Wednesday, December 22, 2021

विवाद मत हों देना


यू ही सफ़र की तन्हाई को आबाद मत होने देना ।
भूल जाऊँ उसको ईश्वर कभी भी याद मत होने देना ।
ये ज़िंदगी का मोड़ कब कौन सी दिशा दे जाएगी अब ,
सफ़र में मुस्कुराते चलूँ कभी विवाद मत होने देना ।।

-- मोहित जागेटिया

स्वाभिमान जगाना होगा


धरती से अम्बर तक तुमको जाना होगा।
उन चांद सितारों में खुद को पाना होगा।
आकाश की उम्मीद में हौसलों की उड़ान में,
ऐसा ही आज स्वाभिमान जगाना होगा।।
मोहित जागेटिया

Friday, December 10, 2021

समझ सकता नही

मैं मन के अधूरे सपनों को अब अधूरा लिखता हूँ ।
उन ख़्वाहिशों के संग अब हकीकत मैं नहीं चलता हूँ ।
मेरे दिल से उतर गई ख्वाबों की एक कहानी जो ,
वो सोच में है नहीं उसको अब समझ नहीं सकता हूँ ।।

-- मोहित जागेटिया

अलविदा गीत


माँ भारती की फिजाओं में सदा ही गुणगान होगा।
वतन की हिफाज़त में सदा आपका ही बखान होगा।
गर्व था देश को सदा गर्व है,आपकी वीरता पर,
नमन करता हूँ आपको,भारती पर अभिमान होगा।
मोहित जागेटिया

                 अलविदा
न भूले थे न भूलेंगे हम उनकी शहादत को।
याद रखेंगे हम सब वतन की इस मोहब्बत को।।
जिन रास्तों से तुम गुजरे थे वो याद आएंगे।
अब उनकी ये गाथा अमर स्मृतियों में पाएंगे।
इस देह शौर्य की वो अब अमर कहानी हो गये।
हर आँखों में बसा ओस का वो पानी हो गये।
सब कुछ न्यौछावर कर गये वतन की हिफाजत को।
याद रखेंगे हम सब वतन की इस मोहब्बत को।।1

माँ भारती के मस्तक का अमर चन्दन हो गये।
हम सबको जगा कर तिरंगे में वो अब सो गये।
हवाओं में लहराते वो आसमानी हो गये।
एक सच्चे वीर वो अब हिंदुस्तानी हो गये।
वतन की सच्ची मोहब्बत का वो एक नाम है।
इस आखरी विदाई को हमारा ये सलाम है।
न भूले थे न भूलेंगे तुम्हारी इस चाहत को।
याद रखेंगे हम सब वतन की इस मोहब्बत को।।2

-- मोहित जागेटिया

Friday, November 26, 2021

शादी की सालगिरह



शादी की सालगिरह तुम्हारी आई  ।
आज देता दिल तुमको बधाई ।।

ये दिल हर पल गा रहा खुशी का गीत ।
सदा बनी रहें आपकी की ये प्रीत ।।

सफ़र आप दोनों का सदा सलामत हो ।
दिल की आरजू दिल में मोहब्बत हो ।।

एक दूजे से सफ़र में मुस्कान हो ।
सच्चे सपनों की ये नई उड़ान हो ।।

हर जन्म में हो आपका ये सामना ।
सालगिरह पर यही मंगल  कामना ।।

-- मोहित जागेटिया

Saturday, November 20, 2021

दीपावली

एक खुशी के दीप में हजारों दीप मिले होंगे ।
जब अंधरो में प्रकाश बन कर वो जो जले होंगे ।
हर मन हर्षाया होगा जब राम अयोध्या आये ,
कभी दीन-दुखियों के साथ जब वो चले होंगे ।।

-- मोहित जागेटिया

रानी लक्ष्मी बाई


आकाश में गरज उठी एक चिंगारी,
पराधीनता के विरुद्ध कभी न हारी।।

रानी चमक उठी वो सन सत्तावन में,
जब आज़ादी की अलख जगाई मन में।।

अपने हाथों में तलवार सजाई थी,
जिसने कांति की जब ज्वाला जलाई थी।।

वो जब लड़ी मर्दानी वो क्षत्राणी थी,
लक्ष्मीबाई झाँसी वाली रानी थी।।
मोहित जागेटिया


Friday, November 5, 2021

दीपावली

एक खुशी के दीप में हजारों दीप मिले होंगे ।
जब अंधरो में प्रकाश बन कर वो जो जले होंगे ।
हर मन हर्षाया होगा जब राम अयोध्या आये ,
कभी दीन-दुखियों के साथ जब वो चले होंगे ।।

-- मोहित जागेटिया

Tuesday, October 5, 2021

आसान


ये सफ़र हमारा आज आसान हो।
न कोई गम हो,दिल में मुस्कान हो।
इस जिंदगी की लहरों के बीच में,
जिंदगी में आएं कितने तूफान हो।

हिंदुस्तान


ये वो हिन्दुतान है,नही डरते जवान।
देश सदा आगे रहा,हो जाये बलिदान।।
मोहित जागेटिया

चलना होगा

मुश्किलों से अब निकलना होगा।
हालात को अब बदलना होना।
जिंदगी को जीतना है तो अब,
सफ़र में  फिर से आज चलना होगा।
मोहित जागेटिया

चलना होगा

उसको ख़ुद अब बदलना होगा ।
सफ़र में जब भी चलना होगा ।
इस अंधेरी रातों से आज ,
सूरज बनकर निकलना होगा ।।

-- मोहित जागेटिया

राजस्थान


जो अमर कहानी रही,जिसका ऊंचा मान।
ये वीरों की शान है,धरती राजस्थान।।
:-मोहित जागेटिया

पहचान है


मेरी मंजिल मेरा सफ़र नहीं आसान है।
आज चलना फिर रूकना ये ही नुकसान है।
ख़ामोश लब पर कुछ कह पाना आसान नहीं,
हर गम में भी मुस्कराना आज पहचान है।
मोहित जागेटिया

