यमुना के किनारें काना बंशी बजाते थे। गोकुल में तो मुरली वाले गाय चराते थे। अरे नटखट थे नन्द और यशोदा का लाला, राधे नाम की वो ब्रज में धूम मचाते थे। मोहित जागेटिया
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