Wednesday, October 30, 2019

दीपावली

ये मन खुशियों से भरा,मिलें खुशियां अपार।
अंधकार में रोशनी,दीवाली त्योहार।।

जब आएं वनवास से,आज अयोध्या राम
दीप जला स्वागत करें,सब होय सफल काम।।

Saturday, October 19, 2019

दिन का चेन चुरायेंगे

हम दिनों के चैन चुरायेंगे,
सपने रोज नयें बनायेंगे।
देख ली तुम्हारी चाहत को,
अब मिलने हम रोज आयेंगे।।

रात की नींद में जगायेंगे,
ख्वाब रोज हम बनायेंगे ।
दिल में तस्वीर तुम्हारी हो,
तुम को दिल मे हम बसायेंगे।।

नैनों में तुमको सजायेंगे,
ज़िंदगी अब संग बितायेंगे।
प्रीत की डोर तुम से बांध कर,
ये जीवन तुम पर लुटायेंगे।।

हम साथ तुम्हारा पायेंगे,
उम्र भर तुमको अब चाहेंगे।
इस दिल की धड़कन की धरा पर,
रोज सुमन तेरा खिलायेंगे।।

-- मोहित जागेटिया

Thursday, October 17, 2019

दीपावली

मिट्टी का दीया ले कर
हर घर में रोशनी ले जाएं
हर आंगन का अंधकार
मिटा कर प्रकाश फैलाएं
हर घर मे खुशहाली हो
ऐसी सबकी ये दीवाली हो।।

दीप ज्योति का प्रकाश बन
दीन दुखियों के मन को हर्षाएं
सबका भर दे खुशियों से दामन
सबके मन को आलोकित कर दे
पग पथ पर प्रेम के सुमन को बिछा कर
हम ऐसी दीवाली मनाएं।।

एक दीया सरहद के
जवान के नाम का जलाएं
जिनकी वजह से हमारी
ये दीवाली है हम उसकी
सुरक्षा का और खुशहाली का
दीया जला कर दीवाली मनाएं।।

जगमगाती ये दीप शिखा
मन के द्वेष को मिटा कर
पाप के अंधकार को हटा कर
मन की शांति के दीप को
प्रज्वलित कर प्रेम से
हम ये दीवाली मनाएं।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

करवा चौथ मुक्तक

करवा चौथ का व्रत कर में चाँद का दीदार करूँ।
इस चाँद के लिए उस चाँद का आज इंतजार करूँ।
कलाई में चूड़ी, माथे में मांग बिंदिया लगा कर,
पति की लंबी उम्र का आज व्रत से त्योहार करूँ ।।
मोहित जागेटिया

Saturday, October 5, 2019

जन्मदिवस पर पत्र

प्रिय,
   रेखा
आपको इस खूब सूरत दिन की मेरी और से बहुत बहुत बधाई और हार्दिक शुभकामनाएं।आज ही के दिन आप इस दुनिया मे आयें और ये दुनिया मेरे लिए बहुत खूब सूरत हो गई।तुम्हारा इस दुनिया मे आना और मेरी जिंदगी में आना इस से अच्छा मेरे लिए और कुछ नही हो सकता है।
में आपको इस दिन की शब्दों से दिल के भाव से बधाई दे रहा हूँ।सच मे तुम्हें ईश्वर ने मेरे लिये ही बनाया है।आप मेरे को मिलें में आपको मिला।ये ही मेरा परम् सौभाग्य है।
में आपके जन्मदिन पर आप से कुछ नही चाहता हूँ।हमेशा आपकी खुशी ईश्वर से मांगता हूँ।हमेशा तुम मुस्कराते रहों।आपकी खुशी में और गम में मैं हकदार हूँ।चाहें खुशी न मिलें पर आपके सारे गम में हर लूँ।आपकी लम्बी उम्र की ईश्वर से कामना करता हूँ।मेरी उम्र भी आपको लग जाएं।आपके जिंदगी के सफर में मैं हमेशा हम सफर बन कर साथ निभाहुँ।कभी कोई कष्ट नही दूँ।और ईश्वर से ये ही चाहता हूं कभी किसी से कोई मुसीबत न आयें।सब से खुशियों की दौलत मिलें।प्यार मोहब्बत की शोहरत मिलें।जीवन के हर कदम पर सफलता मिलें।हर सपना आपका सच हो।मेरी दिल से आपके लियें ये ही दुआ है।आपका और मेरा साथ हर जन्म में हो।हमारा प्यार अमर रहें।

सदा खुश रहने का तुम्हें उपहार दे रहा हूँ।
सदा महको जो वो फूलो का हार दे रहा हूँ।
मैं और तुम्हें कुछ दे नही सकता हूँ इसलिये
मैं शब्दों से दिल का प्यार ही प्यार दे रहा हूँ।

बस मेरी धड़कनों पर तुम्हारा प्यार लिख दूँ।
जहाँ  बसेरा  हो वही पर  मैं ये संसार लिख दूँ।
हमेशा  आपका  मेरा  साथ  हो  जन्म  जन्म  का,
हर जन्म में आपको मैं अपना हकदार लिख दूँ।।

                                   आपका जीवनसाथी
                                     मोहित जागेटिया
12/11/2019

सरपंच

कोई सरपंच बन रहा,कोई उम्मीदवार ।
उसका ही रहेगा राज,उसको मिलेगा प्यार
जिसने कुछ कर के जीता,सारे लोगों का दिल,
जो भी जीतेगा वो ही,हमारी हो सरकार।।

