Saturday, October 22, 2022

मेरे राम जो घर आएं

शुभ दीपावली
*मेरे राम जो घर आएं*

घर आंगन सजाओं
खुशिया मनाओ
नमन का शीश झुकाओ
मेरे राम जो घर आएं।।

हर आंगन में रौशनी हो
अब अंधकार मिट जाएं
जगमगाता संसार हो।
मेरे राम जो घर आएं।।

ये पावन वो दिन आया
उमंग,उत्साह से जी भर पाया
आतिशबाजी होगी स्वागत में
मेरे राम जो घर आएं।।

फूल माला से हर गली सजा हो
दीप शिखा की लड़ी लगाओ
ये रौशनी त्योहार आया
मेरे राम जो घर आएं।।

पूजा और वंदना करो
मन में भक्ति भाव भरो
हर ज्योति में राम दर्शन करो
मेरे राम जो घर आएं।

तप में तम मिटाओ
मिल कर दीवाली मनाओ
राम को करो प्रमाण
मेरे राम जो घर आएं।

मोहित जागेटिया

जन्मदिवस का आभार


आज जन्मदिवस पर आपका शुभाषी मिलें।।

आज जिंदगी खुशियों त्योहार दे रही ।
खुश रहने का हर वो अधिकार दे रही।
ईश्वरीय अनुकृपा से मिली जो जिंदगी,
कदम दर कदम अपनों का प्यार दे रही।
मोहित जागेटिया

Tuesday, October 4, 2022

इंतजार नही किया है।


मैंने इश्क़ का कोई कारोबार नहीं किया है ।
बेवफ़ा से फिर से कभी कहीं प्यार नहीं किया है ।
छोड़ चले जो हमें इस तन्हा जीवन के सफ़र में ,
कभी मुश्किल में किसी का इंतज़ार नहीं किया है ।।

-- मोहित जागेटिया

भोपाल जी सर


*विदाई शब्द ही ऐसा जहाँ भावों की संवेदना में वेदना भरी हुई है।।* *आँखे ओझल,दिल उदास,मायूस चेहरा मानो दुःख के बादल बरस रहें हो।*
सर जी आपका स्थान्तर हमारे गाँव से अब जयपुर हो गया है।इस बात की बहुत खुशी भी है और गम भी है।आप भी ये ही चाह रहें थे कि यहाँ से जयपुर हो जाएं तो अच्छा रहेगा।उधर आगे की पढ़ाई भी और अच्छी हो पाएगी और आपका घर भी आपके ज्यादा पास रहेगा।
आपका यहाँ से जाने का गम और दुख भी हमको रहेगा।आपके साथ हमारे जीवन की कुछ वर्षो की यात्रा रही है।वो हमेशा याद रहेगी।
आप अपनी पहली रेलवे की नोकरी को छोड़ कर यहाँ पर दूसरी नोकरी अध्यापक के रूप में आये थे।
अध्यापक के रूप में आपका आपके विषय में बहुत अच्छा परिणाम रहा है।खुद भी अच्छी मेहनत करते थे और विद्यार्थियों को भी बहुत मेहनत कराते थे।विद्यालय में आपका व्यवहार सबसे बहुत अच्छा था।और गांव में भी आपका व्यक्तिगत रूप से सबसे  अच्छा रहा है।आपकी शालीनता,सादगी आपकी पहचान रही है।आप अनजान से भी आपका व्यवहार बहुत अच्छा रहा है।सबको अच्छा मार्गदशन देते थे।
मेरा व्यक्तिगत रूप से आपका व्यवहार एक परिवार के सदस्यों जैसा बन गया था।मेरा परिवार भी आपको अपने परिवार का हिस्सा मानता था।आप मेरे हर सुख दुःख में काम आते थे।हमेशा अच्छा मार्गदर्शन देते थे।आपके साथ गुमने जाना आना अच्छा लगता था।जब तक आपका साथ रहा निःस्वार्थ रिश्तों का अनमोल बंधन रहा है।आपकी सिंपल,साधारण जीवन शैली सबको प्रभावित करती थी।
आपकी सह स्मृतियों का आभाष हमेशा हमारे दिल मे रहेगा।आपका प्रेम,मार्ग दर्शन हमेशा मिलता रहें।आप जहाँ भी रहो खुशहाल रहो।निरोगी रहो।और हमेशा आगे बढ़ते रहना।आपका परिवार सुखी रहे ,सबका अच्छा स्वास्थ्य रहे।आपके परिवार के प्रति भी मेरी मंगलकामनाएं।आप अपने सफ़र में निरंतर निसंकोच सफ़लता की और आगे बढ़ते रहो, आपकी जीवन यात्रा की महक जहाँ भी रहो वहाँ आती रहें ।मेरी दिल से ये ही शुभकामनाएं।।
मेरी वाणी,मेरे शब्द या किसी कारण आपकी भावनाओं को ठेस पहुँची हो तो उसके की ह्रदय की गहराइयों से क्षमा मानता हूँ।।

*ये रिश्तों का अनमोल बंधन था,*
*जिसको हम कभी नही भूल पाएंगे।*
*जिंदगी की इस राह में हमेशा,*
*बिछड़ कर भी सफ़र में याद आएंगे।।*
*गुजरे वक्त की हर स्मृतियां दिल में,*
*यादों के उपवन में हम सजायेंगे।।*