Wednesday, October 31, 2018

दिवापली

आओ मिल कर शांति सुकून का पेड़ उगायें।
घर  द्वारा  को  सभी  सुंदर  फूल  से सजायें।
दीपों  से  जगमग  ये  सारा  वो  संसार  हो।
एक - दूजे  से  बढ़ता  हमारा  ये  प्यार हो।।
रौशनी  का  पावन  पर्व  अंधकार  मिटायें।।
हम   सभी   भाईचारे   के   पैगाम   लुटाएं।।
सजा  रंगोली  सबका  मन  हम  हर्षाएंगे।
त्योहार  मिलन  का, सभी घर मिलने जाएंगे।
दीप शिखा पर आज प्यार का दीया जलायें।
हम  सब  ये  दीपावली  का  त्योहार  मनायें।।

हर  घर  आंगन  में रौशनी जगमगाती रहें।
चारों और से खुशियों की महक आती रहें।
अंधकार मिटा कर प्यार का दीया जलायें,
दीपक की रौशनी हर पल झिलमिलाती रहें ।

मोहित


दीपावली

दीप  ज्योति  बनकर नव प्रकाश फैलाएं।
दीप शिखा की हम दीप ज्योति बन जाएं।
गंध -सिक्त  सारा  परिवेश  हमारा हो,
महके जो पग पग पर हम सुमन लुटाएं।।

सबका आलोकित हो मन का ये आँगन।
सबका  खुशियों  से  भर  जाए  दामन।
उजियारे  का  स्वप्न  सुहाना  बन  जाये,
झिलमिल  दीपों  का  क्षण हो ये पावन।।

दीन दुखियों के मन को हम भी हर्षाये।
अंत मन की ज्योत का ये दीप जलाएं
हर घर आंगन में खुशियों की बारिश हो
इस  बार  हम  ऐसी  दीवाली  मनाएं।।

मोहित जागेटिया

Tuesday, October 30, 2018

सरदार वल्लभभाई पटेल


वो अमर रहेगा सदा ,भारत की था शान ।
लोह पुरुष सरदार था,भारत का अभिमान।।

मिशाल था वो एकता,अनेकता का सार।
ऐसा नेता देश का,लोह पुरुष सरदार।।
मोहित

Sunday, October 28, 2018

वादा निभाएंगे


तेरे  लिए  खुशी  की  दुआ खुदा से लाएंगे।
जहाँ तुम बुलावो वही  हम तो चले आएंगे।
साथ तुम्हारे  रह कर  साथ  तुम्हारा दे कर,
वादा  जो  तुम से किया वो वादा निभाएंगे।
मोहित

लेख3 http://tz.ucweb.com/10_3Xq4U

"दुनिया मे आते ही पहचान होती है नामकरण"
हर परिवार में उस समय खुशी दुगनी हो जाती है।जब उस घर मे नया मेहमान आता है यानी किसी बच्चे का जन्म होता है।उस समय बच्चे के माता पिता को दुनिया की सबसे बड़ी खुशी मिलती है ।उनकी सबसे बड़ी दौलत ये होती जो उनको मिलती है।घर परिवार में खुशी ही खशी होती है।जब किसी बच्चे का जन्म होता है।कोई पापा तो कोई माँ बनती है।कोई दादा दादी,कोई नाना नानी, तो कोई बुआ बनती है।ये सब रिश्ते हर बच्चे के जन्म के साथ ही बन जाते है।हर कोई उस बच्चे को पहली तस्वीर देखना चाहता है।उसको सहलाना चाहता है।
बच्चे का जन्म होते ही परिवार में उसके नामकरण की सोचने लगे जाते है।हिन्दू रीति रिवाज में बच्चे का जन्म होते ही ज्योतिशास्त्र  के अनुसार बच्चे के जन्म समय के अनुसार उसका नामकरण संस्कार होता है।रीति रिवाज के साथ पंडित के द्वारा उसका नामकरण किया जाता है।बाद में उसको उस का नाम दिया जाता है।जो भविष्य में उस बच्चे को उस नाम से ही सम्बोधित किया जाता है।हर बच्चे की पहचान उसके नाम से होती है।
मोहित जागेटिया

