Friday, April 30, 2021

तुम्हें लिखता रहा हूँ


तुम्हें लिखता रहा हूँ
मैं मेरे शब्दों में,
तुम्हें सजाता रहा हूँ
मेरी कविताओं में,
तुम्हारा हर पल अहसास
होता रहा है
मेरी किताबों में,
तुम्हें गाता रहा हूँ
दिल के सुकून के लिए,
तेरी आहट
मेरी कलम में आ रही है...!

-- मोहित जागेटिया

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