कोई सुनने वाला भी नही इनकी पुकार।
किस्मत में क्यों मिलती हर बार बार हार।
जिंदगी कैसी इनकी कोई न समझ पाया
कभी भी मेहनत का फल घर पर कुछ न लाया।
जो सबका पेट भरता खुद क्यों भूखा सोता।
क्यों अपनी इस किस्मत पर हर बार क्यों रोता।।
वही बदकिस्मत सुनती नही कोई सरकार।
मौसम बेमौसम की पड़ती उस पर हर मार।
उससे से रूठ जाता नही सुनता भगवान।
सबसे हारा हुआ रहता भारत का किसान।।
:-©मोहित जागेटिया
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