हर सच्चे इंसान का ठिकाना बदल गया।
बिना मतलब कहीं आना-जाना बदल गया।
अब तो सच की दुनिया से झूठी दुनिया तक ,
हर दोस्ती का अब हर दोस्ताना बदल गया।।
मोहित जागेटिया
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