पुस्तक के बारे में विचार

मेरे मित्र राजेन्द्र जांगिड़ द्वारा लिखी पुस्तक"आत्मदर्शन" को एक बार जरूर पढ़ें।कास तोर पर हर विद्यार्थी को ये पुस्तक जरूर पढ़नी चाहिए।
एक विद्यार्थी जीवन से जीवन यात्रा तक के बारे में जो कुछ लिखा है। वह बहुत ही सत्य है।जो आज की शिक्षा पद्ति है वो हमें कैसी शिक्षा दिलाती है और वैदिक शिक्षा प्रणाली हमें कैसी शिक्षा दिलाती थी।हर इंसान के जीवन मे शिक्षा का बहुत महत्व होता है।शिक्षा ही जीवन के रास्ते चुनती है।उसके अनुसार ही इंसान उस रास्तों पर जाता है ।इस पुस्तक में उन माता पिता को पढ़ना चाहिए जिनके बच्चे स्कूल जाने लगे है।बच्चों को किस तरह की शिक्षा देनी चाहिए वो इस पुस्तक मे जुवाब मिलेगा।उसी संदर्भ में ये पुस्तक प्रकाशित हुई है।
राजेन्द्र जांगिड़ ने इस पुस्तक को लिखने से पहले बहुत से सारे धर्म ग्रन्थ,वेद उपनिषद,महान लेखकों की किताबें पढ़ी है।उसके बाद अपनी लेखनी से ये पुस्तक "आत्मदर्शन"का प्रकाशन करवाया है।
इस पुस्तक के लेखक राजेन्द्र जांगिड़ को बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं देता हूँ।आपकी लेखनी से साहित्य धर्म को निभा सखो।और हिन्दू संस्कृति की वैदिक प्रणाली के द्वारा शिक्षा का प्रचार कर सखो।
                          मोहित जागेटिया
                         भीलवाड़ा राजस्थान

दोहें

प्रातः काल वन्दन करें,ले प्रभु का हम नाम।
हम सबको प्रणाम करें, सफल होय सब काम।।
मोहित जागेटिया

स्नेह आभार पत्र जन्मदिवस

स्नहे आभार,
जन्मदिवस के इस खास अवसर पर आप सबके द्वारा मुझे
Whatsapp, facebook,sms or कॉल पर आज जन्म दिवस की लगातार मिल रही बधाइयों के लिए सभी आत्मीय-स्नेहिल प्रेमियों व परिवार के सदस्यों का बहुत-बहुत आभार। साथ ही ईश्वर का  कोटि-कोटि प्रणाम जिन्होंने मुझे इस योग्य चुना है।उन सब साथियों का तहदिल से शुक्रिया जिन्होंने मेरे मुस्किल समय में मेरा साथ दिया।मेरे माता-पिता, गुरूजनों, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों और दृश्य-अदृश्य सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद और प्रणाम।
ये दिन मेरे लिए और मूल्यवान हो जाता है।जब आप सब अपने मूल्य समय से मेरे लिए समय निकाल कर बधाई देते हो क्योंकि ये समय का ही तो चक्कर है जो चल रहा है और जीवन की उम्र को आगे बड़ा रहा है।जीवन के हर पल को नया बना रहा है।ये ही तो उम्र का दौर आगे बड़ा रहा है।

*"जो प्यार मिला आपका,दिल से है स्वीकार।
   स्नेह प्रेम हर पल रहें,करता हूँ आभार।।"*
               *मोहित जागेटिया*

तुम्हारे शहर में

        "तुम्हारे शहर में"
तुम्हारे शहर में हर कोई बदनाम है ।
कत्ल भी अब रोज यूं ही ये सरे आम है
हर रोज बिक जाता ख़ुद के स्वार्थ में कोई ,
यहाँ नही किसी की कीमत का अब दाम है।
प्रकाश में भी अंधकार की छाया रहती ,
देखो ये कैसी आज सुबह और शाम है ?
मनमर्जी करता आज ख़ुदगर्जी के लिए ,
भय नहीं , पूछता कहाँ ? ईश्वर का धाम है ?
क्या अच्छा क्या बुरा , नहीं पता परिणाम का ?
बस मतलब सबको अपने काम से काम है ।
कुछ भी कर के गुजरता इंसान इस पथ से ,
सफ़र का कुछ भी पता नहीं , क्या परिणाम है ?
कर के अच्छा काम सबको दिल में बसा लो ,
दिल में रहते लोग ही राम और श्याम है ।
*-- मोहित जागेटिया*

Wednesday, October 2, 2019

ज्यादा बारिश

हर और सबके खराब इस बार हालात है ,
बरस इतना रहा पानी खराब जज्बात है ।
किसानों के खेतों में फसलें या पानी है ,
समझ नहीं क्या ? इतनी भी बरसात है ।।

पता नही ईश्वर इस बार कहाँ पर खो गये ,
वो बीज भी नहीं मिला जो बीज वो बो गये ।
हर और पानी पानी हो रहा इस बार तो,
इस बार बारिश चालू कर भगवान सो गये ।।

मोहित जागेटिया

मुक्तक तेरी यादों में खो जाना

तेरी यादों में खो जाना अच्छा लगता है।
तेरे संग सफर करना ये सच्चा लगता है।
उम्र का ये दौर अब तुम्हारे संग ही रहें,
वो दिल मासूमियत से अभी बच्चा लगता है।।