ही अभिमान।।

माँ जीवन की डोर हैं,वो जीवन आधार।
माँ जग सारा सार हैं,नही हैं अंधकार।।

वो सबके जो नाम हैं,सब उसके हैं नाम।
माँ से पावन पुण्य हैं, वो तो आठों धाम।।
मोहित जागेटिया

सब दुख दर्द सहन कर के कब वो माँ सोती है।
पता भी नही जब किसी बात पर माँ रोती है।
कैसे भी कर अपने बच्चों को कभी पालती,
अपने बच्चों के लिए माँ एक माँ होती है।
मोहित जागेटिया

मजदूर

*कैसा सफ़र है...?*
~~~~~~~~~~

मजदूरों की ये कैसी अभिलाषा है ?
अब क्या ये ही इनकी ये परिभाषा है ?
भूखे-प्यासे अपने बच्चे ले चलते ,
इनके जीवन की अब किनको आशा है ??

तपती धूप में सफ़र से घर जाना है ,
पैरों के छालों से ठोकर खाना है ।
मजदूर होना कोई गुनाह है भला ?
बस आज ठोकर से नहीं घबराना है ।।

इनकी आँखों में दर्द भरा पानी है ,
कठिन रास्तों में इनकी ये रवानी है ।
देख दर्द के आंसू घाव बड़े गहरे ,
आज के मजदूरों की ये कहानी है ।।

जीवन में ये कैसा आज का सफ़र है ?
है मंजिल कितनी दूर कहाँ पर घर है ?
जिस रोटी के लिए ऐसा सफ़र होगा ,
आज मंजिल में सफ़र इधर से उधर है ।।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा

Thursday, May 7, 2020

कब रात हो गई है

ये दिन कब डल रहा था कब रात हो गई।
बिना मौसम के कैसी बरसात हो गई।
आँखों से दर्द के आंसू छलक रहें थे,
जाने क्यों उनसे ये मुलाकात हो गई।।
मोहित जागेटिया

मुश्किल का ये दौर निकल जायेगा

कभी सोचा नहीं था
जिंदगी में मेरे भी 
ऐसे दिन आएंगे ?
कभी सोचा नहीं था
वो ऐसे बदल जाएंगे ?
बीच राह में सफ़र
छोड़ कर जाएंगे ? 

मुश्किल का ये दौर है
कल निकल जायेगा ,
मगर हम राह जो चला था,
वो कल जरूर याद आएगा ।

ऐसा क्या किया था ?
जिसकी सजा 
मुझको मिल रही है ?
इससे अच्छी तो
जिंदगी पहले चल रही थी ।

न जाने जिंदगी में दर्द का
ये कैसा सैलाब आया है ?
ये कैसी जिंदगी है
जहाँ पर खुशियाँ
आँसू का उपहार है ?
सच्चाई ये
जीवन का तिरस्कार है ।

इतने तो कभी हम बुरे नही थे
जिसकी हमको ये सजा मिली 
ये ईश्वर ! 
तुम मुझसे क्या चाहते हो ?

नेक इरादा ,सत्य वचन
मधुर वाणी से चले ,
कर्म भी इतने बुरे नहीं थे 
जितनी ये सजा दी !!

भलाई का ये अपमान 
क्या भला है ईश्वर ?
सोचा न था 
कभी मेरे साथ ऐसा होगा ?
जो बंधन वंदन था 
उसने साफ़ दर्पण होगा ??

मंजिल थी सफ़र था 
क्यों राह पर भटक गये ?
चलना ही नहीं था तो 
क्यों सफ़र में निकले थे ?

कहीं सपने देखे थे 
वो आज टूट गये ।
दिल पर जो चोट लगी 
उनसे ये रिश्ते-बंधन भी 
अब शायद छूट गये ।।

-- मोहित जागेटिया

Saturday, May 2, 2020

बिखर गया हूँ

बहुत थका हुआ हूँ,अभी बहुत बिखर गया हूँ।
सफ़र पहले अच्छा था अब किस सफ़र गया हूँ 

तेरे आने से पहले घर बहुत अच्छा था,
जब से आई हैं लगता मैं बस भर गया हूँ।।

जिंदगी में कैसी तन्हाई मिली हैं आज,
