Thursday, October 8, 2020

चुनाव सरपंच


""""चलो ब्रुश को आजमाते है""""
ब्रुश से राजनीति की अब धुलाई होगी।
विचारों से राजनीति की सफाई होगी।
सियासत में गंदगी की सफाई के लिए
जनता खुद मैदान में आज आई होगी
लगा रहें सभी दम सियासत के परवाने,
जिसने खुद की चमक रब से बनाई होगी।
अब उसको कोई भी झुका सकता नही है
जिसमे जनता की हर दुआ समाई होगी।
प्रकास की तरह चमक अब ब्रुश से रहेगी,
ज्योति नूर की आज जो जलाई होगी।
आज हम सियासत के सफ़र में चले है
ये नई मंजिल की अग्रिम बधाई होगी।।
मोहित जागेटिया


चुनावों का ये दौर है
गलियों,मोहल्ले,चोरायें पर शोर है
चुनावी मद्दा कुछ भी नही है
कौंन जीत रहा कौन हार रहा
इसी समीकरण का जोर है।
सियासत में बस सियासत चल रही
जनता के सवालों को कोई पूछ नही रहा
जनता हर बार बहकावे में आती है
लोभ लालच दे कर जनता की
आवाज को दबाई जाती है। 
ऐसे ही सरकार बनाई जाती है।




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