Friday, December 25, 2020

भारत को वंदन करता हूँ


मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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मैं राष्ट्र वंदना करता हूँ शब्दों के सुमन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

ये तपोभूमि है ऋषियों-मुनियों की वाणी से,
पाप मिटता गंगा,यमुना के अमृत पानी से।

प्रेरणा मिलती बलिदान वीरों की कहानी से,
भारत की वंदना करता हूँ अमर निशानी से।

ये जीवन काम आता है कभी राष्ट्र जीवन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

पहचान गीता का उपदेश वेदों का ज्ञान से,
यहाँ शांति मिलती देवताओं और भगवान से।

सबका पेट भरता यहाँ किसान अपने धान से,
गगन में लहराता तिरंगा अपनी ही शान से।

इस माटी को नमन करता हूँ मैं तो तन मन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से।

आध्यात्मिक का संदेश जाता भारत धाम से,
भूमि महान हुई मर्यादा पुरुषोत्तम राम से।

कण-कण में प्रेम बसा ग्वाल राधिका घनश्याम से,
देश भारत महान हुआ जवान किसान नाम से।

मैं वंदना का स्वर गाता हूँ शब्दों के वंदन से,
भारत की महिमा गाता हूँ नव नित्य सर्जन से॥

Monday, December 21, 2020

तेरी याद आती है


   *तेरी याद आती है*
जब जब तेरे ख्यालों में ख़ोया हूँ।
तेरी यादों में हर पल रोया हूँ।
बेचैन उदास मन ले कर रोज ही
मैं रातों की नींद नही सोया हूँ।

आज मन में कैसी उदासी छाई।
दिल को तड़पाती बस ये तन्हाई ।
 तेरे ख्यालों में,ख़ोया रहता हूँ ,
मुझे तेरी बातों की याद आई।

दिन रात तेरा ही ख्याल आता है।
तेरे सिवा कुछ भी नही भाता है।
तेरी तन्हाई के ख्वाब बनू तो,
बस तेरा ही तो ख्वाब सताता है।

तेरे को चूम कर आती हवाएं।
तेरी खुशबू से महकती फिजाएं।
मन में होती जब भी प्रेम बरसात,
दिल की डाल पर खिल जाती लताएं।।

मोहित जागेटिया



इस साल में है


आज जिंदगी न जाने किस हाल में है।
चल रही रोज समय के किस काल में है।
आज गया,कल आ जायेगा पता नही,
वक्त उस साल से आज इस साल में है।।
मोहित जागेटिया

उम्मीदों का साल हो 2021




उम्मीदों का साल हो

 बीतें साल की छुटी हुई
आशाओं को
नया आयाम देने
वाला नया साल हो।
सपने जो कल
रह गए थे अधूरे
उनको पूरा करने
वाला नया साल हो।
रूक गए थे जो कल
कदम हमारे फिर से
मंजिल तक चलने
वाला नया साल हो।
खेतों में हरियाली
घरों में खुशहाली
समृद्ध भारत की कहानी
नहीं किसी की आखों में पानी
सबको आगे बढ़ाने वाला 
ऐसा नया साल हो ।
कोरोना से जो बंद पड़े
मील,कारखाने सबके 
काम फिर चलने लगे।
अब रूके नही जिंदगी की
गाड़ी उम्मीदों से भरा
नया साल हो।
वैक्सीन आये कोरोना जाए
सब स्वस्थ रहें, मस्त रहें और व्यस्त रहें,
दुनिया में हमारा सम्मान और बढ़े
गगन हमारी उड़ान हो,हर ख्वाहिशों
को पूरा करने वाला ये
आने वाला नया साल हो।।

Friday, December 18, 2020

मेरी रेखा


मेरी जीवन रेखा तुम मेरा आकार हो ।
तुम धड़कन मेरी मोहब्बत का सार हो।
कल कल करती जीवन की आवाज हो तुम,
मेरे जीवन का तुम ही तो आधार हो।।

तुम से ही तो महकता मेरा उपवन है।
खिल जाता है जो तुम से मेरा ये मन है।
 मेरे इस जीवन की हर हम राह तुम से,
तेरी हर सासों से महकती धड़कन है।

