Thursday, January 31, 2019

बेटियां


                    बेटियां

वो घर खुश नसीब जिस घर मे आती है बेटियां।
अपनी यादों को कभी छोड़ जाती है बेटियां।।

माता पिता की शान ही कहलाती है बेटियां।
ये दो घर आंगन की रस्म निभाती है बेटियां।।

हर घर आंगन को रोज ही सजाती है बेटियां।
ये अपने घर से दूर चली जाती है बेटियां।।

ये रक्षा बंधन का त्यौहार होती है बेटियां।
कभी घर लक्ष्मी के रूप में आती है बेटियां।।

हर घर मे सुख शांति का कभी अहसास होती है
जिस घर को घर से परिवार बनाती है बेटियां।।

ये दो घरों के कुल की लाज रखती है बेटियां।
सभी रिश्तों से ये घर को सजाती है बेटियां।।

अब तो हर दुख दर्द में काम आती है बेटियां।
हम कमजोर न हो हौसला बढ़ाती है बेटियां।।

अब तुम कभी भी बेटियां को कमजोर मत समझों।
अब तो ये आकाश को चूम आती है बेटियां।।

अब बेटी हर क्षेत्र में भी भारत का मान बड़ाती।
आज तिरंगे को जग में लहराती है बेटियां।।

कभी माँ, बहिन,पत्नी बन जाती है ये बेटियां
बेटी को न मारो दुनिया बनाती है बेटियां।।

मोहित जागेटिया

Sunday, January 27, 2019

मेरा देश मेरा मान है

*PKS प्रतियोगिता के लिए अतिथि  रचना-*
दिनाँक 27/1/19
दिन : रविवार
विषय :मेरा देश मेरा मान है
विधा: कविता

मेरा देश मेरा मान है,
          ये देश का सम्मान है।
अटल गिरी खड़ा वो हिमालय
             मेरे देश की शान है।
केसर की क्यारी से सजा ये,
          कश्मीर तो मुस्कान है।
गंगा,यमुना पावन नदिया,
        इस देश की पहचान है।।
जहाँ रहते चारों धाम में,
            हमारे वो भगवान है।
हिन्दू मुस्लिम,सिख,ईसाई,
          एकता की पहचान है।
इस देश से सबको प्यार है,
             ये देश मेरी जान है।
मेरा देश मेरा मान है,
           देश मेरा अभिमान है।।
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास जिला -भीलवाड़ा
            राज. 311011
मोबाईल - 9950100169

Wednesday, January 23, 2019

मोदी

हम सब की ये ही पुकार,बने फिर से मोदी सरकार।
देश हित मे मतदान हो,हो फिर से ये राज इस बार।
आज मोदी जरूरी है,गठबन्धन तो मजबूरी है,
फूल कमल का खिल जायें,हो फिर से कमल की बौछार।।

चलो देश मे फिर से मोदी सरकार बनायें।
देश के सभी कोने में फिर से कमल खिलायें।
मोदी के हर काम को जनता को बताना है,
आज सबकी ये ही आवाज फिर मोदी आयें।।

बेटी

बेटी

मैं बेटी बन कर नारी का श्रृंगार करती हूँ।
मैं दुनिया पर कभी अपना अधिकार करती हूँ।
मेरे से ही सजा हर परिवार हर रिश्ता भी,
मैं हर रिश्ता निभा कर सबसे प्यार करती हूँ।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Tuesday, January 22, 2019

तिरंगा

तिरंगे की शान में हमारा मान है।
तिरंगे के मान में हमारी जान है।
वतन के लिए जिये वतन के लिये मरे,
इस वतन के लियें जान भी कुर्बान है।।

इसी गणतंत्र ने हमको संविधान दिया।
संविधान ने एकता का वरदान दिया।
हमारे आपस के भेद मिटा कर इसी,
संविधान ने सभी को सब सम्मान दिया ।।

सैनिक

             सैनिक
सरहद पर हमारी सुरक्षा में खड़ा।
गर्मी ,सर्दी ,वर्षा  में  रोज अड़ा।
अरे मतवाला देश का रखवाला,
हमेशा हर पल दुश्मन से वो लड़ा।।

जवान अपने काम से काम करता।
वो काम मे नही सुबह शाम करता।
फिक्र है हमारी सरहद पर रहता,
उसको हर बच्चा भी सलाम करता।

सरहद  पर हमारी तुम ही शान हो।
देश की ऊँचाई की तुम उड़ान हो।
चमन में महकते रहें खिलते फूल
मेरे इस चमन की तुम पहचान हो।।

