Friday, March 13, 2020

तुम से ही जीवन के सपने निहारे हैं मैने

तुम से ही जीवन के सपने निहारे हैं मैंने ,
इस यादों के संग रोज दिन गुजारे हैं मैंने ।
अब शायद ये पतझड़ गई है वसंत आई है ,
खिल कर ज़िन्दगी के जो सपने तारे हैं मैंने ।।

तुम से ही मेरे जीवन की ये जो कहानी है ,
आँखों मे तेरी यादों का रोज ये पानी है ।
धड़कन की ये आरजू तुम से साँसों से बँधी ,
जो तस्वीर मेरे दिल मे वो मेरी रानी है ।।

-- मोहित जागेटिया

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