अब सरयू तट सज गई,सजा अयोध्या धाम।
जन जन की आवाज थी,घर आएंगे राम।।
अब फूलों सा महकता,सजा राम दरबार
दर्शन कर के राम का,होगा अब उद्धार।।
लता लता खिल रही,सज रहा दिव्यधाम।
घर घर दीपक जल रहा,दर्शन देंगे राम।।
सपना पूरा हो रहा,वर्षों का सम्मान।
इच्छा मंदिर की रही,होगा अब निर्माण।।
मोहित जागेटिया
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