Wednesday, May 18, 2022

हनुमान


शक्ति और भक्ति से जो बलवान है।
राम सिमरन से जिसका गुणगान है।
संकट और पाप को जो भी हरते ,
वो राम भक्त हमारे हनुमान है।।
मोहित जागेटिया

जिसने फूलों का भी श्रृंगार किया।
उसको हमने भी स्वीकार किया।
धरा की गंध भी महकने लगी,
ईश्वर का सबने आभार किया।।
मोहित जागेटिया

राम को प्रणाम



जिसने हमकों मुसीबत से लड़ना सिखाया है
इस जग में जीवन जीने के मार्ग बताया है।
उस ईश्वर प्रभु श्री राम की चरणों में प्रणाम,
जिसने हमको मर्यादा का पाठ पढ़ाया है।
मोहित जागेटिया

जिसने त्याग की भावना भरी वो बड़ा नाम है।
मन शक्ति के भाव की साधना का जहाँ धाम है।
देश प्रेम मर्यादा की व्याप्त पवित्र धारा में ,
नाम प्रभु श्री राम का जिसको मेरा प्रणाम है।।
मोहित जागेटिया

दादा पोती

*दादा जी और पोती*

मेरे जीवन के सपनो की मुस्कान है दादा।
मेरे कर्तव्य पथ की ये तो पहचान है दादा।।

जिनका आशीर्वाद सदा मिलता रहा जीवन में,
उस ईश्वर की कृति का वो अभयदान है दादा।।

जिंदगी की हर उम्मीद का आधार है दादा।
सेवा,करुणा,दया,प्रेम के संस्कार है दादा।।

मेरी हर गलती को भूल कर वही क्षमा करते,
रिश्तों का बंधन उनसे  वो परिवार है दादा।।

देख कर उसको पहली बार मुस्कराया होगा।
मन में पोती की खुशी से वह हर्षाया होगा।।

दादा ने पोती को हाथों में उठाया होगा।
दादा के जीवन में सुकून का पल आया होगा

दादा की गोद में पोती से जीवन सुंदर है।
दादा पोती से घर भी वो स्वर्ग वाला घर है।।

उस नन्ही सी मुस्कान में सपनों की उड़ान है।
दादा की पोती,पोती से दादा की जान है।।

दादा के हाथों से खाने में मधुर मिठास है।
दादा पोती के खेल,खेल में भी विश्वास है।।

सजी जो ये जिंदगी ये दादा का ही प्यार है।
परिवार की धरोहर दादा का हर संस्कार है।।

दादा पोती की हर बचपन की ये कहानी है।
पोती की यादों में आज आंखों में पानी है।।

अब मैं लौट न पाऊंगी बचपन में,मजबूर हूँ।
दादा की याद के पास हूँ जीवन से दूर हूँ।।

मोहित जागेटिया

काशी में फिर से दर्शन को बाबा आएं।

पुरखों की धरोहर ये हमारी विरासत का उपहार है ।
जितनी भी खुदाई करो हमारी संस्कृति का आधार है ।
उन दुष्टों ने इस धरोहर को चुराया और दबाया था ,
फिर से विराट महादेव निकल आए उनका सत्कार है ।।

-- मोहित जागेटिया

माहेश्वरी


         *माहेश्वरी कहलाएं*

आओ हम करें गौरी शंकर की वंदना।
तन मन से करें महेश की आराधना।।1

तप-तपस्या,जप से हो महेश साधना।
मधुर मधुर स्वर से जय जय महेश जपना।।2

शिव शंकर का मिला हम सबको वरदान।
तेज बुद्धि विकसित होगा हमारा ज्ञान।।3

भगवान की वंदना में लगाएं ध्यान।
माहेश्वरी परिवार में मिला सम्मान।।4

विकसित होगा हमारा खुद का व्यापार।
तराजू का दिया व्यापार का उपहार।।5

शिव ने हमको किया चरणों में स्वीकार।
माहेश्वरी गाते जय महेश हर बार।।6

जब हम सब क्षत्रिय थे वैश्य बन कर आएं।
शिव के आशीर्वाद से सुख शांति पाएं।।7

भगवान महेश की हम वंदना गाए।
तभी से हम सब माहेश्वरी कहलाएं।।8

नाम:-मोहित जागेटिया
गांव :-सिदडियास जिला भीलवाड़ा राज.