Sunday, May 31, 2020

पापा मम्मी की शादी की सालगिरह पर

जीवन के पथ में हमेशा ही पथिकमान दिया है।
नेक राह पर चले उन सपनों को उड़ान दिया है।
रब के आशीर्वाद से तुम मिलें थे,तुमसे जो हम,
हमारी जिंदगी को तुमने ही पहचान दिया है।।
मोहित जागेटिया

Thursday, May 28, 2020

तुम्हारा हो नही पाया

दर्द जो इतना मिला हैं सुकून से सो नहीं पाया।
तुम्हारे आँचल पर प्रेम का बीज बो नहीं पाया।
उस रब ने प्रेम से बंधन जो ये बनाया था मगर
तुम्हारा हो कर भी मैं तुम्हारा हो नहीं पाया।
मोहित जागेटिया

महेश वंदना

*महेश वंदना*
भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।1

हम माहेश्वरी भगवान महेश की संतान है ,
महादेव का मिला हम सभी को ये वरदान है ।
करें हम जो अपना व्यापार खुद ही व्यवहार से ,
ये ही हमारी माहेश्वरी होने की शान है ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।2

छोड़ कर हिंसा गए महादेव की हम जो शरण ,
मिला हमको तराजू किया महेश को नमन चरण ।
महेश के आशीर्वाद से बने हम माहेश्वरी ,
करते है महादेव महेश को तन मन समर्पण ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।3

आपने ही हमको विवेक बुद्धि तेज ज्ञान दिया ,
हारे थे हम जीवन फिर से जीवन का दान दिया ।
दिल में करूणा भरी है करते हम देश सेवा ,
बना कर माहेश्वरी आपने ये सम्मान दिया ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।4

तुम्हारे वंश के तुम्हारी चरणों में आये ,
दिल के सुमन तुम्हारी चरणों में हम जो लाये ।
माहेश्वरी होने हमको खुद को ये गुमान है ,
महेश तुम्हारी वंदना की महिमा हम गायें ।।

भगवान महेश करें तुम्हारी हम ये वंदना ।
शीश झुका कर चरणों में नित्य जय महेश जपना ।।5

 -- मोहित जागेटिया
    भीलवाड़ा राज.

Monday, May 25, 2020

इल्ज़ाम लिखूंगा


अधूरी मोहब्बत उसी के नाम लिखूंगा।
जिंदगी को मैं उसके सरेआम लिखूंगा।
दर्द की तन्हाई में रोता रहूंगा हर पल,
दर्द ए इश्क़ का तुम पर इल्ज़ाम लिखूंगा।।
मोहित जागेटिया

मेरे गीतों का श्रृंगार हो

मेरे गीतों का श्रृंगार हो तुम।
मेरे शब्दों का अंगार हो तुम।
जिस धड़कन से सासों में पिरोया,
मेरा सच्चा वो संसार हो तुम। ।
​©मोहित जागेटिया

Sunday, May 24, 2020

कुछ बातें अधूरी रह गई

कुछ बातें अधूरी रह गई
कहना बहुत कुछ था
पर उस समय सोचा नहीं था
साँसें चल तो रही थी
धड़कनें बढ़ गईं 
जीवन की राह क्या थी ?
मंज़िल तो वही है
पर सफ़र के रास्ते भटक गये ।
निकले तो थे घर से
ज़िंदगी बनाने पर 
जीवन ही बदल गया ।
देख कर हालात
सोच रहा ये मन
कहाँ पर आ गये ?
सोचा न था ये दिन
ज़िंदगी क्या जीत
क्या हार तय कर 
न पाएंगे।।
-- मोहित जागेटिया,

Tuesday, May 19, 2020

महाराणा प्रताप

*महाराणा प्रताप...*

उस हल्दीघाटी में आज चेतक का धाम है।
वीर शौर्य उस महाराणा प्रताप का नाम है।

रण के मैदान में घोड़ा चेतक निराला था,
शौर्य और पराक्रम का हाथों में भाला था।

वीरता से उसने मेवाड़  नाम बढ़ाया था,
उस चेतक ने भी राणा का साथ निभाया था।

सच्ची निष्ठा महाराणा प्रताप की पहचान,
इसलिए वो इतिहास में विश्व ख्याति था महान।

अमर अमिट सच्ची महाराणा की कहानी है,
उस योद्धा की ये धरती वो राजस्थानी है।

मेवाड़ को कभी नही होने लिया था गुलाम,
लड़ता रहा हमेशा वो मेवाड़ का संग्राम।

मानवता की गरिमा को सदा ही सजाया था,
मेवाड़ का सदा ही उसने मान बढ़ाया था।।

उस महाराणा प्रताप पर है हमको अभिमान।
साहस की इस वीर भूमि का नाम है राजस्थान ।।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा राज

Thursday, May 14, 2020

माँ


''''''""""""""*माँ*'''''''''''''''''''

