मिलों तुम तो तुम्हारा ही अहसास लिखूंगा । बिन देखे तुम्हें में खुद को उदास लिखूंगा । तुम्हें देख कर ही में ये जीवन जी पाया, कभी दूर चले जाहो दिल के पास लिखूंगा । मोहित
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