Tuesday, June 30, 2020

जरूरत हो

मेरे दिल की धड़कनों की तुम चाहत हो ।
जिसको हम चाहते तुम वो मोहब्बत हो ।
ये साँसें भी इन सासों से चलती आज ,
इन साँसों की हरदम तुम ही जरूरत हो ।।

-- मोहित जागेटिया

पहली मुलाकात

आज के दिन तुमसे हुई थी पहली मुलाकात ।
एक साथ हम दोनों आए बन गयी थी बात ।
मेरे दिल ने तुमको उस दिन से अपना माना ,
उस दिन से हुई थी जीवन-सफ़र की शरूआत ।। 

-- मोहित जागेटिया

Wednesday, June 17, 2020

वतन की मोहब्ब्त का रंग

इस मिट्टी में अपना 
लहू ले कर चलते हैं
मातृभूमि पर प्राण न्यौछावर
कर देते हैं ,
वो भारत माँ के लाल
घर परिवार छोड़ कर 
देश साथ रखते हैं ।
मिटा देते ख़ुद को
तिरंगे की आन के लिए
कफ़न तिरंगा हो
वो ये ख़्वाब ले कर चलते हैं ।
न सोचते 
आगे पीछे क्या होगा ?
देश के लिए जीते
देश के लिए ख़ुद को मिटाते ,
सीमा पर हर पल तैयार रहते
दुश्मन के हर पत्थर
का ज़वाब ख़ुद बन जाते हैं ।
जो हमको ललकारते
हमसे जो लड़ते 
वो ख़ुद ही मिट जाते हैं ।
बाजुओं में हिम्मत, जोश
भारत माँ के जय घोष से भरा ।
वतन मेरा सलामत रहे ,
वतन की मोहब्बत का रंग भरा ।
 
-- मोहित जागेटिया

Tuesday, June 16, 2020

सुशांत को भावभीनी श्रधांजलि

वो ज़माना जीत कर ख़ुद हार गए ।
जीना था पर ख़ुद को ही मार गए ।
जीने ने क्या कठिनाई आई जो ,
आज वो इस पार से उस पार गए ।।

-- मोहित जागेटिया

ये वो भारत नही जो तुम जानते हो

आज के भारत को तुम भी मानते हो ।
रोज क्यूँ हम पर ऐसे तुम तानते हो ।
जान लुटाते हैं अपने वीर जांबाज ,
ये वो भारत नहीं जो तुम जानते हो ।।

-- मोहित जागेटिया

Sunday, June 14, 2020

मेरा परिचय और मेरी उपलब्धि

पूर्ण नाम~मोहित जागेटिया

साहित्यिक उपनाम~नही

जन्मतिथि~6 अटुम्बर 1991

जन्म स्थान~सिदडियास

वर्तमान पता~गांव सिदडियास जिला& तहसील भीलवाड़ा                राजस्थान पिन कोड 311011

राज्य/प्रदेश~राजस्थान

ग्राम/शहर~गांव सिदडियास

पूर्ण शिक्षा~स्नातक

कार्यक्षेत्र~
(नौकरी या जो भी) किरणा जनरल स्टोर

सामाजिक गतिविधि~नही

लेखन विधा~ कविता,दोहें, मुक्तक,गीत,ग़ज़ल, 

भाषा ज्ञान~नही

मोबाइल/व्हाट्स ऐप~9950100169

कोई प्रकाशन~ -1नई उड़ान नया आसमान सांझा संग्रह पुस्तक
2 काव्या लोक सांझा संकलन 3 काव्य सौरभ 4 ये कुण्डलिया बोलती है4 ये दोहें गूँजते से 5 श्रम शक्ति( ई बुक)

रचना प्रकाशन~राष्टीय हिंदी पत्रिका प्रजातंत्र स्तम्भ में अटल जी को श्रदांजलि पर कविता का प्रकाशन,प्रयागराज कुंभ पर लिखी कविता का इसी पत्रिका में दीपावली पर लिखी कविता का प्रकाशन
(पत्र-पत्रिका)

