*दादा जी और पोती*
मेरे जीवन के सपनो की मुस्कान है दादा।
मेरे कर्तव्य पथ की ये तो पहचान है दादा।।
जिनका आशीर्वाद सदा मिलता रहा जीवन में,
उस ईश्वर की कृति का वो अभयदान है दादा।।
जिंदगी की हर उम्मीद का आधार है दादा।
सेवा,करुणा,दया,प्रेम के संस्कार है दादा।।
मेरी हर गलती को भूल कर वही क्षमा करते,
रिश्तों का बंधन उनसे वो परिवार है दादा।।
देख कर उसको पहली बार मुस्कराया होगा।
मन में पोती की खुशी से वह हर्षाया होगा।।
दादा ने पोती को हाथों में उठाया होगा।
दादा के जीवन में सुकून का पल आया होगा
दादा की गोद में पोती से जीवन सुंदर है।
दादा पोती से घर भी वो स्वर्ग वाला घर है।।
उस नन्ही सी मुस्कान में सपनों की उड़ान है।
दादा की पोती,पोती से दादा की जान है।।
दादा के हाथों से खाने में मधुर मिठास है।
दादा पोती के खेल,खेल में भी विश्वास है।।
सजी जो ये जिंदगी ये दादा का ही प्यार है।
परिवार की धरोहर दादा का हर संस्कार है।।
दादा पोती की हर बचपन की ये कहानी है।
पोती की यादों में आज आंखों में पानी है।।
अब मैं लौट न पाऊंगी बचपन में,मजबूर हूँ।
दादा की याद के पास हूँ जीवन से दूर हूँ।।
मोहित जागेटिया