Mohit jagetiya
Saturday, October 31, 2020
क्या शिकायत है
तमन्नाओं के शहर हम हकिगत है।
ख्वाहिशों का दौर उसकी रहमत है।
जो मांगते वो मिल जाता कभी तो,
हमारी उनसे फिर क्या शिकायत है।
मोहित जागेटिया
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