तुमको देख दुश्मन लड़खड़ाता है।
जब भी वो सरहद अंदर आता है।
तुम्हारे कारण ही हम सुरक्षित है,
तुम से देश तिरंगा लहराता है।।
मोहित

गणतंत्र दिवस

        " गणतंत्र दिवस मनाएंगे"
ये देश हमारा है हम को इस से प्यार है।
ये देश खिलते फूलों का महकता हार है।।1

इस देश मे सबके पास अपना अधिकार है।
हिन्दू,मुस्लिम,सिख,ईसाई में भी प्यार है।।।2

यहाँ विविधता में एकता हमको दिखती है।
हमारी संस्कृति आपस मे सबकी मिलती है।3

सारे गुल में एक ही फूल तिरंगा खिलता।
उस तिरंगे में एक ही हिंदुस्तान दिखता।।4

हमारा भारत देश सबसे ही निराला है।
भारत का हर बच्चा यहाँ का मतवाला है।।5

संविधान परिषद ने सबको संविधान दिया।
सबको देश मे समानता का वरदान दिया।।6

हम भारत की सत्ता चुने ये अधिकार दिया
लोकतंत्र ने देश को पावन त्यौहार दिया।।7

मिटे जो भारत पर उनको नही भुलायेंगे
हम आज गणतंत्र दिवस प्यार से मनाएंगे।।8
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.

Sunday, January 20, 2019

जानकारी

हिन्दी लिखने वाले अक़्सर
*'ई' और 'यी' में,*
*'ए' और 'ये' में*
और
*'एँ' और 'यें'* में जाने-अनजाने गड़बड़ करते हैं...।

कहाँ क्या इस्तेमाल होगा❓इसका ठीक-ठीक ज्ञान होना चाहिए...।

🔸 *जिन शब्दों के अन्त में 'ई' आता है वे संज्ञाएँ होती हैं क्रियाएँ नहीं...*
जैसे: मिठाई, मलाई, सिंचाई, ढिठाई, बुनाई, सिलाई, कढ़ाई, निराई, गुणाई, लुगाई, लगाई-बुझाई...।
🔹इसलिए 'तुमने मुझे पिक्चर दिखाई' में 'दिखाई' ग़लत है...
इसकी जगह 'दिखायी' का प्रयोग किया जाना चाहिए...।
इसी तरह कई लोग 'नयी' को 'नई' लिखते हैं...।
'नई' ग़लत है , सही शब्द 'नयी' है...
मूल शब्द 'नया' है , उससे 'नयी' बनेगा...।
क्या तुमने क्वेश्चन-पेपर से आंसरशीट मिलायी...?
( 'मिलाई' ग़लत है...।)
आज उसने मेरी मम्मी से मिलने की इच्छा जतायी...।
( 'जताई' ग़लत है...।)
उसने बर्थडे-गिफ़्ट के रूप में नयी साड़ी पायी...।
('पाई' ग़लत है)

*अब आइए 'ए' और 'ये' के प्रयोग पर...।*
बच्चों ने प्रतियोगिता के दौरान सुन्दर चित्र बनाये...।
( 'बनाए' नहीं...। )
लोगों ने नेताओं के सामने अपने-अपने दुखड़े गाये...।
( 'गाए' नहीं...। )
दीवाली के दिन लखनऊ में लोगों ने अपने-अपने घर सजाये...।
( 'सजाए' नहीं...। )
तो फिर *प्रश्न उठता है कि 'ए' का प्रयोग कहाँ होगा..❓*

`ए' वहाँ आएगा जहाँ *अनुरोध* या *रिक्वेस्ट* की बात होगी...।
अब आप काम देखिए, मैं चलता हूँ...।
( 'देखिये' नहीं...। )
आप लोग अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी के विषय में सोचिए...।
( 'सोचिये' नहीं...। ) नवेद! ऐसा विचार मन में न लाइए...।
( 'लाइये' ग़लत है...। )
अब आख़िर (अन्त) में 'यें' और 'एँ' की बात...
यहाँ भी अनुरोध का नियम ही लागू होगा...
रिक्वेस्ट की जाएगी तो 'एँ' लगेगा , 'यें' नहीं...।
आप लोग कृपया यहाँ आएँ...।
( 'आयें' नहीं...। )
जी बताएँ , मैं आपके लिए क्या करूँ ?
( 'बतायें' नहीं...। )
मम्मी , आप डैडी को समझाएँ..।
( 'समझायें' नहीं..। )