Sunday, September 12, 2021

क्यों किस्मत बनाई




जो नसीब में नही था उसको क्यों किस्मत बनाई,
अगर ज़िंदगी में नही क्यों वो ज़िंदगी में आई।

अब जिसका नाम नही रहा हाथों की लकीरों पर,
क्यों मेरी दुनिया उसने अपने संग सजाई।

अगर मिल कर बिछड़ना था जीवन सफ़र में कही तो,
ज़िंदगी में क्यों मिल कर बिछड़ने की आग लगाई।

मेरी आस्था और विश्वास अब टूटा है ईश्वर
मेरा भरोसा और हर उम्मीद भी अब मिटाई।

शिकायत तुम से है भगवान, ज़िंदगी के सफ़र में,
जिनका साथ नही था क्यों उनसे ज़िंदगी मिलाई।
मोहित जागेटिया






Friday, September 3, 2021

कोई मिला नही सकता है


दिल से टूटा सपना अब कोई सजा नही सकता है।
जीवन में कब क्या होगा ?कोई बता नही सकता है।
ज़िंदगी सपने,उम्मीदों और विश्वास से भरी थी,
जो खुशी खो गई उससे कोई मिला नही सकता है।
मोहित जागेटिया


बस एक ही हिंदुस्तान


एक सपना हमने भी सजाया है।
एक सपना उसने भी बनाया है
हकीकत की हो ये दुनिया हमारी,
जब से उस मोहब्बत को पाया है।

ये सफ़र हमारा आज आसान हो।
न कोई गम हो,दिल में मुस्कान हो।
इस जिंदगी की लहरों के बीच में,
जिंदगी में आएं कितने तूफान हो।

बस मंजिल तो सपनों की उड़ान है।
रास्ते कितने ही आज अनजान है।
इस दिल में जिसकी मोहब्बत रहती,
वो तो बस एक ही हिंदुस्तान है ।।

मोहित जागेटिया

राधिका संग होता


मन में कितना सकूँन होता,
जब मैं भी राधिका संग होता।

न कोई वेदना होती,
नही विरह में अब मैं रोता।

कान्हा तुम तो आ जाते,
मेरी पुकार सुनने को अब तो।

अगर साथ तुम देते तो,
कभी ये मन इधर उधर न खोता।
मोहित जागेटिया


Saturday, August 21, 2021

मेरी हकीकत कहानी


ज़िंदगी हसीन थी । कहीं ख़्वाब तो कहीं सपने थे । हर ख़्वाहिश उम्मीदों से भरी थी । ज़िंदगी की दास्तान मोहब्बत के सफ़र से अधूरी और पूरी थी ।

           ज़िंदगी का सफ़र कैसे कटा ये हक़ीक़त...मेरे ही लफ़्जों से...मेरी ही कहानी...

          सन 1 जुलाई 2019 से सफ़र की शुरुआत पहली मुलाकात से हुई । उसको पहली बार देखा था और 11 जुलाई 2019 को वो मेरी ज़िंदगी का एक हिस्सा बन गई । सगाई उसके साथ हुई । मोहब्बत के सफ़र की शरुआत हो गई ।

            ज़िंदगी हसीन दिखने लगी , चाहत के अरमान सजने लगे । जीवन की उम्मीदों के सागर की तरह दिल की लहरें एक मन से दूसरे मन से मिलने लगी । 

          9 फरवरी 2020 वो लड़की मेरी ज़िंदगी बन गई ।जीवन के सफ़र की एक शरुआत हो गई । अब उम्मीदों के पंख उड़ने लगे । दिल की चाहत हकीकत बन रही थी । ज़िंदगी के सफ़र में हर मोड़ आसान नहीं था । कभी खुशी कभी ग़म के साथ ज़िंदगी आगे बढ़ रही थी । हमारी आपस में कभी बनती तो कभी बिगड़ती... बस...ऐसे ही ज़िंदगी का सफ़र आगे बढ़ रहा था ।

              हम पति-पत्नी थे तो स्वाभाविक है कभी लड़ाई भी होती थी तो कभी हम बहुत अच्छे से भी रहते थे लेकिन शादी के बाद उसकी हर हकीकत से पूरी तरह वाकिफ़ होने लगा था और मुझसे लड़ाई का कारण मैं अच्छी तरह जान गया था । मैं चाहता था जैसा भी है हमारा रिश्ता अब बचा रहे और बना रहे । कई बार समझाया , लड़ाई-झगड़े को सुलझाने की कोशिश की लेकिन झूठ के दीवार पर हर रिश्ता कब तक बना रहता... ये मैं अच्छी तरह समझ गया मगर वो नहीं समझ पाई । हर बार हमसे झूठ बोलती रही ।

            और आखिरकार उसने हमारी ज़िंदगी के साथ असली खेल खेलना शरू कर दिया था ।2021 में अंतिम अप्रैल के बाद हम बहुत अच्छे से रहने लगे थे ।वो हमारे साथ खुल कर ज़िंदगी जीने लगी थी । हमनें सोचा कि  अब तो हमारा रिश्ता मजबूत हो गया , अब कोई परेशानी नहीं है ।

           खुल के बातें करना , अच्छी तरह रहना... ये सब... शायद उसका नाटक था लेकिन मैं ही उसके प्रेम को हक़ीक़त मान गया था और मानता भी क्यों नहीं ??

