Saturday, July 24, 2021

गुरु पूर्णिमा


*गुरु पूर्णिमा की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं*
हर इंसान के जीवन में एक न एक गुरु अवश्य होता है।सबसे पहले हर इंसान का गुरु उसके माता पिता होते है।जिनसे इंसान कुछ न कुछ जरूर सिख लेता है।उसके बाद अध्यन के लिए जाता है तो उसके दूसरे गुरु अध्यापक होते है।जिनसे जीवन यापन करने की शिक्षा ग्रहण करता है।जो इंसान जिससे भी कुछ न कुछ सीख लेता है वो उसका गुरु होता है।
आध्यात्मिक गुरु वही होता है। जो जीवन के रास्ते बदल कर जीवन को सरल और सुगम बना देता है।जीवन को अंधकार से प्रकाश की और ले आता है।जो जीवन के हर कदम के रास्ते दिखाता है।जीवन को किस तरह भव सागर से अपने ज्ञान बोध से पार कराता है।और जीवन के इस फूल में खुशबू भर देता है।जिसकी गन्ध ईश्वर तक पहुँच जाती है।जिससे हमारा उद्धार होता है।जिससे ये जीवन आसान हो जाता है।
आज गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व  पर मैं उन सभी गुरुदेव की चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूँ ।जिनसे मैने कुछ न कुछ शिक्षा ग्रहण की है। मैं अपने आध्यात्मिक गुरुदेव *महंत दीपक पूरी जी की पावन चरणों में कोटि कोटि वंदन करता हूँ।*
उनके ज्ञान के प्रकाश की किरण हम सब भक्तों के ऊपर सदा बनी रहे।ये जीवन सदा उनके पावन चरणों की धूल में सदा अर्पण रहे।महादेव के आशीष से गुरुदेव के बताए हुए सत मार्ग पर हमेशा चले गुरु कृपा सदा हम सभी पर बनी रहें।

*चरणों में वंदन करूँ, करूँ नमन हर बार।*
*दर्शन देना अब मुझे ,मैं आया हूँ द्वार।।*

*गुरुवर तुम तार दो,जीवन कर दो पार।*
*इस जग ने नकार दिया,तुम कर लो स्वीकार।।*

*ये आशीष बना रहें,सदा रहें ये प्यार।*
*जो मिल जाएं जीत तो, आयें न कभी हार।।*

*तुम दीपक की ज्योति हो,मिलता रहें प्रकाश।*
*हर पग पथ पर साथ हो,मेरा है विश्वास।।*
मोहित जागेटिया


जहाँ सत्य सनातन धर्म का हमेशा ज्ञान मिलें।
जिनकी भक्ति की वंदना से सदा भगवान मिलें ।
जहाँ पर पूजा,आस्था और विश्वास रहती हो,
उस गुरु की पावन चरणों में सदा वो स्थान मिलें।
मोहित जागेटिया
















Tuesday, July 20, 2021

बरस जाओ बादल


बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल।
आ गया है सावन ,
महक जाए ये मन ।।

दिल की यही आवाज है ,
तुम से धरती का साज है ।
ले आओ धरती की आस ,
मन सबका कहता आज है ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
धरा से निकले अन्न।।

आज बुला रहा हर किसान ,
विनती करता हर इंसान ।
नदिया, झरने की आवाज ,
अब तो सुन लो हे भगवान ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
महक जाए हर वन ।।

धरती का प्रेम बुला रहा ,
मोर पपिया गीत गा रहा ।
साजन जो घर से दूर है ,
प्रेम उसका अब सता रहा ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
आवाज देता तन ।।

जिंदगी में खुशहाली हो ,
हर तरफ अब हरियाली हो ।
जब खूब बरसे बरखा तो ,
हर वक्त ये दीवाली हो ।।

बरस जाओ बादल ,
बरस जाओ बादल ।
आ गया है सावन ,
माह शिव का पावन ।।

*-- मोहित जागेटिया*

Saturday, July 3, 2021

जो ये दिल कहता है



जो ये दिल कहता है मैं वही काम करता हूँ।
जो भी करता उसको मैं सरेआम करता हूँ।
उसकी मोहब्बत पर मेरा हक रहता है तो,
ये सासें और धड़कन उसके नाम करता हूँ।।
मोहित जागेटिया

तन्हाई में



तन्हाई में जीना कितना 
मुश्किल होता है
दिल बैचेन मगर
यादों का सफ़र होता है
खुद ही जीना,खुद ही खोना
सफ़र कहाँ आसान होता है
मन की उदासी,दिल की बैचेनी
यादों को तड़पाती है।
जीना पड़ता है खुद के रास्तों पर
सफ़र कैसा भी खुद को ही चलना पड़ता है।
जिंदगी के कही सवाल होते है
ख्वाबों के जज़्बात होते है
मुसीबतों के पहाड़ होते है
न घबरा कर,हिम्मत से
सामना कर सफ़र में चलना होता है।
जब यादों के मोती
आँखों से गिरते है
आशाएं थम जाती है
पाव काँपते है,हाथ थरथराते है
मगर मन की हिम्मत रुकने कहाँ देती है
चल मुसाफ़िर ये ही तो असल जिंदगी है
जो कही ख्वाब बनेंगे कही ख्वाब टूटेंगे
न रुकेंगे ये पाव हिम्मत है जब तक चलेंगे
मोहित जागेटिया

Thursday, July 1, 2021

तुम्हें आज गा रहा हूँ


तुम्हें मैं लिख रहा हूँ तुम्हें आज गा रहा हूँ।
देख खुशबू को, तेरे मैं करीब आ रहा हूँ।

तेरी चाहत को करीब से देखा है मैंने,
इसलिए हाल दिल का तुम्हें मैं बता रहा हूँ।

तुम्हारी इस मोहब्बत को दिल में बसाया है
तुम्हें देख कर अब तो मैं सुकून पा रहा हूँ।

इस सफ़र में तुम्हारा साथ जो रब से मिला है
इन प्यार के रिश्तों को प्यार से सजा रहा हूँ।

मेरे ख्वाबों की कहानी अब हकीकत होगी,
तेरे प्यार का, अम्बर धरा से मिला रहा हूँ।

मेरी कविताओं से शब्दों के भाव से आज,
दिल का दर्द गा कर तुम्हें हाल दिखा रहा हूँ।
मोहित जागेटिया