आज इन हालातों से मैं भी गुजर गया हूँ।

जो भी हालात है जीने नहीं दे रहें है,
मैं आज हालातों से फैसला कर गया हूँ।

जिंदगी का फैसला अब दिल ने कर लिया है,
टूटा विश्वास ले कर आज में मर गया हूँ।

सोच लेना तुम भी अब अच्छी तरह से आज,
जिंदगी की गहराई में अब उतर गया हूँ।।

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज....

Thursday, April 30, 2020

मजदूर दिवस पर

***** *मजदूर* *****
रोज खून पसीना बहाया करता हूँ।
मैं मेहनत का रोज खाया करता हूँ।
अपनी मेहनत से में मजदूर  बनता ,
देश धरा मजबूत बनाया करता हूँ।।

मैं सुबह सुबह जल्दी उठ कर जाता हूँ।
रोज दिनभर पत्थर सिर पर उठाता हूँ।
सुकून नहीं कहीं भी आंखों में आंसू,
कभी कभी मैं जब भूखा सो जाता हूँ।।

मैं धूप,सर्दी, बरसात सब सहता हूँ।
मजबूरी को मैं कभी नहीं कहता हूँ।
रोज अपनी मेहनत का खाता हूँ मैं,
मैं अपनी मौज मस्ती मगन रहता हूँ।

देश धरा की लिखी हैं मैंने कहानी।
जब कभी खून हो जाता पानी पानी।
पसीने से गढ़ी आज की ये दीवार,
ख़फा दिया बचपन और सारी जवानी।।

आज हक़ीक़त से रोज कोसों दूर हूँ।
कभी अंधकार में दीपक का नूर हूँ।
लड़ते हैं रोज ही अपनी मेहनत से,
मैं मजदूर हूँ क्योंकि आज मजबूर हूँ।।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा राज.

Sunday, April 26, 2020

अधूरी मुलाकात है

""""अधूरी मुलाकात है""""
जब से मैंने तुमको अपना माना ,
उस दिन से तुमको मैंने पहचाना ।
प्रेम के जो रास्ते बदले दिखें हैं ,
उन रास्तों का जो मैंने सच जाना ।।

हकीकत में कहो कितनी चाहत है ?
बता दो आज कितनी मोहब्बत है ।
आज ये दिल तुमको जितना चाहता ,
क्यों तुम को उतनी ही ये नफ़रत है ।।

दिल मेरा कितना अब ये उदास है ,
मन में नहीं कुछ भी अब विश्वास है ।
टूट रहे मेरे वो सब जो सपने ,
ये दिल के अब क्यों नहीं वो पास है ??

आँखों से बरसती ये बरसात है ,
दर्द से गुजरी मेरी हर रात है ।
तुम्हें पा कर मैं आज अधूरा हूँ ,
हर बात पर अधूरी मुलाकात है ।।

तुम्हारी चाहत से दिल रोता है ,
बार-बार ऐसा क्यूँ ये होता है ?
तन्हाई मिली मुझें इस चाहत में ,
इसलिए ये दिल अकेला सोता है ।।

मुझे तो तुम से ही सच्चा प्यार है ,
जन्म का बंधन तुमसे स्वीकार है ।
इस जीवन का सफर तुम्हारे संग ,
तुमसे ही ज़िंदगी का आधार है ।।

*-- मोहित जागेटिया*

Sunday, April 19, 2020

जन्मदिवस

वो सुबह जिसके लिए मैं वो शाम लिख दूंगा।
जीवन की खुशियां हर वक्त तमाम लिख दूंगा।
जन्मदिन पर ये दुआ है आज मेरे दिल से,
जीवन का हर पल दोस्ती के नाम लिख दूंगा।।
मोहित जागेटिया

Saturday, April 18, 2020

रिश्ते और रिश्तेदारी


टूटा हूँ मैं आज 
खुद की वेदना से
मिली नही मुझे
अब तक कोई 
भी सवेदना।
क्या ये रिश्ता
रिश्तेदारी का बंधन है।
जहाँ सम्बंध में भी
आज प्रतिबंध है।
