किसी से इश्क का कभी इजहार मत करना ।
लगा के दिल किस से तुम अब प्यार मत करना ।
चलना उस सफ़र में ही जहाँ पर मंजिल हो,
नही हो मालूम वो दरिया पार मत करना ।
मोहित
Saturday, April 29, 2017
दरिया पार मत करना ।
वादा है मेरा हर जन्म में बार बार मिलूँगा
आप से हर पल मोहब्बत की आस रखता हूँ ।
तुम पर में भी हद से ज्यादा विश्वास रखता हूँ ।
में तो अब तुम्हारे प्यार का गुलाम रहूँगा।
मेरी आप से दोस्ती ,आप के नाम रहूँगा ।
तुम्हारा साये की तरह साथ दूँगा हर पल
तुम से ये मेरा वादा है साथ रहूँगा कल।
आपकी दोस्ती ही जीवन की निशानी होगी
इस महकते जीवन की मेरी कहानी होगी।
वादा है मेरा हर जन्म में तुमको मिलूँगा ।
रिस्तों की रिवाजों को निभाने मै आहूँगा ।
हँसती हुई मुस्कराती हुई जिन्दगानी
हँसती हुई मुस्कराती हुई जिंदगानी चाहिए ।
खिलती हुई धुप में महकती हुई जवानी चाहिए।
कभी नही आये इस हँसते हुए चहरे पर गम
हमको आपके जीवन की ऐसी कहानी चाहिए।
Mohit
Tuesday, April 25, 2017
नक्सलियों हमले पर
कब तक भारत के जवान हमलों में हम खोते रहेंगे ।
कब तक उनके परिवार सब के सामने रोते रहेंगे ।
हमारी सरकारें जवाब दे और हमको ये बतायें,
कब तक भारत में नक्सलियों के हमले होते रहेंगे ।
मोहित
Saturday, April 15, 2017
पत्थर बाज पर कविता
उन कुत्तों का भी ईलाज कर दो
मांगे कश्मीर तो बाज कर दो ।
सेना पर जो भी पत्थर मारे
सेना की गोली से अब हारे।
गद्दारों का तुम वो काम कर दो
मिटा कर उनको अब शाम कर दो।
बहुत हो चुकी उनकी नादानी
बहुत बहक चूका उनका पानी ।
ना बने उनकी कोई कहानी
मिट जाए उनकी आज जवानी।
मिटाने से ही ईलाज होगा
नही तो ऐसा ही आज होगा।
नही सेना का अपमान चहिये
हमें तो सेना की शान चहिये।
हमें तो गद्दारों से आजादी
खिलता हुआ हिन्दुस्तान चहिये ।
मोहित
Wednesday, April 12, 2017
तुम स्वामी विवेकंदन बनो
कभी गीत कभी गजल कभी छंद बनों ।
हल्की हल्की मुस्कान से मन्द बनों ।
तुम जीवन ऐसा जिओ स्वाभिमान का,
कल के तुम स्वामी विवेकानंद बनों।
मोहित
Monday, April 10, 2017
हनुमान जयंती पर
श्री हनुमान जन्मोत्सव की आप सभी सदस्यों को बहुत बहुत बधाई ।
इंसान के जो काम आये उसे हम इंसान कहते है ।
जहाँ पर पाप भी कट जाये उसे हम भगवान कहते है।
कभी भी आ जाये मुसीबत तो तुम उस से घबराना मत
यहाँ संकट को हरने वाले को हम हनुमान कहते है ।
मोहित
Saturday, April 8, 2017
नारी
एक नारी
बेटी से बहु बन के जब हो घर आती है
नारी बन के वो सारी खुशियां लाती है।
अपने माँ बाप को घर से छोड़ आती है
अपने रास्ते को वहाँ से मोड़ आती है ।
जब कभी नारी हर आँगन में महकती है
कभी पँछी की तरह हर जगह चहकती है।
वो चिड़िया है जो हर आँगन में ढल जाती
अब तो नारी खुद के दम पर ही पल जाती।
नारी चूड़ी,पायल,कुम कुम का श्रृंगार है
वही सरस्वती, लक्ष्मी, सीता अवतार है।
वो प्रेम की मूर्त वो प्रेम का सागर है
प्रेम की पाठशाला और प्रेम का दर है।
दुनिया की आदि आबादी सिर्फ नारी है
भारत की नारी तो सब पर ही भारी है।
कही खेल खेला है नारी ने दुनिया में
नारी के आगे ये दुनिया भी हारी है।
मोहित जागेटिया
Tuesday, April 4, 2017
आपकी ये दोस्ती कभी नही भूल पाएंगे
Sunday, April 2, 2017
अब कभी तुम नाराज मत होना
किसी और के लिए तुम अब साज मत होना।
कल बर्बाद हो जाये वो आज मत होना ।
हो जाये ,जाने अनजाने में गलती तो
तुम हम से कभी भाई नाराज मत होना ।
मोहित
तुम अब उनकी कभी आवाज़ मत होना ।
छुप जाहो सुरों में वो साज मत होना ।
चलना होगा तुमको भी हमारे साथ
अब कभी तुम हम से नाराज मत होना।।
मोहित
तुम कहो तो मोहब्बत छोड़ दूंगा ।
तुम कहो तो में मोहब्बत अब छोड़ दूंगा ।
में हाथ तुम्हारे आगे अब जोड़ दूँगा ।
हमने वफ़ा निभाई तुम बेवफा हो गए ,
जिंदगी को अब उस रास्ते से मोड़ दूँगा ।
मोहित