रक्षा बंधन
दाहें:-
राखी का त्यौहार है,रिश्तों का विश्वास।
धागा सच्चे प्रेम का,जीवन का अहसास।।
रिश्ता भाई बहिन का,जिसमे अटूट प्यार।
ये बंधन तो स्नेह का,खुशियां भरी अपार।।
ये धागा है प्रेम का,होठों पर मुस्कान।
देता आज रक्षावचन,बहिन का रहे मान।
मुक्तक:-
रिश्तों की डोर के बंधन से सजी कलाई।
रक्षा का वचन देता आज बहिनों को भाई।
थाल सजाए कुमकुम रोली टीका लगाए,
उमंग भरे खुशी मनाएँ ये राखी आई।।
मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा राज.
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