Monday, August 9, 2021

श्रद्धा भाव खिलता है


उसके बगैर कभी पता भी नही हिलता है।
रबकी चाहत के बगैर कुछ नही मिलता है।
मिल जाता उसके दरबार में हर नसीब भी,
जहाँ जहाँ सच्ची श्रद्धा का भाव खिलता है।
मोहित जागेटिया

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