              वो एक पत्नी थी । एक अच्छी ज़िंदगी का मेरा सपना था । एक उम्मीद थी जिसको मैं उसके साथ जी रहा था...लेकिन ज़िंदगी में एक दिन ऐसा भी आएगा ऐसा मैंने सपने में भी नहीं सोचा था । कल्पना भी नहीं किया था कि मेरे साथ इतना बड़ा धोखा हो जाएगा । जिससे मैंने प्यार किया वो मेरे अलावा दो परिवारों के साथ ऐसा भी कर सकती है ।

            ऐसी घटनाक्रम के लिए ज़िंदगी हमें चुनी है इस बात से हम अनभिज्ञ थे । वो 13 अगस्त 2021 का दिन मेरे लिए सबसे बुरा दिन था । मेरे हर सपने को तोड़ गई एक ही झटके में... मेरी उम्मीदों के पंख टूट गए थे...मेरी ख़्वाहिश चकनाचूर हो गई थी...
जब मेरी मोहब्बत मेरी न होकर किसी और की हो गई । मेरे साथ बहुत बड़ा अन्याय कर गई । मेरी ज़िंदगी और परिवार वालों के साथ बहुत बुरा हुआ जो इस तरह  साथ फेरों के सफ़र को छोड़ कर वो कहीं और चली गई ।

               अगर उसको ऐसा ही करना था तो मेरे साथ वो 18 महीने 4 दिन के सफ़र को मेरी ज़िंदगी के साथ क्यों जोड़ा था ?जब उसको अपने रास्ते का पता था तो क्यों हर किसी को बर्बादी की...? क्यों ज़िंदगी की और पैसों की बर्बादी की...? क्यों सपने दिखाए...? क्यों ज़िंदगी में आई...? क्यों मेरी ज़िंदगी में रौशनी का दीप जला कर अंधकार कर गई...? क्यों दो परिवारों के बंधन को तोड़ गई...? अगर ऐसा ही करना था तो क्यों रिश्तों के उपवन में मोहब्बत के फूल का पौधा लगाया था...??

            हम दिल से कहते हैं कि  उसको हमनें या परिवार ने तनिक भी कोई मुसीबत उसकी ज़िंदगी में आने नहीं दी थी । उसकी हर ख़्वाहिश को पूरा किया था । वो ज़िंदगी को अच्छे से खुशी पूर्वक जी रही थी...

              मगर मन की भावनाओं को कौन समझ सकता है ? मन के अंदर किसके क्या चल रहा है...? इसको कोई भी कभी पहचान पाया है भला...??

              मगर अब... ज़िंदगी की उम्मीदों का और हालातों का सफ़र थम सा गया है । दर्द का समंदर दिल के दर्द से भर गया है । मेरी ज़िंदगी के एक दौर का मानो आज समापन हो गया है...

"मेरी ही आँखों का ये पानी है ।
मेरे दर्द की सच्ची कहानी है ।
ज़िंदगी के हालात की कैसी ये,
हाथों के सफ़र की ये रवानी है ??"

रिश्तों की ज़मीन पर ये कैसी बग़ावत मिली है।
कभी जिसकी चाहत जो थी उनसे नफ़रत मिली है।
सोचो नहीं था ज़िंदगी में ऐसा भी सफ़र कभी,
मासूम चेहरे से सज़ा और शिकायत मिली है।
मोहित जागेटिया

Monday, August 9, 2021

श्रद्धा भाव खिलता है


उसके बगैर कभी पता भी नही हिलता है।
रबकी चाहत के बगैर कुछ नही मिलता है।
मिल जाता उसके दरबार में हर नसीब भी,
जहाँ जहाँ सच्ची श्रद्धा का भाव खिलता है।
मोहित जागेटिया

प्यार करती है




जब जब उसकी यादों की बरसात दिल पर बरसती है।
इस दिल के आंगन में वो खुशबू का सागर भरती है।
जीवन की हर एक उम्मीद उससे है पूरी होती,
वो जो मोहब्बत के सफ़र में दिल से प्यार करती है।
मोहित जागेटिया

बांसुरी




              बांसुरी
जब उसने हर शब्द सजाया है।
जिस स्वर को संगीत बनाया है।
कन्हैया बजाते बांसुरी को,
बंशी ने स्वर ऐसा गाया है।

 बंशी ने शब्द को दी पहचान ।
स्वर ने संगीत में दी मुस्कान ।
नटखट कन्हैया की शोभा है,
अतिसुंदर श्याम की बंशी शान ।

कन्हैया के मुख पर सँवर गई।
बंशी की धुन भी निखर गई।
मधुर मधुर ध्वनि अनुराग भरी,
राग को कभी अलौकिक कर गई।

जिसके हाथों में कभी सज गई।
ऐसा सुर,सात सुर से भज गई।
उसने जो संगीत सजाया है,
प्रेम के वन में वो जो बज गई।
मोहित जागेटिया














नीरज चोपड़ा


🥇🥇
भारत की शान तुमनें जग में बड़ाई है।
इस स्वर्ण की सफलता जो हमने पाई है।
ऐसा जो नीरज तुमने वो भाला फेका,
विश्व विजेता को खूब मन से बधाई है।।
मोहित जागेटिया
#नीरज #चोपड़ा जी💐💐

Sunday, August 1, 2021

दिल में हिंदुस्तान है


जो चाहत दिल में है वही दिल में अरमान है।
पूजा दिल में जिसकी उसी का ये गान है।
इस वतन की मोहब्बत आज मेरे दिल में ,
धड़कन और सासों में ये हिंदुस्तान है।।
मोहित जागेटिया

शिव भोले

शिव की हम पूजा करें, मन में शिव का वास।
सावन भोलेनाथ का,शिव से सारी आस।।

शिव शंकर का नाम ले, शिव करते उद्धार।
ऐसे भोलेनाथ की,महिमा अपरम्पार।।
मोहित जागेटिया





आज हवाएं प्यार की चल रही है


ये घटाएं बादलों से निकल रही है।
यादों की कहानी दिल में जल रही है।
धड़कन और सासें उसके नाम कर दी,
आज हवाएं प्यार की ये चल रही है।।
मोहित जागेटिया

