उसका मुसीबत में अब काम आना नहीं रहा है।।
वक्त बदला तो अब सारे ये हालात बदल गए।
अहसास का वो दौर सारी मुलाक़ात बदल गए।।
हमारी दोस्ती का वो अब जमाना नहीं रहा है।
मेरी दोस्ती का अब वो दोस्ताना नहीं रहा है।
न पहले वाला मिलता हमें अब सम्मान नहीं है।
ऐसे जिंदगी जी रहें। जैसे पहचान नहीं है।
जिंदगी के सफ़र में कल छूट गया,आज याद है,
हम गम का चेहरा छुपाते, अब मुस्कान नहीं है।
आज याद करें दोस्ती वो फ़साना नहीं रहा है
मेरी दोस्ती का अब वो दोस्ताना नहीं रहा है।
सच्ची दोस्ती का वो सफ़र अब भी याद आता है।
बीते साथ का वो वक्त नहीं भुलाया जाता है।
कभी फ़िक्र रहती एक-दूजे में कितना प्यार था।
रोज मोहब्बत करने वाला वो मेरा यार था।।
सच्ची दोस्ती का अब वो दीवाना नहीं रहा है।
मेरी दोस्ती का अब वो दोस्ताना नहीं रहा है।।
वो लौट कर फिर वापस आज मेरा पल आ जाएं।
दोस्ती से महकता सुकून भरा वो कल आ जाएं।
उसी अंदाज में मिलने का हर बहाना आ जाएं
गुजरे लम्हों का मेरा वो दोस्ताना आ जाएं।।
:-मोहित जागेटिया