Mohit jagetiya
Sunday, May 30, 2021
दोहें
भाव नही मिलता जहाँ, वहाँ नही प्यार।
वो दिल कुछ कहता नही,होती कुछ तकरार।।
सच्चाई से दूर है,ये जीवन किस पार।
मतलब के संसार में, झूठा सबका प्यार।।
कोई अपना भी नही,है सबका भगवान।
स्वार्थी सबका प्यार है,झूठा ये इंसान।।
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