*अन्त में सही-ग़लत का एक लिटमस टेस्ट...एकदम आसान सा... खास आपके लिए 👇🏿*

🔸जहाँ आपने 'एँ' या 'ए' लगाया है , वहाँ 'या' लगाकर देखें...।
क्या कोई शब्द बनता है ?
🔹( *यदि नहीं , तो आप ग़लत लिख रहे हैं...।* )
आजकल लोग 'शुभकामनायें' लिखते हैं...
इसे 'शुभकामनाया' कर दीजिए...।
'शुभकामनाया' तो कुछ होता नहीं ,
इसलिए 'शुभकामनायें' भी नहीं होगा...।
*सही शब्द शुभकामनाएँ* होगा ।
'दुआयें' भी इसलिए ग़लत हैं और 'सदायें' भी...
'देखिये' , 'बोलिये' , 'सोचिये' इसीलिए ग़लत हैं क्योंकि 'देखिया' , 'बोलिया' , 'सोचिया' कुछ नहीं होते...।

संकलित

Saturday, January 19, 2019

जवान


*PKS प्रतियोगिता के लिए अतिथि  रचना-*
दिनाँक 19/1/19
दिन : रविवार
विषय :जवान
विधा: अतुकांत कविता
   
         "जवान"
जाने कैसे रहता होगा
कब सोता होगा,कब
वो उठता होगा।।
जाने क्या खाता होगा
कब वो पानी पीता होगा।
जब दुश्मन की नजर हम पर
होती होगी उस पल क्या होता होगा।।
हमारी सरहद का रखवाला।।
हर पल फिक्र है उसे हमारी
कोई दुश्मन आ न जाए कही
इसलिए सर्दी में हिमपात बन कर
दुश्मन के आगे खड़ा हो जाता है।।
जब होती है गर्मी तो वो
रेगिस्तान की रेत पर तपता है।
बस फिक्र है उसको हमारी
इसलिए वो हर मुसबीत सहता है।।
वो आसमान का तारा बन कर
धरती का सितारों बन कर
हर फ़िजा में महकता है।
आज उसके कारण हमारा हर
त्योहार होता है हम सरक्षित है।
बस उसको फिक्र है इस मुल्क की
न कि अपने परिवार की।
बस एक सोच होती है उसकी मर मिटेंगे
देश के लियें पर तिरंगा कभी नही झुकने देंगे।
मिटे तो तिरंगा हमारा कफ़न हो बस और कुछ नही चाह।।
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास जिला -भीलवाड़ा
            राज. 311011
मोबाईल - 9950100169

प्रतिज्ञा

तुम ही मेरी धड़कन तुम ही मेरी सास हो।
हर सपने को पूरा करने वाली आस हो।
आज तुम पर मुझे पूरा यकीन हो गया है
तुम भी मेरी प्रतिज्ञा तुम ही अब विश्वास हो।।
मोहित

Friday, January 18, 2019

अखबार

हर अखबार में एक समाचार है।
नाबालिक बच्ची का बलात्कार है।।

काम मे हो रहा है घोटाला।
रिश्वत लेता नेता गिरफ्तार है।।

आतंकवादी की चल रही गोलिया।
जुवाब में गोलियों की बौछार है।।

ये चोरी लूट की खबरों से भरा।
सो खबरों का हर एक अखबार है।।

एक ही गाड़ी पर चार सवार है
दुर्घटना बीती चालक फरार है ।।

सरकार की नई और योजना है।
लेकिन अभी तो समस्या अपार है।।

खेल में देश का बड़ाया सम्मान।
कोई जीता तो कही पर हार है।।

रोज रोज पढ़ कर समाचार लगता।
ये देश आज भी बहुत बीमार है।।
मोहित

Wednesday, January 16, 2019

दोहें

ये जीवन खुशहाल हो,होठों पर मुस्कान।
पूरे सब अरमान हो,मंजिल पर हो ध्यान।।

मंजिल पर आगें चलें,रास्ते हो आसान।
जीवन मे मस्ती रहें,हौसलों की उड़ान।।

सबका अपना काम हो,मिलें काम का दाम।
ऐसा भी कुछ हम करें,जिससे हो बस नाम।।

जीवन देने से चला,ये ही तो संस्कार।
होयें हम सबका भला ,सबके हो सुविचार।।

मेरे सदा साथ रहें, मेरा तू वो यार
साथ सदा में ही रहूँ,बना रहे ये प्यार।।
मोहित जागेटिया

Sunday, January 13, 2019

मेरी कविता

विषय :मेरी कविता
विधा: मुक्तक
      
            मेरी कविता
मेरी कविता इंसान को इंसान बनाती है।
मेरी कविता अच्छा बुरा पहचान बताती है।
मेरी कविता देश के सब दुख दर्द को दिखाती
मेरी कविता देश का आज गुणगान गाती है।।