जोड़े थे जो रिश्ते
हमने सह सम्मान से
उसमें आज ये अपमान कैसा है
हर पल जो यादों से
बिछड़ने लगें ये रिश्ते
कल क्या ये समुंदर बनेंगे
जो आज सरोवर भी नही बने है।।
मोहित जागेटिया

प्रकति का परिणाम

"प्रकृति का परिणाम है"
कुदरत की शक्ति
को देख आज
सारी मानव जाति
भयभीत है।
कुदरत को हमने
क्या क्या दिया है।
और आधुनिक सुविधाओं
के लिए कुदरत से हमने
क्या क्या लिया है।
जंगल को उजाड़ दिया
पर्वत को काट दिया
नदियों को मोड़ दिया।
आज ये उसका की
परिणाम है।
कभी सूखा तो कभी बाढ़
कभी आंधी तो कभी तूफान
हर चाल उसके हाथ में है
सृजन - विध्वंस।
हम कुदरत के अंश है
हमने ही कुदरत का दंश लिया।।

जन्मदिवस

अपार प्रेम और स्नहे रखने वाले,मेरी हर मुसीबत में मेरे साथ खड़े होने वाले। मेरे परम् मित्र अशोक आपको जन्मदिसव की बहुत बहुत शुभकामनाएं।।भगवान आपको लम्बी उम्र दे।।

हर दिन हर पल खुश रहें,दिल में हो मुस्कान।
महक उठे ये जिंदगी,जन्मदिन दे उड़ान।।।

 तुमको सब आशीष दे,मिलें खुशी का हार।
सलामत रहें जिंदगी,दुआ हो बार बार।।

सच्चा मान अजर रहें,हो लक्ष्मी का हाथ।
जीवन मंगलमय रहें,सरस्वती हो साथ।।

आप सदा खुश रहें, हो पूरे अरमान।
जीवन में मस्ती रहें, रब का मिलें जहान।।
मोहित जागेटिया



Thursday, April 9, 2020

मैं भीलवाड़ा हूँ,,,,,,,

मैं भीलवाड़ा हूँ...
कुछ दिन पहले बारूद ढेर पर पड़ा था
बहुत बड़ी मुश्किल में खड़ा था ।
बड़ी सूझ-बूझ से कोरोना की
जंग से सबके सहयोग से लड़ा था ।।
आज मैने ख़ुद के दम पर
कोरोना को हराया है 
बारूद ढेर से निकल कर
तोड़ा सुकून पाया है ।
आज हर ओर भीलवाड़ा...भीलवाड़ा हो गया
भीलवाड़ा मॉडल की चर्चा हर ओर है ।
भीलवाड़ा मॉडल के लिए श्रीमान राजेन्द्र भट्ट जैसे
कलेक्टर होना जरूरी है
सारे अधिकारी की
मेहनत जरूरी है ।
सम्पूर्ण भीलवाड़ा प्रशासन
का और सभी डॉक्टरों का पूरा सहयोग रहा है
वो सभी कोरोना वारियर्स जो
रात दिन लगे रहें इस जंग हो हराने के लिए ।
आज सम्पूर्ण हिंदुस्तान में भीलवाड़ा... 
मॉडल अपनाया जा रहा है ।
इसके लिए भीलवाड़ा की जनता
को भी बहुत बहुत बधाई है
जिसने नियमों का पालन किया है ।
ये जंग अकेले रह कर , घरों में रह कर
रात-दिन डॉक्टरों की मेहनत , लगन से
सबके सहयोग से जीती जाती है ।।

-- मोहित जागेटिया
-----भीलवाड़ा राज.

Monday, April 6, 2020

भगवान महावीर

ह्रदय से वंदन उनको पीड़ा हरके वो पीर हो गए।
सबकी एकात्मकता की भावना के नयन नीर हो गए।
वो सत्य,त्याग,तपस्या,सन्तवाणी ऐसी थी उनकी जो,
हम सबको दर्शन देते भगवान वो महावीर हो गए।
मोहित जागेटिया

Friday, April 3, 2020

एक दीया देश के नाम जलाएंगे

एक दीया देश के नाम जलाएंगे।
देश से अब कोरोना को हराएंगे।
आज उजाला हो हर घर आँगन में ये,
एकता की मिसाल जग को बताएंगे।

आज मन मे दीया जले अंधकार से।