प्राप्त सम्मान~1नई उड़ान नया आसमान मासिक प्रतियोगिता में रिश्ता विषय पर सांत्वना सम्मान पत्र से सम्मानित,2काव्य सागर ऑनलाइन से सावन मास पर कविता से सम्मानपत्र 3इससे रावण कविता से सम्मान पत्र।4राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग से स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मानित सम्मान पत्र।5प्रजातंत्र का स्तम्भ गौरव से सम्मानित(प्रजातंत्र स्तम्भ के साझा संकलन नई उड़ान नया आसमान )6राष्ट्रीय कवि चौपाल शाखा -दौसा, राजस्थान जिसने मुझे "कवि चौपाल मनीषी" सम्मान से नवाजा।मतदान विषय पर लिखी मेरी कविता के लियें7 राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग से स्टार हिंदी साहित्यकार सम्मानित पत्र दूसरा (8)अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई विराटनगर जयपुर के द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए सम्मान पत्र(9)राष्ट्रीय कवि चौपाल एवं ई पत्रिका स्टार हिंदी ब्लॉग के सयुक्त तत्वावधान में स्टार हिंदी साहित्य सौरभ सम्मान से सम्मानित।(10)
मधुशाला साहित्यिक परिवार से मधुशाला गौरव से सम्मानित(11)मधुशाला साहित्यिक परिवार उदयपुर से कहानी प्रतियोगिता से "मुंशी प्रेम चंद अलंकरण"से सम्मानित।(12)अंतराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस पर हिंदी भाषा.कॉम से सम्मानित।(13)राष्ट्रीय कवि चौपाल के द्वारा साझा संकलन "काव्य सौरभ"के लोकार्पण समाहरो से "राष्टभाषा गौरव"से सम्मानित।(14)मीन साहित्य संस्कृति मंच के द्वारा मेरी भेजी गई पर्यावरण विषय पर रचना के लियें"हिंदी सारथी सम्मान"(15) हिंदी भाषा. कॉम द्वारा तीन सम्मान 1 कृष्ण जन्माष्टमी 2 हिंदी दिवस 3 कारगिल विजय दिवस(16)वेब पोर्टल साहित्यदर्शन डॉट कॉम द्वारा मातृत्व सम्मान से समानित(17) मधुशाला साहित्यिक परिवार द्वारा कोरोना जागरूकता पर लिखी कविता सम्मानित

ब्लॉग~9950100169 blog mohit jagetiya

विशेष उपलब्धि~नही

लेखनी का उद्देश्य~समाज की विसंगतियों को बताना और उसको मिटाना।

रुचियाँ ~कविता लिखना

Friday, June 12, 2020

शराफ़त

शराफ़त का ये दरिया छोड़ आऊँगा ।
जब मैं प्यार का समंदर बन जाऊँगा ।
नीला अम्बर बन देखता रहूँगा मैं ,
जब तेरी आँखों में ख़ुद को पाऊँगा ।।

-- मोहित जागेटिया
 

Monday, June 8, 2020

गज़ल

टूटा हूँ मैं अपनों से अपनों का प्यार नहीं ।
छोड़ गये कैसे माने वो अपना यार नहीं ।

जो मेरी चाहत को अपना बनाने के लिए ,
आज पास से दूर गए वो अब स्वीकार नहीं ।

तोड़ा था जिसने दिल मेरा उसने ज़ख्म दिया ,
उस पर हमको भी कोई कभी एतबार नहीं ।

अब वक्त का भरोसा नहीं कब ये बदल जाए ,
किसी पर अब विश्वास करें ये वो संसार नहीं ।

प्यार में टूटे लोगों की ज़ख्म भरी कहानी ,
किसको अपना माने अब कोई अधिकार नहीं ।

रोते जीवन की बहती नदिया इक धार सी ,
कोई किनारा बैठा जीवन अब उस पार नहीं ।

-- मोहित जागेटिया

Friday, June 5, 2020

दुआ बार है

हक़ीक़त में मुझे उसका ही इंतज़ार है ,
रब से जो मिला मुझे उसी का ये प्यार है ।
जो ख़्वाब मैंने उसका ही दिल में सजाया ,
मुझे वो मिल जाए ये दुआ बार-बार है ।।

