शक़ल दिखती है , न शरीर दिखता ,
तुम कहाँ पर रहते हो आज कल ?
अब तो सफ़र किधर है जीवन का ?
कैसा है इस जीवन का हर पल ?
कदम में हो तेरे मंजिल और ,
हमेशा मुसीबत का निकले हल ।
किरदार हमेशा चमकती रहे ,
इन आँखों में रहे खुशी का जल ।
हमारी ये शुभकामनाएँ हैं ,
जीवन में हमेशा हो तुम सफल ।
*-- मोहित जागेटिया*
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