सबसे आगें बड़ रहा,हमारा जय विज्ञान।
इस धरती से चांद तक,अपना हिन्दुस्तान।
""ये नई प्रभात हो रही है""
हमनें ही इतिहास लिखा है ,
हमनें इतिहास बनाया है ।
भारत माँ का मान है रखा ,
इस जग में मान बढ़ाया है ।।
विज्ञान की मेहनत को देख ,
सारी दुनिया भी जान रही ।
जिसमें कभी कुछ नहीं समझा ,
वो भी लोहा मान रही है ।।
अब खुशियों की बारिश होगी ,
देख सुहाना मौसम आया ।
इस धरती से गगन चलें हम ,
तिरंगा चाँद पर लहराया ।।
इस राष्ट्र चेतना का बढ़ता ,
सारा हमारा यशगान है ।
ये नई प्रभात है हो रही ,
नये भारत नई उड़ान है ।।
देख लो दुनिया वालों आज ,
हम ऋषियों की संतान है ।
भारत भूमि वेदों की रही ,
हमारी सच्ची पहचान है ।।
चंदा मामा अब दूर नहीं ,
माँ और मामा पास है ।
रिश्ते में अटूट प्रेम भरा ,
रक्षा बंधन का विश्वास है ।।
ये सदा शिखर पर ध्वजा रहे ,
इस धरती का भेद मिटाया ।
भरी हौसलों की उड़ान जो,
चाँद पर तिरंगा लहराया ।।
-- मोहित जागेटिया
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