Mohit jagetiya
Wednesday, May 31, 2023
ग़ज़ल
प्यार भरा ये कैसा सफ़र मिला है।
देखा जो उधर वही इधर मिला है।
हर ख़्वाब,उम्मीद सच में सच तो है,
इस जीवन का एक घर जो मिला है।
कुछ उम्मीद की रौशनी जो आई,
गाँव छूटा तो आज शहर मिला है।
जिस रिश्तों का यहाँ पर विश्वास हो,
साथ उनका ये जीवन भर मिला है।।
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