प्रेम के भाव से भरा तुम्हारा प्यार है।
हर ऋतु की तुम से जीवन में बहार है।
मेरी महकती वादियां ये खिलता चमन,
मेरे जीवन की तुम से पतवार है।।

तेरी खुशबू को सासों में बसाया है।
जन्म जन्म का रिश्ता तुम से बनाया है।
तुम से प्रीत,प्रणय परिणय बंधन बांध कर,
हमने सात जन्मों रिश्ता अपनाया है।।
मोहित जागेटिया

इज़हार करता हूँ


तुम से है रिश्ता जन्म जन्मों का ये इकरार करता हूँ।।
तेरी हर धड़कन तेरी हर सांस से मैं प्यार करता हूँ।
इस जिन्दगी की हसरत से भरी हमारी भी कहानी हो,
खुशियों की बरसात में संग प्यार का इज़हार करता हूँ।।
मोहित जागेटिया

चली आओ तुम

"चली आओ तुम"

चली आओ तुम
मेरे दिल को सुक़ून देने
दिल बुलाता है 
तुम्हें बार बार।
मेरे गीतों को स्वर देने
मेरे शब्दों को आवाज देने
मेरी कलम की आवाज है
चली आओ तुम
मेरे मन को  सुक़ून देने।
मेरा प्यार तुम्हे बुलाता है
मेरी धड़कन मेरी हर सांस
अब तुम्हें बुलाती है
मेरी प्रीत में अपनी प्रीत
मिलाने,मेरे उदास मन को
खिलाने,ये दिल तुम्हें बुलाता,
चली आओ तुम
मेरे तन को सुक़ून देने।।
मोहित जागेटिया

तुम्हारे बगैर कुछ अच्छा नही लगता है।


"तुम्हारे बिगर कुछ अच्छा नही लगता है"

तुम्हारे बगैर कुछ भी 
मन नही लगता है
तन उदास-उदास
रहता कुछ भी अच्छा
नही लगता है।
दिल बेचैन है
मासूम सा चेहरा
निराश निराश रहता है।
तुम्हारी याद हर पल
बहुत आती है
तड़पता है दिल रोता है
बगैर तुम्हारे सब
अकेलापन लगता है।
तुम्हारी सोच में ख़ोया
ये मन रहता है।
ये दिल बार बार
तुम्हें याद करता है। ।
तुम्हारे बगैर कुछ भी
अच्छा नही लगता।।
मोहित जागेटिया

Tuesday, December 15, 2020

दोहा


सुबह सबेरे नाम ले,करें प्रभु को प्रणाम।
वाणी सबकी मधुर हो,मुख पर हो प्रभु नाम।।
मोहित जागेटिया

Monday, December 14, 2020

दिल ए जान लिखेंगे


संग तुम्हारे हम जिंदगी का अरमान लिखेंगे।
सफ़र कैसा भी होठों पर हम मुस्कान लिखेंगे।
अब न कभी कोई शिकायत होगी मोहब्बत से,
तुम्हारी चाहत को हम जो दिल ए जान लिखेंगे।।
मोहित जागेटिया

Saturday, December 5, 2020

भुलानी होगी


भुलानी होगी वो यादें वो बातें।
गुजरे हर पल की बीती मुलाकातें।
याद को याद कर के क्या फायदा अब,
वरना बरसती आखों से बरसातें।।

वो गुजरे लम्हें की थी अलग कहानी।
याद करो तो आता नयनों से पानी।
अब मतलब क्या? उस लम्हें से हमको भी,
जो अधूरे इश्क़ में थी कभी जवानी।

देखे जो हमने सपने वो भी टूटे है।
संबंध भी अपने रिश्तों से जब छूटें है।
हम चले ऐसे सफर में जिसकी राह नहीं
चाहें वो  संबंध भी कभी हम से रूठे है

इश्क़ जिंदगी का एक मुकाम नहीं था।
इश्क़ जिंदगी का कोई नाम नहीं था।
जो सच्चा बंधन रिश्तों में प्यार भरे ,
वो इश्क़ धड़कनों का इल्जाम नहीं था।।
मोहित जागेटिया