ये रौशनी हो हर अपने परिवार से।
आशाएं फिर से वही विश्वास होगी,
इस नफ़रत को मिटायें हम सब प्यार से।।

सबको आशाओं का दीप जलाना है।
हम हारे नही जग को ये बताना है।
हम अंधकार से प्रकाश की और चले
आज हमको कोरोना को हराना है।।

आज राहगीर को रास्ता बताना है।
एक दीया देश के नाम जलाना है।
ये जो दुनिया देख रही जिस सूरज को,
उस रौशनी से अंधकार भगाना है।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Thursday, April 2, 2020

रामनवमी पर

आप सबको रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।

मन में नगरी अवध की,पग पग उनका धाम।
 मानस में रहती सिया,जग में आयें राम।।

होय सारे काज सफल,ले आज एक नाम।
सारे हरते दर्द दुख,नाम एक वो राम।।
मोहित जागेटिया

Monday, March 30, 2020

मेरी खुद की कहानी लिख रहा हूँ (ग़ज़ल)

मेरी जिंदगी की मैं आज खुद कहानी लिख रहा हूँ,
जब से चला हूँ सफर में मैं वो निशानी लिख रहा हूँ।

हर दौर से गुजरा है इस जिंदगी का वक्त का सफ़र,
मुश्किल में उलझी सुलझी ये जिंदगानी लिख रहा हूँ।

खुद को कभी भी गिरने नही दिया जीवन के सफ़र में,
मैं सफ़र तक जाने हौसलों की रवानी लिख रहा हूँ।

मेरे जीवन की हर राह आसान बनानें के लिए,
दिल से आज तुम्हें ही मैं अपनी रानी लिख रहा हूँ।।

उसके आने से ये जिंदगी फूलों सी महक आई,
ये हक़ीक़त मेरी जिंदगी की जुबानी लिख रहा हूँ।

मैंने जिन सपनों को नजरों  में कभी सजाया था
आज उन सपनों को आँखों का मैं पानी लिख रहा हूँ।

कोशिश करने से हर मुश्किलें आसान हो जाती है,
जिंदगी की ये सच्चाई एक कहानी लिख रहा हूँ।
मोहित जागेटिया

राजस्थान दिवस

राजस्थान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।।

 वीर धरा को नमन है,नमन है स्वाभिमान।
 जिसकी गाथा अमर है, धरती राजस्थान।।
मोहित जागेटिया

Saturday, March 28, 2020

तेरी याद आती है

मैं दिन से शाम में ढलता हूँ तेरी याद आती है।
सफर में जब भी मैं चलता हूँ तेरी याद आती है।
गुजरे हुए पल को याद कर के ख्वाबों को ले कर अब,
मैं जब भी घर से निकलता हूँ तेरी याद आती है।
मोहित जागेटिया

Thursday, March 26, 2020

मोहब्ब्त से

दिलों के रिश्ते जीते हैं तो सिर्फ़ मोहब्बत से ,
ज़िन्दगी कभी हारती है तो केवल  नफ़रत से ।
ऐसा समय आया अब ख़ुद के लिए ज़िन्दगी में ,
हमेशा रब से कुछ मिला नहीं रब की इजाज़त से ।।

-- मोहित जागेटिया

Wednesday, March 25, 2020

कोरोना


मोहित जागेटिया

भीलवाड़ा(राजस्थान)
**************************************************************************

आओ हम सब मिल,
‘कोरोना’ के ख़िलाफ़ ये लड़ाई लड़ें
सब अपने अपने घरों में रह कर,
कोरोना महामारी को हराएं।
ये लड़ाई हमारी खुद से है,
खुद को हम कितना सुरक्षित रखते हैं
आज जितना हम खुद बचाएंगे,
