Tuesday, October 5, 2021

पहचान है


मेरी मंजिल मेरा सफ़र नहीं आसान है।
आज चलना फिर रूकना ये ही नुकसान है।
ख़ामोश लब पर कुछ कह पाना आसान नहीं,
हर गम में भी मुस्कराना आज पहचान है।
मोहित जागेटिया

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