Sunday, September 12, 2021

क्यों किस्मत बनाई




जो नसीब में नही था उसको क्यों किस्मत बनाई,
अगर ज़िंदगी में नही क्यों वो ज़िंदगी में आई।

अब जिसका नाम नही रहा हाथों की लकीरों पर,
क्यों मेरी दुनिया उसने अपने संग सजाई।

अगर मिल कर बिछड़ना था जीवन सफ़र में कही तो,
ज़िंदगी में क्यों मिल कर बिछड़ने की आग लगाई।

मेरी आस्था और विश्वास अब टूटा है ईश्वर
मेरा भरोसा और हर उम्मीद भी अब मिटाई।

शिकायत तुम से है भगवान, ज़िंदगी के सफ़र में,
जिनका साथ नही था क्यों उनसे ज़िंदगी मिलाई।
मोहित जागेटिया






Friday, September 3, 2021

कोई मिला नही सकता है


दिल से टूटा सपना अब कोई सजा नही सकता है।
जीवन में कब क्या होगा ?कोई बता नही सकता है।
ज़िंदगी सपने,उम्मीदों और विश्वास से भरी थी,
जो खुशी खो गई उससे कोई मिला नही सकता है।
मोहित जागेटिया


बस एक ही हिंदुस्तान


एक सपना हमने भी सजाया है।
एक सपना उसने भी बनाया है
हकीकत की हो ये दुनिया हमारी,
जब से उस मोहब्बत को पाया है।

ये सफ़र हमारा आज आसान हो।
न कोई गम हो,दिल में मुस्कान हो।
इस जिंदगी की लहरों के बीच में,
जिंदगी में आएं कितने तूफान हो।

बस मंजिल तो सपनों की उड़ान है।
रास्ते कितने ही आज अनजान है।
इस दिल में जिसकी मोहब्बत रहती,
वो तो बस एक ही हिंदुस्तान है ।।

मोहित जागेटिया

राधिका संग होता


मन में कितना सकूँन होता,
जब मैं भी राधिका संग होता।

न कोई वेदना होती,
नही विरह में अब मैं रोता।

कान्हा तुम तो आ जाते,
मेरी पुकार सुनने को अब तो।

अगर साथ तुम देते तो,
कभी ये मन इधर उधर न खोता।
मोहित जागेटिया