Sunday, March 8, 2020

नारी



नारी
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वो दिव्य ज्योति है
जो जल कर ज्ञान देती है
वो शब्द नहीं वो भावना है
नारी से सारी शुभकामनाएँ हैं ।

सब रिश्तों को वो निभाती है
माँ बन कर सारे सपने सजाती है
बहिन बन कर रिश्तों को अपनाती है
पत्नी बन कर प्रेम को लुटाती है
नारी ही रिश्तों को रिश्ता बनाती है ।

वो भक्ति में कभी मीरा होती है
वो शक्ति में दुर्गा माँ जगदम्बा होती है
सीता बन कर राम का साथ देती है
वो मोहन की दीवानी राधा होती है 
वनारी है देवी शक्ति जिसकी पूजा हम करते हैं ।

वो पन्नाधाय थी जिसने अपने पुत्र को बलि चढ़ाया
स्वाभिमान के लिए पद्मावती ने जौहर दिखाया
खूब लड़ी वो मर्दानी वाली झाँसी की रानी
विज्ञान में कल्पना ने चाँद छू कर आई
भारत माँ का मान रखा भारत की नारी ने ।

वो नारी इंद्रा थी जिसने अपने लोहा मनवाया था
सुषमा स्वराज ने विश्व मे भारत का मान बढ़ाया था
सोनिया ने दूसरों को प्रधानमंत्री बना कर देश चलाया था
निर्मला ने कभी रक्षा तो आज वित्तमंत्री का पद निभाया है
नारी ने राजनीति में सारी भूमिका निभाई है ।

--मोहित जागेटिया

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