आने वाला कल हमारा सबका सुरक्षित होगा।
कैसी ये महामारी,
जिससे आज पूरी दुनिया घबराई है
सम्पूर्ण विश्व में हाहाकार मचा है,
इस बीमारी को हम सबको
मिल कर हराना है।
इसका बचाव ये ही है,
हम सिर्फ और सिर्फ अपने घरों में ही रहें
घर में ही बार-बार अच्छे से हाथ धोएं,
ये जंग अपने घरों के
भीतर से ही जीती जाएगी।
ये महामारी दुनिया में कहीं से भी आई हो,
पर हम हिंदुस्तान से भगा कर…
विश्व के विजेता बनेंगे॥



हिन्दू नववर्ष

हिन्दू नववर्ष 2077

है  नववर्ष वंदन तुम्हारा।
हार जाएं कोरोना सारा।
निकल आये फिर से उजियारा।
खुशियों से भरे जग ये सारा।।
हे माँ भवानी कल्याण करें।
जग पर आए संकट को हरे।।
दामन सबका खुशियों से भरे।
इस वायरस को धरा से धरे।।
करे हम सब नो दिन उपासना।
सुन लो ये माँ सबकी प्रार्थना।।
हाथ जोड़ करते आराधना।
मंगल हो ये मंगल कामना।।
हर दिन बीते सुंदर हमारा।
ये नववर्ष वंदन तुम्हारा।।
मोहित जागेटिया

Monday, March 23, 2020

तुम्हें में याद करूँ

तुम्हें मैं याद करूँ आज ये ही तो इल्ज़ाम है। 
मेरी सांसे और धड़कन सब तुम्हारे नाम है।
तुम्हारी उलझी बातों में मैं उलझा रहता हूँ,
तुम्हारे ही ख्वाब में कभी सुबह तो ये शाम है।
मोहित जागेटिया

Thursday, March 19, 2020

ये शोहरत भी तुम्हारी

ये शोहरत भी तुम्हारी है ये दौलत भी तुम्हारी है।
तुम्हें ही याद करूँ मैं आज ये आदत भी तुम्हारी है।
तुम्हारा ही ख्वाब दिल में तुम्हारी पूजा मन में रहती,
जैसे भी करूँ,जो भी करूँ वो इजाजत भी तुम्हारी है।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, March 17, 2020

होली


नफ़रत को मिटा कर बुराई की होली जलाएंगे।
पाप,द्वेष होली में दहन कर प्रहलाद बचाएंगे।
त्योहार ही हम सबको दिलों के बंधन में बांधते,
होली प्रेम का त्योहार हैं इसको हम मनाएंगे।।
मोहित जागेटिया

होली

अपनों का ये प्यार है,फूलों की बौछार।
दोस्तों होली प्रेम का, रंगों का ये त्योहार।।

जीवन मे खुशियां भरे,भरे जो रंग प्यार।
आज प्रीत का रंग ले, होली हो इस बार।।

सब रंग में रंग गये,दोस्तों का ये प्यार।
सबने मस्ती खूब की,होली का त्योहार।
मोहित जागेटिया

Friday, March 13, 2020

तुम से ही जीवन के सपने निहारे हैं मैने

तुम से ही जीवन के सपने निहारे हैं मैंने ,
इस यादों के संग रोज दिन गुजारे हैं मैंने ।
अब शायद ये पतझड़ गई है वसंत आई है ,
खिल कर ज़िन्दगी के जो सपने तारे हैं मैंने ।।

तुम से ही मेरे जीवन की ये जो कहानी है ,
आँखों मे तेरी यादों का रोज ये पानी है ।
धड़कन की ये आरजू तुम से साँसों से बँधी ,
जो तस्वीर मेरे दिल मे वो मेरी रानी है ।।

-- मोहित जागेटिया

Sunday, March 8, 2020

नारी



नारी
~~~
वो दिव्य ज्योति है
जो जल कर ज्ञान देती है
वो शब्द नहीं वो भावना है
नारी से सारी शुभकामनाएँ हैं ।