Saturday, July 24, 2021

गुरु पूर्णिमा


*गुरु पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं*
हर इंसान के जीवन में एक न एक गुरु अवश्य होता है।सबसे पहले हर इंसान का गुरु उसके माता पिता होते है।जिनसे इंसान कुछ न कुछ जरूर सिख लेता है।उसके बाद अध्यन के लिए जाता है तो उसके दूसरे गुरु अध्यापक होते है।जिनसे जीवन यापन करने की शिक्षा ग्रहण करता है।जो इंसान जिससे भी कुछ न कुछ सीख लेता है वो उसका गुरु होता है।
आध्यात्मिक गुरु वही होता है। जो जीवन के रास्ते बदल कर जीवन को सरल और सुगम बना देता है।जीवन को अंधकार से प्रकाश की और ले आता है।जो जीवन के हर कदम के रास्ते दिखाता है।जीवन को किस तरह भव सागर से अपने ज्ञान बोध से पार कराता है।और जीवन के इस फूल में खुशबू भर देता है।जिसकी गन्ध ईश्वर तक पहुँच जाती है।जिससे हमारा उद्धार होता है।जिससे ये जीवन आसान हो जाता है।
आज गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व  पर मैं उन सभी गुरुदेव की चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूँ ।जिनसे मैने कुछ न कुछ शिक्षा ग्रहण की है। मैं अपने आध्यात्मिक गुरुदेव *महंत दीपक पूरी जी की पावन चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूँ।*
उनके ज्ञान के प्रकाश की किरण हम सब भक्तों के ऊपर सदा बनी रहे।ये जीवन सदा उनके पावन चरणों की धूल में सदा अर्पण रहे।महादेव के आशीष से गुरुदेव के बताए हुए सत मार्ग पर हमेशा चले गुरु कृपा सदा हम सभी पर बनी रहें।

*चरणों में वंदन करूँ, करूँ नमन हर बार।*
*दर्शन देना अब मुझे ,मैं आया हूँ द्वार।।*

*गुरुवर तुम तार दो,जीवन कर दो पार।*
*इस जग ने नकार दिया,तुम कर लो स्वीकार।।*

*ये आशीष बना रहें,सदा रहें ये प्यार।*
*जो मिल जाएं जीत तो, आयें न कभी हार।।*

*तुम दीपक की ज्योति हो,मिलता रहें प्रकाश।*
*हर पग पथ पर साथ हो,मेरा है विश्वास।।*
मोहित जागेटिया


जहाँ सत्य सनातन धर्म का हमेशा ज्ञान मिलें।
जिनकी भक्ति की वंदना से सदा भगवान मिलें ।
जहाँ पर पूजा,आस्था और विश्वास रहती हो,
उस गुरु की पावन चरणों में सदा वो स्थान मिलें।
मोहित जागेटिया
















Tuesday, July 20, 2021

बरस जाओ बादल


बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल।
आ गया है सावन ,
महक जाए ये मन ।।

दिल की यही आवाज है ,
तुम से धरती का साज है ।
ले आओ धरती की आस ,
मन सबका कहता आज है ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
धरा से निकले अन्न।।

आज बुला रहा हर किसान ,
विनती करता हर इंसान ।
नदिया, झरने की आवाज ,
अब तो सुन लो हे भगवान ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
महक जाए हर वन ।।

धरती का प्रेम बुला रहा ,
मोर पपिया गीत गा रहा ।
साजन जो घर से दूर है ,
प्रेम उसका अब सता रहा ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
आवाज देता तन ।।

जिंदगी में खुशहाली हो ,
हर तरफ अब हरियाली हो ।
जब खूब बरसे बरखा तो ,
हर वक्त ये दीवाली हो ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
माह शिव का पावन ।।

*-- मोहित जागेटिया*

Saturday, July 3, 2021

जो ये दिल कहता है



जो ये दिल कहता है मैं वही काम करता हूँ।
जो भी करता उसको मैं सरेआम करता हूँ।
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक रहता है तो,
ये सासें और धड़कन उसके नाम करता हूँ।।
मोहित जागेटिया

तन्हाई में



तन्हाई में जीना कितना 
मुश्किल होता है
दिल बैचेन मगर
यादों का सफ़र होता है
खुद ही जीना,खुद ही खोना
सफ़र कहाँ आसान होता है
मन की उदासी,दिल की बैचेनी
यादों को तड़पाती है।
जीना पड़ता है खुद के रास्तों पर
सफ़र कैसा भी खुद को ही चलना पड़ता है।
जिंदगी के कही सवाल होते है
ख्वाबों के जज़्बात होते है
मुसीबतों के पहाड़ होते है
न घबरा कर,हिम्मत से
सामना कर सफ़र में चलना होता है।
जब यादों के मोती
आँखों से गिरते है
आशाएं थम जाती है
पाव काँपते है,हाथ थरथराते है
मगर मन की हिम्मत रुकने कहाँ देती है
चल मुसाफ़िर ये ही तो असल जिंदगी है
जो कही ख्वाब बनेंगे कही ख्वाब टूटेंगे
न रुकेंगे ये पाव हिम्मत है जब तक चलेंगे
मोहित जागेटिया

Thursday, July 1, 2021

तुम्हें आज गा रहा हूँ


तुम्हें मैं लिख रहा हूँ तुम्हें आज गा रहा हूँ।
देख खुशबू को, तेरे मैं करीब आ रहा हूँ।

तेरी चाहत को करीब से देखा है मैंने,
इसलिए हाल दिल का तुम्हें मैं बता रहा हूँ।

तुम्हारी इस मोहब्बत को दिल में बसाया है
तुम्हें देख कर अब तो मैं सुकून पा रहा हूँ।

इस सफ़र में तुम्हारा साथ जो रब से मिला है
इन प्यार के रिश्तों को प्यार से सजा रहा हूँ।

मेरे ख्वाबों की कहानी अब हकीकत होगी,
तेरे प्यार का, अम्बर धरा से मिला रहा हूँ।

मेरी कविताओं से शब्दों के भाव से आज,
दिल का दर्द गा कर तुम्हें हाल दिखा रहा हूँ।
मोहित जागेटिया

Tuesday, June 22, 2021

दोस्ताना


हर रिश्तों को निभाता रहें ये सारा दोस्ताना।
प्यार से महकता रहें हमारा प्यारा दोस्ताना।
एक दूजे हर सुख दुःख में सबका साथ बना रहें,
हमेशा ही सलामत रहें ये हमारा दोस्ताना।।
मोहित जागेटिया

