शक्ति और भक्ति से जो बलवान है।
राम सिमरन से जिसका गुणगान है।
संकट और पाप को जो भी हरते ,
वो राम भक्त हमारे हनुमान है।।
मोहित जागेटिया
जिसने फूलों का भी श्रृंगार किया।
उसको हमने भी स्वीकार किया।
धरा की गंध भी महकने लगी,
ईश्वर का सबने आभार किया।।
मोहित जागेटिया
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