सब रिश्तों को वो निभाती है
माँ बन कर सारे सपने सजाती है
बहिन बन कर रिश्तों को अपनाती है
पत्नी बन कर प्रेम को लुटाती है
नारी ही रिश्तों को रिश्ता बनाती है ।

वो भक्ति में कभी मीरा होती है
वो शक्ति में दुर्गा माँ जगदम्बा होती है
सीता बन कर राम का साथ देती है
वो मोहन की दीवानी राधा होती है 
वनारी है देवी शक्ति जिसकी पूजा हम करते हैं ।

वो पन्नाधाय थी जिसने अपने पुत्र को बलि चढ़ाया
स्वाभिमान के लिए पद्मावती ने जौहर दिखाया
खूब लड़ी वो मर्दानी वाली झाँसी की रानी
विज्ञान में कल्पना ने चाँद छू कर आई
भारत माँ का मान रखा भारत की नारी ने ।

वो नारी इंद्रा थी जिसने अपने लोहा मनवाया था
सुषमा स्वराज ने विश्व मे भारत का मान बढ़ाया था
सोनिया ने दूसरों को प्रधानमंत्री बना कर देश चलाया था
निर्मला ने कभी रक्षा तो आज वित्तमंत्री का पद निभाया है
नारी ने राजनीति में सारी भूमिका निभाई है ।

--मोहित जागेटिया

कोराना

ज्यादा भीड़-भाड़ जहाँ हो , वहाँ हमको नहीं जाना है ,
हर बार हाथ धोना है , सर्दी-जुकाम से बचाना है ।
हम सबको सावधानी रखनी हैं और नहीं अब डरना ,
हम सभी को मिल-जुल कर कोरोना को आज हराना है ।।

-- मोहित जागेटिया

Friday, March 6, 2020

तुम से प्यार करते है बस तुम,,,,,


तुम से प्यार करते हैं बस तुमसे ही प्यार करते हैं ,
तुमको दिल दे कर बस आज तुमको स्वीकार करते हैं ।
तुम्हारा ख़्याल दिल में रहता तुम्हारा ही ख़्वाब दिल में ,
बस तुम्हारी धड़कनों से इश्क़ का इज़हार करते हैं ।।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, February 25, 2020

मेरे ये हालात है

आखों में आँसू है
दिल मे दर्द है
जाने क्या बात है ?

ग़म की तन्हाई में
गुजरी मेरी हर 
एक ये रात है ।

खामोश था
कुछ नहीं कहता था
कैसी ये मुलाकात है ?

भीगी आँखों से
ग़म छलकता है
कैसी ये बरसात है ?

मुसीबतों से भरे
जिंदगी के शायद
मेरे ये हालात है।।

मोहित जागेटिया

गीतों में डाला है

अपने ही गीतों को मैने शब्दों में ढाला।
जब से अंतमन की वेदना को मैने पाला।
दर्द भरी है जीवन की हर और एक गाथा,
हर गम को मैने शब्दों से गीतों में डाला।।
मोहित जागेटिया

Monday, January 27, 2020

भारत माता


हे भारत माँ तेरी चरणों मे हम शीश चढ़ाने आये है।
आज वतन की इस मिट्टी का हम कर्ज चुकाने आये है।
हाथों में ले कर तिरंगा कदम से कदम मिला कर सारे
भारत माँ के लिए दे जान हम फर्ज निभाने आये है।
मोहित जागेटिया