लेख 3 "+http://hindi.newsdogshare.com/a/article/5bd3c96e12313a247cede2c0/?from=5a7c1d3dbb891a2f2a774846&ua=nd+"

"चुनाव की चर्चा चोरायें पर"

चुनाव आते ही हर चौराये पर चौखट लग जाती है।चौराये पर खुश्बू महकने लग जाती है।सब लोग अपनी अपनी पार्टी की बाते करने लग जाते है।लोग आपस मे ही बाते करते है वो सही है वो गलत है।लेकिन लोग सही को सही भी नही कहते है और गलत को गलत भी नही कहते है क्योंकि सबको अपनी पार्टी अच्छी लगती है।कोई अच्छे की परख और गलत की पहचान नही कर सकते है।बस अपने नेता हो का सब गुणगान करते है।हकीकत में चुनाव के वक्त लोग आपस मे भी लड़ जाते।इस क्षेणी में ज्यादा तर बुजर्ग लोग आते है।जो बस पुरानी बातें दोहराते है।जो कि आज हकीकत क्या है उसको वो नही पहचान सकते है।आज स्थिति क्या है ?उसको वो नही पहचान सकते है।
लेकिन हम अगर युवा की बात करें तो वो राजनीति में बदलाव चाहते है।हर प्रकार का समय पर परिणाम चाहते है।ये ही चर्चा आज कल रोज रोज चौराये पर हो रही है।अबकी बार वो नेता जीतेगा वो नेता हारेगा।उसकी सरकार बनेगी उसकी अबकी बार नही बनेगी।
लेकिन जनता हमेशा ये भूल जाती है कि जीतता हमेशा नेता ही है जनता हमेशा हारती है।कोई भी नेता सत्ता में जाने के बाद जनता को भूल जाता है।वो सरकार नेता की होती है।जनता की नही ।
चुनाव की चर्चा होनी चाहिए नेता की चर्चा होनी चाहिए लेकिन हमारे आपस मे मत भेद हो सकता है विचार धारा अलग हो सकती है।लेकिन रिश्तों में आपस मे कभी भी भेद भाव नही होना चाहिए।
                  मोहित जागेटिया

लेख 2"+http://hindi.newsdogshare.com/a/article/5bd1628c12313a247fff47c7/?from=5a7c1d3dbb891a2f2a774846&ua=nd+"

लेख
"गाँव आज भी हकिगत से दूर है"
कुछ वर्ष पहले हमारे गाँव में स्वच्छता अभियान चला था।सबसे पहले बहार की कोई टीम आई थी स्वच्छता की जानकारी देने।उसके कुछ समय बाद ही स्वच्छता के लिए बाहर से निगरानी समिति बनी थी व रोज निगरानी करती थी।कोई भी बहार शौच नही करे इस के लिए निगरानी समिति रोज सुबह जल्दी आ जाती थी।कुछ स्कुल के बच्चे भी इस अभियान से जुड़े और वो भी सुबह जल्दी उठ के सिटी बजाते थे।कुछ समय बाद ही गाँव के सुधार होने लगा था।गाँव में भी सभी के शौचालय बन गये थे।सब उपयोग भी लेने लगे थे।गांव खुले में  शौच मुक्त हो गया था। हमारे गाँव में एक बड़ा प्रोग्राम हुआ था ।गाँव में गौरव यात्रा निकली गाँव कलेक्टर व विधायक के द्वारा सम्मानित हुआ ।जो भी इस काम में लगे रहे वो सब सम्मनित हुये।क्यों की पूरा गाँव उस समय गौरव प्राप्त कर रहा था।गाँव का ODRF भी हो गया था।
लेकिन आज स्थिति बदल चुकी है।जो पहले थी वो ही वापस है।न कोई गाँव को देखने आता है और न कोई अपनी जिम्मेदारी समझता है।लेकिन इंसान ही अपनी जिम्मेदारी को भूल रहा है वो जानता की बाहर शौच करने से बीमारी बड़ेगी फिर भी वो ये गलती कर रहा है।क्यों की हो बाहर शौच करने का आदि है पर अपनी आदत नही बदल रहा था।
इंसान को खुद का सुधार खुद को ही करना होगा।
         मोहित जागेटिया