नज़र जब नज़र से मिल जाती है


नज़र से जब नज़र तुम्हारी मिल जाती है।
नज़र ही तो दिल को हमेशा लुभाती है।
ये दिल जिसको हर पल देखता रहता है,
अक्सर जुदाई में भी वो याद आती है।
💍💍❣️❣️🥰🥰❣️❣️
-- मोहित जागेटिया

Sunday, June 20, 2021

पिता

मेरी मंजिल को वो आसान कर देता है।
सफ़र में हर वक़्त वो मुस्कान भर देता है।
रोज खुद हार कर हमको जीत देता है वो
सपनों की उड़ान वाला पिता घर देता है।।
मोहित जागेटिया

Monday, June 7, 2021

वैक्सीन(टीका)


आज टीका लगवाना बेहद ही सम्मान है ।
लगवा ली वैक्सीन को सुरक्षित सबकी जान है ।।

हम सबको  टीके से कभी *नहीं* घबराना है ।
टीका सबको ज्यादा से ज्यादा लगवाना है ।।

सबकी ज़िंदगी फिर हो पहले जैसे आसान ।
हर चहरे पर लौट *आए* फिर वैसी मुस्कान ।।

वैक्सीन जरूरी *नहीं* तो बन जाओगे धूल ।
टीका लगवा लो वरना होगी ये बड़ी भूल ।।

अब फिर *नहीं* आएगा ऐसा ये मौका रोज ।
आगे हो कर पहले लगवा लो ये *दोनों* डोज ।।

वैक्सीन लगवा लो कोरोना हार जाएगा ।
*नहीं* तो एक दिन हम सभी को मार जाएगा ।।

कोरोना से बचने का, टीका समाधान है ।
वैक्सीन से *नहीं* कभी कोई भी नुकसान है ।।

ज़िंदगी फिर से हम सबकी खुशहाल हो *जाए* ।
पूरा हो टीकाकरण वही दिन फिर से आए ।।

टीके से *नहीं*  नुकसान ये समझाना होगा ।
टीके के लिए टीका स्थान पर जाना होगा ।।

*--- मोहित जागेटिया*
     *सिदडियास भीलवाड़ा*

Wednesday, June 2, 2021

ढलती उम्र

आज न वो खिलौना है,अब नही वो बचपन है।
जहाँ पर सुकून की छाव मिलें नही आंगन है।

ढल रही ये उम्र आज किस दौर से पता नही,
जहां में जिंदगी तो है मगर नही जीवन है।

मोह माया के चक्कर में बंधा इंसान जो,
मन में कपट तन पर लगा कैसा ये चंदन है।

अब वो नही संस्कार बचा जहाँ पर कोई भी,
साथ बैठे परिवार,ऐसा किसका का मन है।

जो दौलत से मान बढ़ाता,कैसा समय आज,
इंसान सब कुछ मान बैठा, सब कुछ बस धन है।

अब वक्त और हालात बदले इस दौर में भी,
कही पर भूखा तो कही पर सुकून में तन है।
:-मोहित जागेटिया

Monday, May 31, 2021

आसमान है


जो हर ख़्वाब को तोड़़ देता है ।
रिश्तों को वही मोड़़ देता है ।
आज कैसे समझे मन के भाव,
जो दिल से साथ छोड़ देता है ।।

जिंदगी मुश्किल से आसान है ।
फिर भी पंखों में ये उड़ान है ।
कभी गिरने मत देना हौसला ,
आज हौसलों से आसमान है ।।

-- मोहित जागेटिया

Sunday, May 30, 2021

पापा मम्मी की शादी की सालगिरह


आज मेरे पापा मम्मी को शादी की साल गिरह की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।
आपका सफल जीवन निरंतर आगे बढ़ता रहें।आपका प्यार हर कदम पर बना रहें।

जीवन की हर राह पर साथ चलना स्वीकार किया है।
इस बंधन को सबंध के उपवन से गुलजार किया है।
जहां में सदा महकती रहें आपके प्यार की कलियां,
इस जोड़ी का हमने उस ईश्वर का आभार किया है।

आप से ही हमारा सपनों का ये संसार है।
जीवन पथ पर सदा बना रहा आपका प्यार है।
जीवन भर रिश्तों का उपवन सदा गुलजार रहें,
मिला जो सबसे प्यारा हमारा ये परिवार है।


दोहें


भाव नही मिलता जहाँ, वहाँ नही प्यार।
वो दिल कुछ कहता नही,होती कुछ तकरार।।

सच्चाई से दूर है,ये जीवन किस पार।
मतलब के संसार में, झूठा सबका प्यार।।

कोई अपना भी नही,है सबका भगवान।
स्वार्थी सबका प्यार है,झूठा ये इंसान।।

उम्मीदों पर था


उम्मीदों पर वो
आयाम कैसा दे गया
सफ़र में साथ था
वक्त के साथ
उसका नजरिया भी
बदल गया ।
कभी साया बन कर
 साथ रहता था
दिल का कोई भी भेद
नहीं था ।
अक्षर सोचा तो नहीं था
वक्त के दरमियान
भी बदल जायेगा ।
कल तक जो उम्मीदों
पर जी रहा था।
वो आज हालातों पर
चल रहा है ।
साथ रहना , साथ बैठना
हर बात को साझा करना
दूर से भी पास था
आज पास हो कर भी
दूर जैसा अनुभव
दिल का भेद बता रहा है।
लगता है हालातों पर वो
जीना सीखा रहा है।
उससे सफ़र आसान था
मुश्किल हर राह भी
सरल हो जाती थी
उम्र का ये दौर गुजर रहा है
हर तरह से परिवेश भी बदल रहा है ।

*-- मोहित जागेटिया*

Saturday, May 29, 2021

आंधी और तूफान

कुदरत से दूर और बेजान हुआ आज इंसान है।
प्रकति का नुकसान ये कैसी सफर की नई उड़ान है।
समझ न पा रहा आज का इंसान कुदरत का ये रूप,
बेमौसम कही पर हवा तो कही आंधी तूफान है।
मोहित जागेटिया

