*लव ज़िहाद*
तुम अभी भी नहीं जागे
तो देख लेना ये अंज़ाम कल
बहुत बुरा होगा ।
आँखों के सामने वो लोग
क्या-क्या कर रहें हैं ?
देख लो एक चश्मे से
अंदर की आत्मा से
कैसी-कैसी घटनाएं
एक साजिश के साथ घट
रहीं हैं ।
हर एक बेटी कैसे-कैसे
साजिश का शिकार हो रही है ।
बस प्रेम के चक्कर में
ख़ुद को वो मिटा रही है।
ये कैसा प्रेम जो ख़ुद
चाकू की नोक पर
कट रही है ?
बिना सोचे-समझे ये
प्रेम का नतीजा है जो हर बार
टुकड़ों में कट रहीं हैं।
हर घटनाएँ सीख दे रहीं हैं
तुम बेटियाँ अब तो जाग जाओ
इस प्रेम में ख़ुद को बर्बाद मत करो ।
इस जीवन में कुछ फैसला घरवालों
की इजाज़त से भी ले लो ।
देख लो आने वाला कल का समय कैसा होगा ?
आज देख लो । ये जीने नहीं देंगे
ये ख़ुद समय आज बता रहा है ।
कैसे-कैसे हर हिन्दू बेटी लव-ज़िहाद का
शिकार हो रही है ।
हर घटनाओं को जानकर बेटियाँ क्यों
अनजान हो रही है ??
*-- मोहित जागेटिया*