Friday, October 26, 2018

करवा चौथ

             "करवा चौथ"

तेरी लंबी उम्र की हमेशा दुआ करू।
सदा ही तुम्हारी में सुहागन बनी रहूँ।।
माथे में मांग सुंदर बिंदिया मैं लगा हूँ।
कलाई में चूड़ी ,हाथ  मेहंदी  रचा हूँ।।
पिया के लिए हमेशा करू सोलह श्रृंगार ।
आज व्रत कर के करू चाँद का इंतजार।।
मैं  मन  मंदिर  में  पूजा  आरती  उतारू।
चौथ का व्रत कर पिया को चाँद में निहारु।।
रहूँ सोभाग्यवती देना अखण्ड मुझे वर
मेरा सदा सुहाग बना रहें मैया अमर।।
मोहित

Thursday, October 25, 2018

जिंदगी ऐसे ही हो

"जिंदगी ऐसे ही हो"

जिंदगी की रागनी में
संगीत जैसा साज हो।
सफर ऐसा रहें
जैसे सरताज हो।
सुख दुख की गाड़ी
ऐसे चले! जैसे नदियों
का निर्मल पानी प्रवाह हो!
राह रागनी वाला जीवन
किसी के ये काम आयें।
ये जिंदगी हर सुख दुख में
सुबह शाम की तरह डल जाएं।
मौत हो सामने कभी न डरना
डट के सामना जीवन का करना।
कभी न हार मानना इस जीवन से
जीना सिर उठा के स्वाभिमान से
जिंदगी आज है कल न होगी
कल जो है अगले पल न होगी
जिंदगी ऐसी हो जैसे
किसी और न होगी।
मोहित जागेटिया

Wednesday, October 24, 2018

लेख1

                   आलेख
         "सुविधा में दुविधा बन रहा है मोबाइल"
आज के युग मे देखा जाए तो मोबाइल कही प्रकार की सुविधा दे रहा है।समय की बचत के साथ साथ कही प्रकार के महत्वपूर्ण कार्य मोबाइल पर ही हो रहें है।मोबाइल से बहुत सारी सुविधा तो मिल रही है जैसे कि सोशल मीडिया पर हम अपनी कला, अपनी काबिलियत डाल कर आगे बड़ सकते है।किसी भी बात को एक दुझे तक पहुचा सकते है।ऐसे बहुत सारी मोबाइल से सविधा तो मिल रही हैं पर दुविधा भी मोबाइल से हो रही है।मोबाइल से आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है। उसके साथ साथ आपस मे रिश्तों में दूरी मोबाइल से बड़ गई है।एक दुझे के पास होते हुए भी बातचीत नही कर पाते है।मोबाइल के व्यस्त रहते है।एक स्थान पर सब होते हुए भी सब अपने अपने मोबाइल में व्यस्त हुए सब दिल से दूर होते है।आज कल बच्चों का बचपन मोबाइल में बीत रहा है।बाहर की दुनिया से कोई नाता नही रहता है।सारे दोस्त इस पर ही रहते है।हकिगत दोस्तो से मोबाइल से दूरी हो गई है।मोबाइल की वजह से छोटे बच्चे मानसिक तनाव में रहते है।क्योंकि खेलने के लिए समय नही दे पाते है।और तो और कही तरह की दुर्घटनाएं भी मोबाइल से हो रही है क्योंकि ध्यान मोबाइल में रहता है।इस तरह मोबाइल सुविधा तो दे रहा है सुविधा के साथ दुविधा भी हमको मिल रही है।इसलिए मोबाइल को कम समय देना चाहिए।वास्तिक दुनिया के लिए समय होना चाहिए। ।
                   लेखक     मोहित जागेटिया
               मो. पो .      गांव सिदडियास जिला भीलवाड़ा
                                  राजस्थान pin cod 311011
            मोबाइल नम्बर  9950100169