मेरी कविता शब्दों का रोज ये श्रृंगार होती।
मेरी कविता अपनों से अपनों का प्यार होती।
माँ, बहिन हर नारी का हमेशा सम्मान होती,
मेरी कविता हर दुश्मन को ये ललकार होती।।

मेरी कविता भारत गौरव का सम्मान होती।
मेरी कविता सबके होठों की मुस्कान होती।
ये देश का किसान और देश का जवान होती,
मेरी कविता पूरा ही ये हिन्दुस्तान होती। ।

नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास जिला -भीलवाड़ा
            राज. 311011
मोबाईल - 9950100169

Saturday, January 12, 2019

स्वामी विवेकानंद

                " स्वामी विवेकानंद"
विश्व मे भारत देश का जिसने जब मान बड़ाया ।
वसुधैव कुटुम्बकम का विश्व में ज्ञान सिखाया।।1

हर युवा में जोस भरा उसको जब आगे बड़ाया।
उठो जागो चलो रुखों मत मंजिल पर चलाया।।2

सनातन धर्म का महान उपदेशक जग में आया।
उसका नाम तभी स्वामी विवेकानन्द कहलाया।।3

भारत का वो अनमोल आसमान का सितारा था।
युवा को नई दिशा देने वाला  वो दुलारा था।।4

अपने आदर्श एवं वाणी से सबको समझाया।
भारत की शान को विश्व मे जा कर जब लहराया।।5

हर चमन में महकता ऐसा भारत का चन्दन था।
विश्व का महान दार्शनिक स्वामी विवेकानंद था।।6

Thursday, January 10, 2019

हिंदी

मैं  हिंदी  माँ  बेटा  हूँ  हिंदी  का  सम्मान  लिखूंगा।
मैं अपने गीत गजल कविता से ये पहचान लिखूंगा।
आज मुझे हिंदी की बिंदी का जो भी प्यार मिला है,
हिंदी  के  पंख  पर  आसमान  में  उड़ान  लिखूंगा।।
मोहित जागेटिया

आंसू

    "  आंसू"
आखों से जब पानी
बहता है उसको हम
आंसू कहते है।
जब भी हमको को दर्द
होता है ये मन को हल्का
करने बहार आते है।
हर पीड़ा हो ये सहते है
हर खुशी में भी ये छलक
जाते है।
आंसू जन्म से हमारे साथ
होते हैं।बचपन मे भूख के आंसू
स्कूल,कॉलेज में सफलता एवं
असफलता के आंसू होते है।
जवानी में अपनी आशायें
निराशाएं के आंसू होते है।
बुढ़ापे में दर्द,पीड़ा के आंसू
हमारे साथ होते है।
गरीब के आंसू गरीबी के होते है
भूखा परिवार जब होता है जब
वो रोता है,किसान के आंसू
अपनी मेहनत पर फल नही मिलने
पर आते है।
अंत मे जाते है तो हमारे कर्मो
के निशान भी आंसू होते है
अगर लोगों के दिल मे जगह बनाई है
अंत समय ले जाते वक्त लोगों के
आँसू ही हमारी पहचान होते है।
मोहित

Wednesday, January 9, 2019

बीमार

बड़ी मुश्किल से गुजारे हर दिन हर वार।
मैं  था  जब  अस्पताल  में  भर्ती बीमार।
कभी दर्द भी भूल जाता खैरियत बतातें
मुझे मिला जब लोंगो का स्नेह और प्यार।।
मोहित जागेटिया

फुरसत

अतिथि रचना
विषय   फुरसत
                 मुक्तक
हमारी  और  तुम्हारी  ये ही चाहत है।
तुम्हें  हमारी  हमें  तुम्हारी  आदत  है।
हमारा प्यार का ये ही सफर चलता रहें,
आज तुम्हें भी फुरसत हमें भी फुरसत है।।

तुम्हारी दोस्ती ही हमारी एक चाहत है।
तुम से ही ये जिंदगी अब मेरी सलामत है।
तुम्हें भी फुरसत है हमारी दोस्ती के लिए,
इसलिए मुझे तुमसे ही तो ये मोहब्बत है।।

बचपन मे जिंदगी की सबको चाहत होती है।
खिलती जवानी में सबको मोहब्बत होती है।
इस उम्र के ढलते की कहानी कुछ और होती,
जब बुढ़ापे में हमारे पास फुरसत होती है।।
नाम -मोहित जागेटिया
पता -गांव सिदडियास
जिला -भीलवाड़ा
राज्य  -    राज. 311011
मोबाईल - 9950100169