जन-जन की आस्था का धाम है कोटड़ी ।
चारभुजा नगरी का नाम है कोटड़ी ।
हर सच्ची श्रद्धा का श्याम है कोटड़ी *,*
प्रभु चरणों में सदा *प्रणाम* है कोटड़ी ।।
जपते नाम तो सदा पास है कोटड़ी ।
सदा भक्ति का जो आभास है कोटड़ी ।।
तीनों दिशा शिव का निवास है कोटड़ी *,*
ये सच्ची निष्ठा की आस है कोटड़ी ।।
फूलों से सजता दरबार है कोटड़ी ।
श्याम गले में सजता हार है कोटड़ी ।
सुंदर शोभा का अवतार है कोटड़ी *,*
मन से बोलो जय जयकार है कोटड़ी ।।
*-- मोहित जागेटिया*
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