Tuesday, October 23, 2018

शरद पर्णिमा


चाँद  की  चाँदनी  होगी  बरसेगी अमृत की धार।
ये निशा खिल जाएगी चाँद करेगा सोलह श्रृंगार।
आज  की  रात  चाँदनी की सामने होगा ये रास,
रास  रचाने  कान्हा  आएंगे  हर  गोपी  के  द्वार।।
मोहित

खुद के बनाएं जाल में रहूँगा

बस  में  अपने  हाल  में हूँ हाल में रहूँगा।
नही किसी उत्तर खुद के सवाल में रहूँगा।
मेरी  बेताबी  को  तुम  क्या  जान पाहोगें,
आज  खुद  के बनायें हुए जाल में रहूँगा।।
मोहित

बदलते प्यार का तुम अहसास हो( गजल)

बदलते प्यार का आज तुम अहसास हो।
दिल से दूर रह कर भी अब तुम खास हो।।

उस मौसम की तरह दिल पर बरस जाहो।
बदलो मत हर ऋतु की तुम ही आस हो।।

एक  न  एक  दिन  हमको  दूर  जाना  है।
नसीब  में  जुदाई  हैं  दिल  के  पास  हो।।

दिल  के  अधूरे  सपने  तोड़  मत  देना।
इस दिल की आरजू  तुम ही विश्वास हो।।

आसमान के सितारों की तरह तुम भी।
दूर रह कर इस तुम दिल का आभास हो।।

मोहित

Wednesday, October 17, 2018

भाग्य,मुकद्दर,किस्मत


मैं भाग्य की लहरों पर कभी किस्मत लिख दूँ।
जो  नसीब  में  है  उसको  ही  चाहत लिख दूँ।
जिनकी  कृपा  से  नसीब  बदल  जाए  आज,
मैं  तो  उस  ईश्वर  की  कभी इबाबत लिख दूँ।।

में  उसका  हूँ  वो  मेरी  ये  तो  किस्मत  है।
एक  दूजे  की  हम  दोनु  अब ये दौलत है।
मेरी  जिंदगी  का  हर क्षण क्षण वो बदल दे,
में  उसकी   चाहत   वो   मेरी  मोहब्बत  है।

मेरे  नसीब  में वो  नही  उस  का  प्यार है।
ये   प्यार  की  जीत  नही  उसकी  हार  है।
मेरा  हर   सपना   टूटा   और   अधूरा  है,
मेरी   तकदीर   से   टूटा   ये   मुकद्दर   है ।।
मोहित

प्रयागराज

जो पहले था वो  संस्क्रति का सम्मान आज हो गया।
आज  जो  हुआ  वो ताज का तुम्हारा काज हो गया।
योगी  तुमने  हमारी  संस्क्रति को फिर सम्मान दिया,
इलाहाबाद  का  नाम  फिर  से  प्रयागराज  हो  गया।
मोहित

Saturday, October 13, 2018

राम

राम की महिमा जिसने भी गाई वो इस भव से तर गया ।
रावण  जैसा  महाज्ञानी  भी  राम  के  हाथ से मर गया।।

राम नाम को कोई इस जग में अब तक हरा नही पाया।
सबको हर मुसीबत में बस राम नाम ही तो याद आया।।

अंत समय  राम  नाम  साथ  जाएगा वो ही स्वीकार है ।
राम  मान  सत्य  है  राम  नाम  की महिमा अपरंपार है ।।

इस दुनिया  में  जिसने हम को मर्यादा का पाठ पड़ाया ।
भरत ,लखन जैसा भाई भाई का प्यार हमको सिखाया ।।

