Monday, May 8, 2017

निर्भया

निर्भया तुम्हारा दाग तो गहरा था
दरिंदों के आगे तुम्हारा चहरा था
दरिंदों ने सारी हदें अपनी तोड़ दी
सभी के आगे तुमने दुनिया छोड़ दी
इंसाफ  के लिए हम सब आगे आयें
तुमको इंसाफ मिलें दुआ मांग लायें ।
बालिग नाबालिग संसद में बहस चली,
सभी के दिल में क्रोध की जब आग जली
कुकर्म की भी कोई उम्र होती है
क्यों सरकार इन मुदो पर ही सोती है
ऐसे में सरकार को भी झुकना पड़ा
आज फैसला अदालत का चुनना पड़ा
अच्छा होता फाँसी उस दिन हो जाती
दामिनी भी सुकून की नींद सो जाती ।
जो भी फैसला है सबको मंजूर है
फिर भी निर्भया तो हम सब से दूर है।
मोहित


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