Sunday, January 26, 2020

गणतंत्र दिवस पर

चूम लिया इस भूमि को,दे दी अपनी जान।
उनको मेरा है नमन,उनसे देश महान॥

उन वीरों को नमन है,वो भारत की शान।
देश धरा पर मिट गये,रखा देश का मान॥

ये भारत गणतंत्र है,मिला एक संविधान।
हम सबका अधिकार है,हो सबका सम्मान॥

ये भारत की शान है,भारत का ये मान।
रहे तिरंगा शान से,पूरा हिंदुस्तान॥



Friday, January 24, 2020

बेटी दिवस पर

राष्ट्रीय बालिका दिवस को आइये आप और हम सब मिलकर सकंल्प लें कि बेटियों को जन्म एवं विकास के समान अवसर प्रदान करें...बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ...
मेरी एक कविता है बेटी पर 

ओस की बूँदें लगती है ये बेटियाँ

पायल की झंकार है इनसे

नारी का श्रृंगार है इनसे 

परिवार का मान है इनसे

परिवार का सम्मान है इनसे ।

ओस की बूँदें लगती है ये बेटियाँ ।

राखी और भाई दूज का त्योहार है

बेटियों से ही हमारा घर-परिवार है ।

ओस की बूँदें लगती हैं ये बेटियाँ ।

माँ बनके हर कष्ट सहन करती हैं ये

बेटी से बहू बनके घर से दूर रहती हैं ये

ओस की बूँदें लगती हैं ये बेटियाँ ।

बेटियाँ तो ऐसी होती हैं जो कुछ करके दिखाती हैं

कल्पना बनके चाँद छू आती है

रानी पद्मनी तो अपना जौहर दिखाती है

मीरा भी भक्ति में जहर पी जाती है

ओस की बूँदें लगती हे ये बेटियाँ ।

हर आँगन में ये फूल खिलाती 

हर रूठे हुए को ये मनाती ।

हर चमन में ये ही खिल जाती ।

ओस की बूँदें लगती हे ये बेटियाँ ।

काँच का दर्पण हैं ये  बेटियाँ

इनको तुम ना रौंदो ।

कही टूट के ये बिखर न जाये ।

ओस की बूँदें लगती है ये बेटियाँ ।

इन कच्ची कलियों को तुम ना तोड़ो

टूट के ये फूल ना बन पायेंगी

फूल ना बनेंगी तो खुशबू न ले पाओगे

बिन खुशबु जीवन बेकार रह जायेगा ।

ओस की  बूँदें लगती है ये बेटियाँ ।

ये तो वो परी हैं जो आज यहाँ हैं

तो कल उठकर कहीं और चली जायेंगी

ओस की  बूँदें लगती है ये बेटियाँ ।

      -- मोहित जागेटिया

Tuesday, January 21, 2020

कान्हा

मोहब्बत की बांसुरी को बजाते हो तुम कान्हा।
गोकुल की गलियों में गाय चराते हो तुम कान्हा।
जब प्रीत की डोर राधे ने तुमसे बांधी कान्हा,
जब मन मन्दिर में राधे को तुम पाते हो कान्हा।।
मोहित जागेटिया

Thursday, January 9, 2020

इजहार है

आज तुम्हारी आँखों में ये प्यार है।
तुम पर सिर्फ मेरा ही तो अधिकार है।
तुम्हारी चाहत में ख़ो गया इस कदर,
ये तुम्हारे प्यार का ही इज़हार है।।
मोहित जागेटिया

ये मिट्टी है हिंदुस्तान की

"ये मिट्टी है हिंदुस्तान की"
      
इस मिट्टी को वंदन करूँ ये मिट्टी है बलिदान की।
खेतों में लहराती हरियाली ये मिट्टी  किसान की।
अब तो मंगल की यात्रा करते भारत माँ के बेटे,
चाँद पर तिरंगा लहराते ये मिट्टी है विज्ञान की।।

जाति,धर्म भेद है फिर भी ये मिट्टी है मुस्कान की।
पूजा,वंदना होती इस मिट्टी की ये भगवान की।
हर सुख दुख में लोग एक दूजे के काम आते आज,
भेद मिटा कर अपना बनाते ये मिट्टी इंसान की।

ये धरा है सन्त,मुनियों ऋषियों के तप के ज्ञान की।
ऐसी धरा है सभ्यता और संस्कारों के गान की।
इस मिट्टी पर ही बहती पावन नदिया खड़ा हिमालय,
ये हमारी पावन मिट्टी है सारी हिंदुस्तान की।
मोहित जागेटिया

