मोहब्बत की कभी नही शाम होने दूँगा। जीवन को कभी नही नीलाम होने दूँगा। करता रहूँगा हमेशा नेक काम यहाँ पर, कभी नही खुद को मैं बदनाम होने दूँगा। मोहित जागेटिया
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