मुक्तक

इन आँखों ने हर सपना तुम्हारा ही सजाया है।
रिश्ता दिल का तुमसे ही हर जन्म का बनाया है।
हर ख्वाबों की कहानी अब हकीकत होगी तुम से,
तुम्हें अपना कर साथ तुम्हारा आज निभाया है।।

ये मोहब्बत की दुनिया तुम्हारी हमारी होगी।
जीवन भर की कहानी बस अब ये तुम्हारी होगी।
सच में जिंदगी अब मुस्कान से कभी न हारेगी,
तेरी मेरी खुशियों की दौलत अब सारी होगी।।
मोहित जागेटिया

Friday, April 30, 2021

तुम्हें लिखता रहा हूँ


तुम्हें लिखता रहा हूँ
मैं मेरे शब्दों में,
तुम्हें सजाता रहा हूँ
मेरी कविताओं में,
तुम्हारा हर पल अहसास
होता रहा है
मेरी किताबों में,
तुम्हें गाता रहा हूँ
दिल के सुकून के लिए,
तेरी आहट
मेरी कलम में आ रही है...!

-- मोहित जागेटिया

Thursday, April 22, 2021

हे ईश्वर

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
**************************************
*हे ईश्वर! आप तो दयावान हो*
हे ईश्वर…इस मानव जाति पर आए संकट को हरने के लिए अब आप सबकी सुनो। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। इस विपत्ति से हर इंसान घबरा गया है। दुनिया में ये आपदा धीरे-धीरे भयानक होती जा रही है। हर इंसान चीख रहा है और सुनने वाला कोई नहीं है। इस महाबीमारी ने सबको अकेला कर दिया है और प्रकृति के करीब कर दिया है।
हे ईश्वर! इंसान ही गलतियां कर रहा था। प्रकृति को नुकसान पहुँचा रहा था और आज इस बात पर विचार कर रहा है कि हमने प्रकृति से क्या-क्या छीन लिया है और प्रकृति को क्या दिया है ?
पेड़-पौधे,नदियाँ,पहाड़ सबको इंसानों ने नुकसान ही पहुँचाया है। इसलिए,आज इंसान ही प्राण वायु (ऑक्सीजन) के लिए तरस रहा है। दुनिया की भीड़-भाड़ में खो गया था। आज उसको अहसास हो रहा है। आज जो ख़ुद को अकेला कर रहा है,वो ख़ुद को सुरक्षित महसूस कर रहा है। जो इंसान परिवार से दूर चला गया था,उससे भी परिवार अच्छा महसूस कर रहा है। परिवार के साथ का समय उसको सुख का अनुभव करा रहा है।
हे ईश्वर! इंसान हैं…गलतियाँ हो सकती हैं,भूल हो सकती है। आप तो दयावान हो,सबको माफ़ कर सकते हो।
हे ईश्वर! इंसानों द्वारा हुई हर गलती के लिए हम हाथ जोड़ कर विनती करते हुए क्षमा-याचना माँगते हैं। आप तो दयालु हो,बस अब तो आप दया कर दो और इस ‘कोरोना’ नाम की महाबीमारी को विलुप्त कर दो। इस बीमारी को समाप्त करके सबके चेहरे पर मुस्कान भर दो। अब तो बस करो ईश्वर,अब तो सबकी पुकार सुन लो। आपने ही कहा था जब-जब सच्चे मन से कोई पुकारेगा,उसकी सुनने आऊँगा। अब तो सुन लो भगवान,वरना अब लोगों का विश्वास भटक रहा है। श्मशानों में स्थान नहीं बच रहा है। चिताओं पर चिताएँ जल रही हैं। अब तो ईश्वर अपनी शक्तियों से इस महाबीमारी से मुप्ति दिला दो।
अब बहुत कुछ सीखेगा इस कोरोना काल से इंसान, आत्मनिर्भर होगा इंसान। कोरोना काल बता जाएगा कि,ख़ुद की आवश्यता ख़ुद से कैसे पूरी होती है। शहर से गाँव की जिंदगी कितनी अच्छी होती है,कम संसाधनों में कैसे आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। अपने ही अपने होते हैं,हर तरह की शिक्षा दे रहा है ये कोरोना।
हे ईश्वर…
*आशाओं का फिर आज सूरज उगा दो,*
*जग के अंधियारे को अब तुम मिटा दो।*
*निकल आएं नई रोशनी मुस्कान की-*
*एक दीप अब ऐसा भगवान जला दो॥*

राम नवमी की ,,,,,


*रामनवमी की हार्दिक शुभकामनाएं।।*

*जो अपने तप त्याग का,बड़ा रहा वो नाम।*
*शक्ति का भाव साधना,वो प्रभु है श्री राम।।*

*अंनत मन के भाव में ,सदा बसे श्री राम।*
*श्री चरणों में नमन है,नित्य करते प्रणाम।।*
मोहित जागेटिया


मेरे  मन  के  मंदिर  में  वो  हमेशा  धाम  है।
देश  प्रेम, मर्यादा  का  एक  ही  वो  नाम  है।
जिनकी निज चरणों में शीश झुका प्रणाम करते
जिनके  नाम  से  पत्थर  भी  तरते  वो  राम  है।
मोहित जागेटिया

खुद को बदलना


उसको ख़ुद अब बदलना होगा ।
सफ़र में जब भी चलना होगा ।
इस अंधेरी रातों से आज ,
सूरज बनकर निकलना होगा ।।

-- मोहित जागेटिया

नुकसान



मेरी मंजिल मेरा सफ़र नहीं आसान है।
आज चलना फिर रूकना ये ही नुकसान है।
ख़ामोश लब पर कुछ कह पाना आसान नहीं,
हर गम में भी मुस्कराना आज पहचान है।
मोहित जागेटिया




Monday, April 19, 2021

चिताएँ जल रही है

फिर से ये कैसी अब हवाएँ चल रही है।
देख रहे है कितनी चिताएं जल रही है।
सबने सोचा था अब तो कुछ अच्छा होगा,
बीते वक्त की कहानी फिर निकल रही है।
मोहित जागेटिया