Wednesday, January 1, 2020

अभिनंदन शादी में

*_अभिनंदन..._*
~~~~~~~~~~

सात फेरों का हमारा बंधन होगा ।
जन्म जन्मों का हमारा सबंध होगा ।।

चाँद-सितारों के सामने मिलन होगा ।
आने वाले हर जन का अभिनंदन होगा ।।

उस रब ने बनाई ये जोड़ी हमारी ।
आज दुनिया बनेगी साक्षी ये सारी ।।

शादी मंडप में सजेंगे चाँद-सितारे ।
आशीष देंगे बड़े जो सभी हमारे ।।

सबके आशीष से महक जायेगा गुलशन ।
खुशबू से खिल जायेगा ये सारा जीवन ।।

बड़ा ख़ूबसूरत होगा अपना मिलन ।
इस मिलन के साक्षी बनेंगे धरा और गगन ।।

स्नहे और प्यार से भेज रहा हूँ निमंत्रण ।
मेरी शादी में  आपका तहे-दिल से अभिनंदन ।।

* *मोहित जागेटिया*

सादर आमंत्रित शादी में

*_सादर आमंत्रण..._*
~~~~~~~~~~~
 
दिनाँक : *9 फरवरी 2020* ...

स्नेही स्वजन...

*"मुधर मिलन की मधुर बेला में भेज रहा हूँ स्नेह निमंत्रण आपको बुलाने को ,*
*भूल मत जाना मेरी और मेरी बहिन की शादी समारोह में आप आने को ।"* 

आप सब साक्षी बनें और हमारी इस नव दम्पति जोड़ी को आप सबका शुभाशीष मिलें और आप सबका प्यार मिले ।
आपके आशीर्वाद और स्नहे प्यार से हमारे जीवन सफ़र की यात्रा मंगलमय हो ।

जागेटिया परिवार आप सभी के सत्कार रूपी अभिनंदन में हृदयरूपी सुमन से द्वार पर खड़ा है।

*"हृदयरूपी निमंत्रण को करना आप स्वीकार ,*
*देने आइयेगा आप आशीष , मिले आपका प्यार।*

*मैं सबका सत्कार और अभिनंदन करता हूँ ,*
*आपके स्वागत में खुले हमारे हृदय के द्वार ।।"*

* *मोहित जागेटिया*
  *भीलवाड़ा राजस्थान*
  *09950100169*

नव वर्ष 2020



जो हाल तुम्हारा है मेरा वो हाल है।
तुम्हारा मेरा एक ही तो ये ख्याल है।
आज तुम भी मेरे लिए हर पल वो ही तो,
जो कल था मेरा तो वो ही नया साल है।।

नव वर्ष पर नया आगाज करेंगे।
जो कल नही हुआ वो आज करेंगे।
सबका दामन खुशियों से भर जाए,
ऐसा सबके दिल पर राज करेंगे।।
मोहित जागेटिया

कुछ यादों को मैने सजाया है
सबसे दिल का रिश्ता बनाया है,
2019 की यादें हमेशा याद रहेगी,
इन यादों में भी सकून पाया है।।


बिता समय कुछ यादों को छोड़ कर जाएगा ,
जो बातें छूट गई वो नव वर्ष  लाएगा ।
न तो दिन , न ही रात बदलेगी , बदलेगा तो ,
ये नव वर्ष हमारे विचारों से आएगा ।।


नई उम्मीद नई सोच और नयें विश्वास के साथ नव वर्ष
2020 की आपको को मेरी और मेरे परिवार की और से
हार्दिक शुभकामनाएँ।।
सबके दिल में फूल खिल जाए , न कोई मलाल हो ,
अंतर्मन में भेदभाव मिट जाए सबका ख़्याल हो ।
नव वर्ष पर मेरी सबको ये ही शुभकामनाएँ ,
सबके घर खुशियों की बारिश हो वो नया साल हो ।।

-- मोहित जागेटिया