Wednesday, July 26, 2017

यमुना के किनारे

यमुना  के  किनारें  काना  बंशी बजाते थे।
गोकुल  में  तो  मुरली  वाले गाय चराते थे।
अरे नटखट थे नन्द और यशोदा का लाला,
राधे  नाम  की  वो ब्रज  में धूम मचाते  थे।
मोहित जागेटिया

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