Sunday, April 4, 2021

मन की वेदना

दिल की वेदना
मन की लालसा की
संवेदना सता रही है।
वासना की,
उपासना दिल का दर्द
बता रही है।
मन का भाव
शब्दों से
प्रभाव लगा रही है।
आहट उसकी
राहत सकून से
आ रही है।
उसके भाव से 
मन विभोर हो गया।
संवेदना से उसकी
स्वप्न साकार 
हो गया।

-- मोहित जागेटिया

Monday, March 29, 2021

आओ तुम्हें राजस्थान दिखाता हूँ

*_"राजस्थान -दिवस "की हार्दिक शुभकामनाएँ ..._*

*आओ तुम्हें हमारा राजस्थान दिखाता हूँ ।*
*प्रताप के शौर्य की गाथा सबको सुनाता हूँ ।।*

*उस हल्दीघाटी का इतिहास याद दिलाता हूँ ।*
*कृष्ण दीवानी मीरा की भक्ति को बताता हूँ ।।*

*उदयपुर की झीलों की नगरी आज दिखाता हूँ ।*
*गोरबंध के मधुर-मधुर गीतों को सुनाता हूँ ।।*

*कुम्भलगढ़ और चितौड़ का पराक्रम दिखाता हूँ ।*
*जयपुर हवामहल के जन्नत का अहसास बताता हूँ ।।*

*मुंड कटे धड़ लड़े वह राजस्थान का बलिदान ।*
*मारवाड़ की मधुर वाणी मेवाड़ का अरमान ।।*

*खेत में उपजे मक्का , बाजरा ,गेंहू और धान ।*
*सिर पर बँधी पगड़ी इसी राजस्थान की शान ।।*

*ये रेतीली धरती है रणवीरों की खान ।*
*रंग-रंगीला हमारा ये प्यारा राजस्थान ।।*

*-- मोहित जागेटिया*

राजस्थान दिवस

जो अमर कहानी रही,जिसका ऊंचा मान।
ये वीरों की शान है,धरती राजस्थान।।
:-मोहित जागेटिया

Saturday, March 20, 2021

सखी लो फाग आया


*आज ये मौसम आया फाग का*

गीतों में रस भरा अनुराग का।
रंगों में नशा हो अब भांग का।
आनंद से फाग उत्सव मनाएं,
आज ये मौसम आया फाग का। ।

मन में उमंग दिल में बसा प्यार।
फाग की आई आज ये बहार।
सखी संग होली खेले रसिया,
आया होली का आज त्योहार।

कलियां खिल रही महकते उपवन।
होली के फागुन में खिलता तन।
ब्रज की होली के रंग में वो,
प्रेम रंग से खिल जाता हर मन।

मन मे उमंग उत्साह की आग।
खिलता यौवन की कली से बाग।
खेतों में लहराती जो सरसों,
 सखियों लो आया महीना फाग।
:-मोहित जागेटिया

Friday, March 19, 2021

खाटू श्याम


* मेरा खाटू श्याम*

जीवन में थी खाटू आने की मुझे आस ।
श्याम बाबा ने बुलाया मुझे उनके पास।
सुनता है  सबकी उसने मेरी भी सुन ली,
भरोसा मुझे उस पर सदा ही था विश्वास।

कभी मन में लगन थी करूँ श्याम का दर्शन।
उसके  दर्शन  से  धन्य  हो  गया  ये  जीवन।
मान  गया  हूँ ,मैं  सच  में  वो  तो  दयालु है,
सदा ही पूजा करता मेरा  यही तन मन।

मैं खाटू में आ कर खाटू को जान गया।
हारे का सहारा श्याम को मैं मान गया।
सब कुछ मिलता है उसके दरबार में आज,
खाटू की रहमत को मैं आ कर भान गया।

हर हारे की सुनता है सच में वो पुकार।
लाखों भक्तों से भरा खाटू का दरबार।
सच्चे मन में हो आस्था तो वो सुनता है,
हर दीन दुखियों की करता है वो उद्धार ।

नये नये हर फूलों से सजा उसका धाम
जीवन महक जाता,जो लेता उसका नाम।
उनकी चरणों बार बार नमन और वंदन,
मेरे मन में बस गया  मेरा खाटू श्याम।
मोहित जागेटिया


 

Wednesday, February 24, 2021

वो जान कर भी अनजान है

वो जान कर भी क्यों मुझे से आज अनजान है।
खामोश लबों से लगता जैसे बेजुबान है।
किस बात की सजा रोज-रोज मुझे वो दे रहे,
जिंदगी उनके संग जीना नही आसान है।।

लगता है जीवन मेरा उनसे तो हार गया।
अपनों का दर्द ही आज अपनों को मार गया।
कैसे करे जिंदगी का आगे का सफर आज,
ये सफर उनका न इस पार न उस पार गया।।

किस लिए हम को चुना जब दिल में नही प्यार था।
सब कुछ पहले ही बता देते जब अधिकार था।
अब क्या?करना सोच लो,कर लो फैसला जो करना,
अगर अब भी न समझे तो ये जीवन बेकार था
मोहित जागेटिया


वसंत

 प्रकति के रूप का नही कोई अंत है।
खिलती धरा का श्रृंगार भी अनंत है।
पुष्प से महकता पराग पवन गुलजार,
प्रेम उत्साह का मौसम ये वसंत है।।
मोहित जागेटिया

असर जीवन पर होगा


उनकी यादों में मेरी यादों का सफर होगा।
जो भी होगा उसमें कुछ तो ये ही मगर होगा।
जब जिंदगी भर अहसास होगा बीते वक्त का,
उन बातों ही बातों का असर जीवन पर होगा।।
मोहित जागेटिया

पुलवामा


हम कैसे भूलें पुलवामा,जिसमे वीर सपूत खोए थे।
देख वीरों की चिंताएं मन ही मन में कितने रोए थे।
करते है बलिदानी वीरों को शत शत नमन,ओढ़ तिरंगा,
वो भारत माँ की गोद में आज गहरी नींद में सोए थे।।
मोहित जागेटिया