-- मोहित जागेटिया

Thursday, June 4, 2020

जन्मदिन का आभार

आभार, धन्यवाद कोटिशः प्रणाम 🙏🙏

वैसे तो जन्मदिन हर व्यक्ति के लिए महत्पूर्ण होता है।ये जीवन का एक पर्व होता है। और ये पर्व हर वर्ष आता है। जिससे वह हर वर्ष मनाता है और ईश्वर का शुक्रिया अता करता हैं कि उसने यह मनुष्य जीवन दिया और निर्बाध एक वर्ष और पूर्ण हुआ। 
जन्मदिवस के इस खास अवसर पर आप सबके द्वारा मुझे
Whatsapp, facebook,sms or कॉल पर आज जन्म दिवस की लगातार मिल रही बधाइयों के लिए सभी आत्मीय-स्नेहिल प्रेमियों व जागेटिया परिवार के सदस्यों का बहुत-बहुत आभार।साथ ही ईश्वर का  कोटि-कोटि प्रणाम जिन्होंने मुझे इस योग्य चुना है।उन सब साथियों का तहदिल से शुक्रिया जिन्होंने मेरे मुस्किल समय में मेरा साथ दिया।मेरे माता-पिता, गुरूजनों, परिवार के लोगों, रिश्तेदारों और दृश्य-अदृश्य सभी साथियों को बहुत-बहुत धन्यवाद और प्रणाम।
 प्रिय जनों की अनंत आकाश भर शुभकामनाएँ एवं बधाइयों ने इसे उत्सव में बदल दिया। मैं आप सब के इस अथाह स्नेह को देख कर अभिभूत हूँ। मेरे शब्दकोष में आपका धन्यवाद व्यक्त करने हेतु जैसे शब्दों का अकाल सा पड़ गया है। मैं आपके इस स्नेह के लिए कृतज्ञता व्यक्त करता हूँ और आप के इस प्रेम को कोटिशः प्रणाम करता हूँ। आप सभी का हृदय की अंतःकरण से बहुत बहुत आभार एवं अभिनंदन ❤️❤️💐💐💐 🙏🙏🙏 
*"मिला जो प्यार आपका,दिल से है स्वीकार।*
   *स्नेह प्रेम हर पल रहें,करता हूँ आभार।।"*

 आपका प्रिय जनों का स्नेह, बड़ों का आशीर्वाद, एवं मित्रों का साथ सदैव बना रहेगा इसी आशा में आपका अपना

Wednesday, June 3, 2020

तेरे शहर में हम आया करेंगे

तेरे शहर में हम आया करेंगे ।
दिल का हाल रोज बताया करेंगे ।

खामोश रहेंगे , कुछ न कहेंगे हम ,
मगर प्यार को अब जताया करेंगे ।

तुम्हारे दिल में नफ़रत जो रहती ,
प्यार से कभी हम हटाया करेंगे ।

नज़र में तस्वीर तुम्हारी रहती ,
तस्वीर को गले लगाया करेंगे ।

कैसे भूले दर्द के ज़ख्म को हम ,
याद दिला हम रोज सताया करेंगे ।

तेरी गलियों से जब गुजरेंगे हम ,
कभी दिल का हाल दिखाया करेंगे ।

-- मोहित जागेटिया

बदलता मौसम

ये मौसम भी बदला ,
बदली हर फिजाएँ ,
बदलने लगी हर हवाएँ
बदली-सी ये कुदरत
बदले-बदले से कुदरत के 
हर नज़ारे।
आज वो नहीं जो कल था
अब कल क्या होगा ? 
अब वो ये पल नहीं !
हद से ज्यादा तपती धरा
बरसती लू की आग
मन को जलाती ये कुदरत की आग ,
कहीं हवा , आँधी तूफान
न जाने कैसे कुदरत के 
आज ये भयानक परिणाम ,
बिना मौसम तेज बारिश कहीं 
सूखा कहीं बाढ़ है
इस प्रकृति के बुरे ये हालात है ।
मानव ने पेड़-पर्वतों को काटा
नदियों को खोदा-मोड़ा
हवा को भी ज़हरीली बना दी
कुदरत के साथ जो खेल खेला
आज कुदरत ने भी अपने रास्ते बदले
बदल गए मौसम के मिजाज
सर्दी में गर्मी , गर्मी में सर्दी
बिन मौसम हर ऋतु बरसात ।।

-- मोहित जगेटिया