हर  और  राम  नाम  बड़ा  हनुमान  के  सीने  में राम है।
जीवन  जिये  ऐसे  की  मर्यादा  से  जीने  में  राम  है।।

प्रभु राम मिलें थे जब ममता वाली उस माँ कौशल्या को।
प्रभु राम मिलें पत्थर से भव पार वाली उस अहिल्या को।।

राम नाम कोई शब्द नही राम गाथा है हनुमान की।
आज राम की हम पूजा करें राम शान है हिंदुस्थान की।।
मोहित







Friday, October 12, 2018

खुदा से तेरी खुशी मांग लाएं

चलों  अपनी  कहानी  आज  दोहरायें ।
जहाँ तुम चलों वहाँ हम अब चलें आये।
तुम्हारा  ये जीवन   अब  सलामत  रहें,
खुदा  से  तेरी  खुशी  आज  मांग लायें।।
मोहित जागेटिया

Thursday, October 11, 2018

जुदा होना है

तेरे  प्यार  के  लिए  अब उस दिन भी रोना है।
जब एक न एक दिन मुझे तुमको भी खोना है।
मेरे प्यार के  सफर को, कभी खत्म कर दोगी,
तुम  से  एक  न  एक दिन हमसे जुदा होना है।
मोहित

नेता

               "नेता"
जातिवाद की आग में जल रहा है
मेरा  मुल्क  बट बट के चल रहा है
भोली जनता को नेता लूट रहा ,
नेता  के  विश्वास  से  पल  रहा है।

कभी हिन्दू तो कभी मुस्लमान में।
कभी जाट,गुर्जर,कभी इंसान में।
देश मे  नेता  हो कि हद तो देखो,
बाट  रहें  है  ये  कभी भगवान में।।

कभी  देश  मे ये आग   लगाते है।
भाईचारे   का   प्यार   मिठाते  है।
सियासत इतनी गन्दी हो गई अब
नेता  कभी  अपनो  से  लड़ाते है।

मोहित

Wednesday, October 10, 2018

नवरात्रि

शक्ति स्वरूप है माँ दुर्गा का कभी अवतार ।
नव दिवस जगमगा रहा माँ का हर दरबार ।
आज  पूजा  वंदना  हो  रही  नो  रूप  की,
सब लोग बोल रहें जय माता की जयकार।।
मोहित

Monday, October 8, 2018

चुनाव

अब  बिगुल  बज  चुका चुनाव की है तैयारी।
अब  तो  नेता  जी  करेंगे  वादा  अभी भारी।
ये जनता भी समझ चुकी अब किस की बारी
अब  चालाकी   काम   नही  आएगी   सारी।।
मोहित

हम कवि


कविता  से  हम  शब्दों  का  खेल  खेलते ।
हम  कवि  उस  शब्दों  में  अर्थ को मेलते।
कभी किसी की भावना को हम समझ कर,
हम  कवि  शब्दों  का  दुख  दर्द  को झेलते  ।।
मोहित जागेटिया


Thursday, October 4, 2018

वतन मुक्तक

वतन से खूब सूरत और कोई चमन नही है।
सभ्यता,संस्कारों वाला ऐसा अमन नही है।
जिसकी फिजाओं में तिरंगे की महक आती है
इस वतन से प्यारा मेरा कोई वतन नही है।।
मोहित

वतन

सबसे प्यारा मेरा वतन ।
सबसे न्यारा मेरा वतन ।।
वतन मेरी आन बान है।
अमर वतन हिंदुस्थान  है।।

सरहद का जवान वतन है।
खेतों को किसान वतन है।।
देश का सम्मान वतन है।
भारत का विज्ञान वतन है।।

हमेशा शांति का ये अमन।
फूलों  सा महके ये चमन।।
लहराता  झंडा  ये गगन।
सबसे  प्यारा  मेरा  वतन।।

अपना अपना ईमान है
हर होठों पर मुस्कान है
वतन मेरी आन बान है।
अमर वतन हिंदुस्थान  है।।
मोहित