Friday, February 12, 2021

न वो स्वीकार

मैं लड़ाई लड़ रहा उनसे जिनसे न जीत न हार है।
मेरी मोहब्बत का सफ़र इस पार नहीं उस पार है।
आज किस बात की सजा दे रही मेरी जिंदगी मुझें,
न उसको में स्वीकार हूँ न मुझे वो कहीं स्वीकार है।।
मोहित जागेटिया

शादी की सालगिरह की बधाई


मोहब्बत की कलियां दिलों के उपवन में खिल जाएं।
सारी खुशियों का बंधन ईश्वर हमेशा सिल जाएं।
प्रणय परिणय की पावन जयंती पर शुभकामनाएं,
रब से ही ये दुआ तुम्हें जो चाहे वो मिल जाएं। 
मोहित जागेटिया

आप सबकी शुभकामनाएं का असर हो जाएं।
सलामत जीवन का ये हमारा सफर हो जाएं ।
सबका ये प्रेम,स्नहे, साथ हर पल विश्वास रहे,
आज खुशियों का ये सागर अब संदर हो जाएं ।
मोहित जागेटिया

Friday, February 5, 2021

कैसा सफ़र

कैसा सफ़र

क्या तकदीर के मेले है
क्यों तकदीर में अकेले है
चल रहे जिन राह पर
सर्प भी विषैले है।
मेरे ईश्वर इतने दिन
क्यों बुरे आये है
हम नहीं थे कभी इतने बुरे
जितने ये दिन बुरे है।
इन राहों से फूल हटा कर
आज मेरी राह में क्यों
शूल बिछाएं।
तड़पता ये दिल है
रो रही आँखे है
समझ कुछ नहीं पा रहे
जीवन में क्या क्या हो रहा।
ईश्वर तेरा कैसा खेल
तकदीर ने जब तस्वीर
से मिलाया था
उस बंधन को सबंध बनाया था
फिर जीवन संग जीवन क्यों नहीं।
क्या रोना ही जिंदगी में लिखा है।
मोहित जागेटिया


क्या लिखा है भगवान

क्यों उसके दिल में बैठा है कोई तो शैतान।
जो कर रहा है मुझे बार बार वही परेशान।
मेरा हो कर भी कभी मेरा हो नही सका है,
मेरी तकदीर में ऐसा क्या लिखा है भगवान।
मोहित जागेटिया

Saturday, January 30, 2021

खुद से हार गया हूँ


लिखते लिखते गीत मैं खुद से हार गया हूँ।
बेचने रहा हूँ खुद,खुद से खुद को मार गया हूँ।
जिंदगी में न जाने कितना मुश्किल का दौर ,
एक दौर से इस पार से उस पार गया हूँ।।
मोहित जागेटिया

हिसाब दूंगा



जिंदगी हम से पूछेगी तो हर सवाल का जवाब दूंगा।
अंधेरी राह में खुद को कभी हर रोज आफताब दूंगा।
कैसा रहा मेरी जिंदगी का सफ़र खुली किताब में लिखूं,
बीते हुए दर्द के लम्हें का जिंदगी को हिसाब दूंगा।।
मोहित जागेटिया

जिंदगी तो मिल जाती



जब हमसे मोहब्बत होती 
तो कोई शिकायत नही मिलती।
समझ जाते,मान जाते तो 
रिश्तों में बगावत नही मिलती।
सोच लिया था जो, अगर कल तुम 
वो जो फैसला लेते उससे ,
जिंदगी तो मिल जाती कभी 
रिश्तों की अमानत नही मिलती।
मोहित जागेटिया

कब तक मुझे सताती रहेगी




जिंदगी कब तक मुझे सताती रहेगी।
हर मोड़ पर ऐसे रूलाती रहेगी।

दिल का दर्द कोई समझता नही यहाँ
हर दर्द को कब तक दफ़नाती रहेगी।

हकीकत ख्वाब के सपने दिखा कर मुझे,
आज हकीकत से खुद भुलाती रहेगी।

सवालात जिंदगी ये कब तक करेगी,
हर सवाल का उत्तर दिखाती रहेगी।।

अपने ही अपनो को यहाँ सताते है,
हर मोड़ पर मुझे आजमाती रहेगी।।

मोहित जागेटिया







Monday, January 11, 2021

किस बात से नफरत है


किस बात का गम है किस बात से नफरत है।
नही कोई प्यार है नही कभी चाहत है।
सजा किस बात की हमको हर रोज दे रहे,
दिल लगाने की ये कैसी जो शराफत है ।।
मोहित जागेटिया

शिकायत करूँगा


है शिकायत तुमसे तो मैं शिकायत करूँगा।
बिना कारण कोई भी नही नफरत करूँगा।
लगा कर दिल तुमसे बना कर अपना हमेशा,
मैं मोहब्बत करता हूँ मोहब्बत करूँगा।।।
मोहित जागेटिया

Friday, January 8, 2021

नही भुलाते है


ऐसे लम्हें जिंदगी में बार बार नही आते है।
गुजरे हुए पल कभी ऐसे कोई नही भुलाते है।
ये तो यादें है जो जीवन में याद बन कर रहेगी,
कभी यादों को हम बस अपनी यादों में सजाते है।
मोहित जागेटिया
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संस्कृति स्वीकार है


अक्षर अक्षर खिलता मेरा फूलों का हार है।
हिन्द देश के निवासी हम हिन्द से प्यार है।
सदा ही मान रखेंगे अपने संस्कारों का,
ये सत्य सनातन संस्कृति हमको स्वीकार है।
मोहित जागेटिया।

नही इतना बुरा है


तुम्हारे बिन जीवन ,कभी भी नही ये पूरा है
रोती हुई आँखों में ,तेरा ख्वाब अधूरा है।
समझ लो तुम ,जो समझना चाहती हो,आज मुझें,
मेरा तन मन कभी भी, इतना नही ये बुरा है।
मोहित जागेटिया