माँ मूरत हैं प्रेम की,माँ ममता का प्यार।
माँ करुणा और दया,मिला माँ से दुलार।।

जीवन माँ की आस हैं,माँ मेरा विश्वास।
माँ शब्दों की शान हैं,माँ जो मेरे पास।।

जग में माँ अनमोल हैं,माँ से ये वरदान।
माँ पूजा हैं आरती,माँ ही तो भगवान।।

धरती का श्रृंगार हैं,दिव्य ज्योति का ज्ञान।
आज माँ के प्रकास से,मेरा ही अभिमान।।

माँ जीवन की डोर हैं,वो जीवन आधार।
माँ जग सारा सार हैं,नही हैं अंधकार।।

वो सबके जो नाम हैं,सब उसके हैं नाम।
माँ से पावन पुण्य हैं, वो तो आठों धाम।।
मोहित जागेटिया

सब दुख दर्द सहन कर के कब वो माँ सोती है।
पता भी नही जब किसी बात पर माँ रोती है।
कैसे भी कर अपने बच्चों को कभी पालती,
अपने बच्चों के लिए माँ एक माँ होती है।
मोहित जागेटिया

मजदूर

*कैसा सफ़र है...?*
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मजदूरों की ये कैसी अभिलाषा है ?
अब क्या ये ही इनकी ये परिभाषा है ?
भूखे-प्यासे अपने बच्चे ले चलते ,
इनके जीवन की अब किनको आशा है ??

तपती धूप में सफ़र से घर जाना है ,
पैरों के छालों से ठोकर खाना है ।
मजदूर होना कोई गुनाह है भला ?
बस आज ठोकर से नहीं घबराना है ।।

इनकी आँखों में दर्द भरा पानी है ,
कठिन रास्तों में इनकी ये रवानी है ।
देख दर्द के आंसू घाव बड़े गहरे ,
आज के मजदूरों की ये कहानी है ।।

जीवन में ये कैसा आज का सफ़र है ?
है मंजिल कितनी दूर कहाँ पर घर है ?
जिस रोटी के लिए ऐसा सफ़र होगा ,
आज मंजिल में सफ़र इधर से उधर है ।।

-- मोहित जागेटिया
   भीलवाड़ा

Thursday, May 7, 2020

कब रात हो गई है

ये दिन कब डल रहा था कब रात हो गई।
बिना मौसम के कैसी बरसात हो गई।
आँखों से दर्द के आंसू छलक रहें थे,
जाने क्यों उनसे ये मुलाकात हो गई।।
मोहित जागेटिया

मुश्किल का ये दौर निकल जायेगा

कभी सोचा नहीं था
जिंदगी में मेरे भी 
ऐसे दिन आएंगे ?
कभी सोचा नहीं था
वो ऐसे बदल जाएंगे ?
बीच राह में सफ़र
छोड़ कर जाएंगे ? 

मुश्किल का ये दौर है
कल निकल जायेगा ,
मगर हम राह जो चला था,
वो कल जरूर याद आएगा ।

ऐसा क्या किया था ?
जिसकी सजा 
मुझको मिल रही है ?
इससे अच्छी तो
जिंदगी पहले चल रही थी ।

न जाने जिंदगी में दर्द का
ये कैसा सैलाब आया है ?
ये कैसी जिंदगी है
जहाँ पर खुशियाँ
आँसू का उपहार है ?
सच्चाई ये
जीवन का तिरस्कार है ।

इतने तो कभी हम बुरे नही थे
जिसकी हमको ये सजा मिली 
ये ईश्वर ! 
तुम मुझसे क्या चाहते हो ?

नेक इरादा ,सत्य वचन
मधुर वाणी से चले ,
कर्म भी इतने बुरे नहीं थे 
जितनी ये सजा दी !!

भलाई का ये अपमान 
क्या भला है ईश्वर ?
सोचा न था 
कभी मेरे साथ ऐसा होगा ?
जो बंधन वंदन था 
उसने साफ़ दर्पण होगा ??

मंजिल थी सफ़र था 
क्यों राह पर भटक गये ?
चलना ही नहीं था तो 
क्यों सफ़र में निकले थे ?

कहीं सपने देखे थे 
वो आज टूट गये ।
दिल पर जो चोट लगी 
उनसे ये रिश्ते-बंधन भी 
अब शायद छूट गये ।।

-- मोहित जागेटिया

Saturday, May 2, 2020

बिखर गया हूँ

बहुत थका हुआ हूँ,अभी बहुत बिखर गया हूँ।
सफ़र पहले अच्छा था अब किस सफ़र गया हूँ 

तेरे आने से पहले घर बहुत अच्छा था,
जब से आई हैं लगता मैं बस भर गया हूँ।।

जिंदगी में कैसी तन्हाई मिली हैं आज,
आज इन हालातों से मैं भी गुजर गया हूँ।

जो भी हालात है जीने नहीं दे रहें है,
मैं आज हालातों से फैसला कर गया हूँ।

जिंदगी का फैसला अब दिल ने कर लिया है,
टूटा विश्वास ले कर आज में मर गया हूँ।

सोच लेना तुम भी अब अच्छी तरह से आज,
जिंदगी की गहराई में अब उतर गया हूँ।।

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज....