Saturday, April 15, 2017

पत्थर बाज पर कविता

उन कुत्तों का भी ईलाज कर दो
मांगे  कश्मीर तो बाज कर दो ।

सेना  पर  जो  भी  पत्थर मारे
सेना  की  गोली  से  अब  हारे।

गद्दारों का तुम वो काम कर दो
मिटा कर उनको अब शाम कर दो।

बहुत हो चुकी उनकी नादानी
बहुत बहक चूका उनका पानी  ।

ना  बने  उनकी  कोई  कहानी
मिट जाए उनकी आज जवानी।

मिटाने  से  ही  ईलाज  होगा
नही  तो  ऐसा ही  आज होगा।

नही सेना का अपमान चहिये
हमें तो सेना की शान चहिये।

हमें  तो गद्दारों से  आजादी
खिलता हुआ हिन्दुस्तान चहिये ।

मोहित

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